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Stories related to सरस्वती के भंडार की

unique writer

ले के खुशियों की बहार

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Anushka Rathore

नया साल 2025 की पहली शायरी भाभी के नाम

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Unsplash 
खेत में गिर गई चाबी 
 हैप्पी न्यू ईयर भाभी 
😘😘😚☺️😊😜

©Anushka Rathore नया साल 2025 की पहली शायरी भाभी के नाम

Asheesh Mishra

ज्ञान के भंडार राहुल बाबा #राहुलगांधी #पप्पू #मनोरंजन #नेता #netajilapeteme #संसद

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priyanka pilibanga

सरस्वती मां 👏

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Tripurari Pandey

जय मां सरस्वती

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kuldeepbabra

फूलों के गुना की खुशबू love shayari

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White स्कूल कितना भी खूबसूरत क्यों ना हो तारीफ उसके खुशबू की की जाती है

©kuldeepbabra फूलों के गुना की खुशबू love shayari

neelu

#sad_quotes #आपके हां कहने की उत्सुकता के साथ आपको ना कहने की समझने की तैयारी को जीवन कहते हैं

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White आपके हां कहने की उत्सुकता के साथ
 आपको ना कहने की समझने की
 तैयारी को जीवन कहते हैं

©neelu #sad_quotes #आपके हां कहने की उत्सुकता के साथ आपको ना कहने की समझने की तैयारी को जीवन कहते हैं

–Muku2001

वाणी की देवी हर कण में हर मन में
की जो मानता है उस देवी को
 जो बसी है हर उस कण कण में
 वो बसी हैं हर उस जन मन में 
की वो पुस्तकों से लेकर उन किताबों में हैं 
वो बैग से लेकर उस कलम में हैं 
वो उस काले बोड से लेकर उस काली स्लेट में
 है वो सफेद चोक लेकर उस रंगीन नोक में है
 वो उस पेंसिल से लेकर उस रबर में हैं
 वो शब्दों से लेकर हर शब्दांशो में हैं
 वो हर ध्वनि में हैं वो हर वाणी में है 
वो हर कहानी से लेकर हर उस किरदार में है 
वो आन में हैं वो मान में हैं वो हर सफ़लता के सम्मान में हैं।

©–Muku2001 #Quote #sarsawati #सरस्वती #maa #Mother #inspirationalquotes  #Motivational  #Nojoto #muku2001 #story

Umesh

🌸हारे के सहारे की जय🌸

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नवनीत ठाकुर

#वक्त के आगोश में खोए लम्हों की सदा

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वक्त की आगोश में खोए लम्हों की सदा

दिन का उजाला काली रात में जब घुल सा जाता है,
काले बालों पर सफेदी का रंग यूं धीरे-धीरे छाता है।

दरख़्तों को देखता हूँ, जो कभी थे हरियाली की मिसाल,
अब बिन पत्तों के खड़े हैं, वक्त का ये भी एक हाल।
ग्रीष्म में जो राहगीरों को ठंडक पहुंचाते थे हर बार,
आज वो सूखे ढेरों में बदल गए, जैसे वक्त ने की है मार।

तब सोचता हूँ, तेरी खूबसूरती का क्या होगा अंजाम,
इस वक्त के साये में, रहेगा क्या तेरा कोई नाम? वक्त की धार हर हुस्न को मिटा के जाती है,
नई खुशबू के संग पुरानी यादों को दबा जाती है।

वक्त की दराँती से कौन बच सका है यहाँ,
किसे है खबर इस सफर की आखिरी मंजिल है कहां?
पर एक उम्मीद है, जो तेरी बनाए रखेगी पहचान,
 जो तेरा नाम यूं ही रोशन करेगी, वो है तेरी संतान।

©नवनीत ठाकुर #वक्त के आगोश में खोए लम्हों की सदा
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