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shyam
दिल की जमीं पर, सपनों के हजारों काँच तोड़ गए। बड़ी महोब्बत से पहनाया था जिसकी उंगलि में अंगूठी देखो वो ही हाँथ छोड़ गए। :-श्याम कवि रामकृष्ण नेताम vinodsaini
jisu saif
Religion जिस दिन टूट जाएगी , जाति की झंजीर। भेद भाव ख़तम कौन अमीर कौन फकीर।। उस दिन गरीब भी खा सकेगा, चैन से निवाला । जिस दिन ख़तम होगा, जाति जाति कहने वाला।।। ... jisu जाति जाति जाति
shyam
Haaye Mai Marjaavaan उसने पुछा इश्क के आग मे जलने का मज़ा क्या हैं, हमनें हस कर कहा तुम्हे देखने के बाद इसके सिवा हमारे पास बचा क्या हैं। pooja negi# vinodsaini suman# कवि रामकृष्ण नेताम
Dharmendra singh
कोई जाति नीच नही होती है किंतु नीच आदमी हर जाति में होती है। ©Dharmendra singh जाति
SG
बाहर किसी को क्या ही बोलना ? जब अपने ही लोग जाति की जंजीरो मे जकडे है एक बच्चे की ख्वाइश को मरते देखा मैने खुद को घुटते देखा मैने ©❤SG❤ जाति
RajeshKumar
जाति है कि अब जाती नहीं! पता नहीं कैसी ये जाति है!! जन्म के साथ यह आती है! मरने पर भी ये नहीं जाती है! पढ़ा इतिहास जब मैंने महापुरषों का, जातियों का जिक्र हर जगह आती है!! जाति----------------------------!! जाति ही छूत है,जाति ही अछूत है! जाति ही कुपूत है,जाति ही सुपूत है! कुछ जातियों का माथा देखा मैंने, लगा तिलक, चन्दन और भभूत है!! उन्हें देख और जाति खुद शरमाती है!! जाति -------------------------------------!! जाति नहीं तो कुछ भी नही! जाति नहीं तो पूछ भी नहीं! जाति जब खत्म हो जाये, होगा किसी की अब लूट नहीं!! जाति ही सबको खूब लड़वाती है!! जाति----------------------------!! जाति ही तो सबको है जन्माती! जाति ही तो खुद पर है इठलाती! जाति ही तो सारी दुनिया में, नफरत की ज्वाला है भड़काती!! जाति ही सबकी सरकार बनवाती है!! जाति----------------------------!! जाति ही पुजारी है,जाति ही भिखारी है! जाति ही जात का बना अब शिकारी है! गांव व शहरों के जातियों को देखो तुम, वह बना जन्मजात सफाई कर्मचारी है!! जाति ही जीने का आधार बन जाती है!! जाति-----------------------------!! जाति अब फैलाती उन्माद है! जाति-जाति में फैला विवाद है! फिर भी बडे नेता लोग ढूंढते हैं, दूसरे जातियों में अपना दमाद हैं! फिर भी कभी नहीं शर्म उन्हें आती है! जाति------------------------------!! मिला आरक्षण कुछ जातियों का छूट है! जातियों में जाति का हुआ अब लूट है! जाति-जाति करते यहां के सब नेता लोग, इंशानों में डाला अब बहुत बड़ा फुट है! जाति पर ही तो सरकार बन जाती है!! जाति------------------------------!! जाति रहबर है,जाति ही कहर है! इंशानों में फैला जाति का जहर है! "राजेश"फेंकों तुम जातियों का चश्मा, जातियों में बंट गया गांव औऱ शहर है! जाति ही सबको बहुत तड़पाती है!! जाति है कि अब जाती नहीं!! पता नहीं कैसी ये जाति है!! Tr-राजेश कुमार सेमरी (देव),करगहर,रोहतास ###जाति###
Neophyte
खुद का ही एक कारागार बना रखा है लोगो ने जातियों को व्यापार बना रखा है एक एक जर्रे में मेरे तेरा नाम समाया है सबने उसे मिटाना अपना अधिकार बना रखा है जी तो लेते है सब यहाँ घूट-घूट जहर पीकर पर अपनो ने यहाँ जीना धिक्कार बना रखा है समाज क्या कहेगा ये सुनने की हिम्मत नही आपमे और जाती को रिश्ते काटने का हथियार बना रखा है! जाति!
shyam
मिल कर बिछड़ना ,बिछड़कर कर तड़पना, तड़प कर मिलना और मिल कर सांथ चलना। कुछ और नही सब किस्मत की बात हैं। हम जीते तो हैं अपने लिये पर मरेंगे किसपर ये तय करते एक दूसरे के जज्बात है। :-श्याम कवि रामकृष्ण नेताम Ghanshyam Sonker $ubha$"शुभ" vinodsaini suman#