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SHIVAM TOMAR "सागर"
Unsplash जो आज है , वो कल नहीं होगा क्या , लगा तुम्हें इस समस्या का हल नहीं होगा जो सोच रहे हैं करने को मेरे साथ वो ही बताएं जरा क्या उनके साथ कोई छल नहीं होगा मानता हूं आज नहीं है मेरी सामर्थ तो क्या मेरे ईश्वर में भी बल नहीं होगा । ©SHIVAM tomar "सागर" #library Ashutosh Mishra pramodini Mohapatra Mona Pareek Internet Jockey Mysterious Girl
#library Ashutosh Mishra pramodini Mohapatra Mona Pareek Internet Jockey Mysterious Girl
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Unsplash कर ले सितम अब तेरी रुखसती के दिन हैं ना होगा दीद तेरा हम भी बा यक़ीन हैं अपनी ही मिल्कियत में तुझे तालियां मिलीं अब सुन ले ये गूंज तेरी आफियत के दिन हैं बड़ी रोशनी बिखेरती तेरे लेबलुआब है सूरज बता रहा तेरे , ढलने के दिन है बग़ावत की बस्ती में हुकूमत के दिन हैं, ज़मीरों के सौदे में सियासत के दिन हैं। जहाँ सच को दफ़्ना के ख़ुदा लिख दिया है चारों तरफ झूठ की इबादत के दिन हैं। लिबास में गुलामी झलकती है जिनकी वो कहते हैं उनकी बग़ावत के दिन हैं। जो पत्थर में भी चेहरे तलाश किए थे, वो कहते हैं बस उनकी शराफ़त के दिन हैं। जहाँ चोर को ताज औ' मेहराब सजे हैं उस दानिश की आज रुख़सती के दिन हैं राजीव ©samandar Speaks #Book Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Radhey Ray मनीष शर्मा
#Book Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Radhey Ray मनीष शर्मा
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Unsplash ग़म और भी है मगर खुलासा कौन करे हर बात में मुस्कुरा देता हूं तमाशा कौन करे हर ज़ख़्म को दिया है चुपी का नाम मैंने बेवजह दर्द अपना किसी से साझा कौन करे जो दिल में चुभते हो सवालात शब भर उनपे सहर के गुनाहों का इशारा कौन करे जिन राहों पर उजालों का डर समाया हो उनमें अंधेरों के खौफ को नुमाया कौन करे तक़दीर जब लिखी है सियाही से बेरंग हीं फिर ख़्वाब के सुरज का दिखावा कौन करे जो लोग ख़ुद सौदाई हो, ग़फ़लत के बाजारों का उनसे यार ए वफ़ा का अब दावा कौन करे राजीव ©samandar Speaks #library अंजान Satyaprem Upadhyay Radhey Ray Poonam bagadia "punit" Internet Jockey
#library अंजान Satyaprem Upadhyay Radhey Ray Poonam bagadia "punit" Internet Jockey
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White ये धड़कते पत्थर हैं, कोई दिल नहीं, छुपे दर्द के किस्से, कोई सिल नहीं। खुशबुओं की चादर में, जो बहार लिपटी, हर कांटे ने कहा, यहां फूल नहीं। चमकती रोशनी में, साये खो गए, अंधेरों ने पुकारा, यहां दिल नहीं। ख्वाबों की रवानी में, जो बहा पानी, हकीकत ने कहा, ये मुकम्मल नहीं। तू फलक पर चमके, ज़मीं भूल जाए, मगर याद रहे, ये हासिल नहीं। हर सांस में समंदर की गहराई है, मगर साहिल पे कोई कश्ती सलामत नहीं। हर आह ग़ज़ल है, हर आंसू शेर, मगर सुनने को कोई महफ़िल नहीं। राजीव ©samandar Speaks #love_shayari Samima Khatun Radhey Ray Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Mukesh Poonia
#love_shayari Samima Khatun Radhey Ray Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Mukesh Poonia
read moreMaya Sharma
White बातें कम हो जाए लेकिन प्यार कभी काम मत करना बेशक जी भर के लड़ लेना मुझसे साथ कभी ना छोड़ना मेरा 🌹🌹राधे राधे 🌹🌹 ©Maya Sharma #sad_quotes Internet Jockey Deep_26Nt Munna abhay maurya(pathik) Yasmin Kamlesh Kandpal
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White छूटते क्रिकेट का रंज ओ दर्द लाता है, बचपना भी जाने कैसे छूट जाता है। लड़के जिनके संग हंसी में खो गई थीं राहें, ज़िंदगी का जाल एक दिन सबको फँसाता है। थी ज़मीं मैदान की और आसमान अपना, अब वो ख़्वाब आँखों में ही सिमट जाता है। जिम्मेदारियों का बोझ ढोते-ढोते हम बड़े हो गए अब खुद से ही अपना बचपन जी चुराता है। वो गुलेल, वो पतंगें, खेल के जो साथी, हर क़दम पे दिल उन्हें फिर से बुलाता है। बचपन की कसक ये दिल से जाती ही नहीं, वो फ़िज़ा, वो बेफिक्री फिर कौन पाता है । समंदर अब भी गुम हैं चंद सवालातों में हर जेहन में वो ख़्याल भला किसके आता है राजीव ©samandar Speaks #good_night Anant Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Gautam Kumar Internet Jockey
#good_night Anant Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Gautam Kumar Internet Jockey
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White तलाशे-इश्क़ में हर ग़म गले लगाया जाए, ख़ुशी के नाम पर क्यों दिल को भरमाया जाए? सवाल करते हैं ये पल जो चुपचाप हैं, जवाब देना हो तो ख़ुद से निभाया जाए। नज़र के सामने हर शै है धुंधली सी क्यूं, हक़ीक़तों को कभी दिल से सजाया जाए। जो वक़्त बहता गया रोकने से कब रुका, नदी के संग चलो, साहिल बनाया जाए। हयात एक पहेली, सुलझती कम मगर, ख़ुदा के नाम पर क्यों खेल रचाया जाए? राजीव - ©samandar Speaks #good_night Internet Jockey Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Radhey Ray अंजान
#good_night Internet Jockey Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Radhey Ray अंजान
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White ज़िंदगी की तहरीरें हर पन्ने पर लिखा, पर पढ़ा नहीं, ज़िंदगी की तहरीर कोई समझा नहीं। कभी बहारों में खिला फूल बन गए, कभी पतझड़ में भी दरख़्त झुका नहीं। इक ख़्वाब क्या, के ख़ुद को भूल गए, ख़ुद को पाया, तो कोई अपना रहा नहीं। ग़म के दरिया में अक्सर डूबते रहे, साहिल मिला भी, तो किनारा सजा नहीं। ख़्वाब आंखों में हर रोज़ जागते रहे, पर तक़दीर का लम्हा कभी मिला नहीं। राहें लंबी हैं, मंज़िलें धुंधली सी, कोई राहगीर भी साथ चला नहीं। हर घड़ी ने सबक़ तो सिखाया मगर, जिनसे फिर से उठें वो सबक़ मिला नहीं। ज़िंदगी बस यूं ही कटती जाती है, चाहे हंस लो, मगर दर्द छुपा नहीं। ©samandar Speaks #good_night Internet Jockey Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Radhey Ray अंजान
#good_night Internet Jockey Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Radhey Ray अंजान
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White सुबह से शाम तक दीए लेकर वो आश पाली है खरीदोगे अगर हमसे तो मेरी भी दीवाली है देखो यूं मुंह न फेरो फटे कपड़ों कि जानिब से अंधेरा है मेरे घर में, उम्मीदें तुमसे पाली है इधर है शाम आने को,उधर बच्चे है पग तकते मेरी रेड़ी पे भी आओ, मुझे मड़ई सजानी है चमकते मॉल कल्चर ने हमे बेमौत मारा है तुम्हीं से पेट पलता है,तुम्हीं से जिंदगानी है सुबह से शाम तक दीए लेकर वो आश पाली है खरीदोगे अगर हमसे तो मेरी भी दीवाली है राजीव ©samandar Speaks #good_night अंजान Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Radhey Ray Internet Jockey
#good_night अंजान Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Radhey Ray Internet Jockey
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White ढूंढता हूँ उसे सबकी भीड़ में पर उसे कही नहीं पाता शायद इसीलिए मैं अब छठ घाट नहीं जाता हालांकि रंगीन कपड़ों में बच्चों को देखता हूं भागते हुए खेतों की पगडंडियों पे सबको लहराते हुए कमजोर सा शरीर लिए मांओ का दउरा उठाते हुए इस भीड़ में कही अपना वो दउरा नहीं पाता शायद इसीलिए मैं अब छठ घाट नहीं जाता घाट कि सफाई आज भी बड़े जुनून में करते हैं मेरे दोस्त आज भी फावड़ा,कुदाल,टोकरी लिए घर आते हैं मेरे दोस्त आज भी बचपन के पल्लू तले बेशक बुलाते हैं मेरे दोस्त पर उनके साथ कैसे जाऊं,कोई मां के कातर स्वर नहीं सुनाता शायद इसीलिए मैं अब छठ घाट नहीं जाता राजीव ©samandar Speaks #love_shayari Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia अंजान Radhey Ray Internet Jockey
#love_shayari Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia अंजान Radhey Ray Internet Jockey
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