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Rs Sharma
आप और आपके पूरे परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी और गोगा नवमी की हार्दिक शुभकामनाये
om_shiv_gorakhnath
मेरे बागड़ वाले वीर तेना तो , अजब खेल दिखाया था। र आप टूट्या था ताला महल का, जब मेरे राणा जी ना रानी सीरियल को पर्चा लाया था। (जय बाबा जाहर वीर राणा जी🚩) ©om_shiv_gorakhnath Jai गोगा जाहर वीर
Raju Kumar
Red sands and spectacular sandstone rock formations खबर लगी की सादी है उनकी, ना जाने कितनो का आना जाना होगा, मेरे गली मे अंधेरा होगा, उनके गली मे उजाला होगा ©Raju Kumar #Sands उनके गली उजाला गोगा
om_shiv_gorakhnath
के र,,, 6 महिने एक पैर पा खडे होके ने, रानी सीरियल ने उस सच्चे मालिक की सेवा करी थी। र,, मेरी बिछड़ी जोड़ी ने मिलादे, नारायण भगवान ता बस या ही फरियाद करी थी (जय बाबा जाहर वीर राणा जी महाराज 🚩) (जय माता रानी सीरियल की 🚩) ©om_shiv_gorakhnath Jai shree गोगा जी महाराज
Ajeet Ajeet
हैप्पी राम नवमी के ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई जस विधिं रखों राम तस विधिं रहियों सिता राम सिता राम कहीयों ©Ajeet Ajeet #राम #नवमी
Bishwa Bijay Sharma
गोस्वामी तुलसीदास ने श्री रामचरित मानस में लिखा है, कलयुग केवल नाम अधारा I सुमिरि सुमिरि नर उतरहि पारा II अर्थ: कलयुग में केवल राम नाम का जाप करने मात्र से मनुस्य भव बंधन से मुक्त होकर भवसागर पार हो जायेगा I भावार्थः कलयुग के प्रभाव को समझने वाले ये जानते थे कि कलिकाल मे मनुष्य धर्म कर्म से विमुख होकर सांसारिक मोह माया में संलिप्त रहेगा, उसे भगवत भजन में अरुचि तथा कलयुगी व्यसनों के प्रति घोर आशक्ति होगी, चूँकि गोस्वामी तुलसीदास जी भविष्य द्रष्टा थे, अतः उन्होंने मनुष्य को धर्म-कर्म की तरफ जोड़ने के लिए ये चौपाई लिखी थी अभिप्राय ये था कि मनुष्य अपनी मुक्ति के उद्देश्य से जब श्री राम नाम का सुमिरन बारम्बार करेगा, तो उसे श्री राम के बारे में जानने की उत्सुकता होगी और वो श्रीराम चरित मानस एवं अन्य धर्म ग्रंथो का अध्ययन करेगा, जिससे उसे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शो और मूल्यों का ज्ञान होगा, और अगर श्रीराम के आदर्शो और मूल्यों में से मनुष्य हजरावां भाग भी आत्मसात कर लेगा तो निसन्देह मनुष्य सभी बंधनो से मुक्त होकर भव सागर पार हो जायेगा I उदाहरण: जिस प्रकार भोजन -भोजन कहने मात्र से भूक नहीं शांत होती, एवं पानी - पानी कहने मात्रा से प्यास नहीं बुझती अपितु भूक के लिए भोजन एवं प्यास के लिए पानी को ग्रहण करने के उपरांत ही भूक एवं प्यास शांत होता है, उसी प्रकार केवल राम नाम जपने मात्र से मुक्ति नहीं मिलती अपितु अपने आचरण में श्री राम के आदर्शो एवं मूल्यों को आत्मसात करने के उपरांत ही मुक्ति मिलती है I जै श्री सीता राम I ✍️विश्व विजय राम नवमी