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Dalip Kumar 'Deep'
Shayer tera ©Dalip Kumar Deep 🥹🍂🍂 रात के गिरे सिराहने उठाये नहीं जाते🌿☕☕🥀🙂
Ashok Topno
कभी गिर जाओ तो खुद ही उठ जाना क्योंकि लोग सिर्फ़ गिरे हुए पैसे उठाते हैं, इंसान नहीं ©Ashok Topno गिरे हुए., #viral #money #nojoto
PURAN SINGH CHILWAL
🥀 सच्ची बात 🥀 🥀🥀🥀🥀 🥀🥀कटना पीसना और निचोडा जाना 🥀🥀 🥀🥀अंतिम बूंद तक गन्ने से बेहतर कौन🥀🥀 🥀🥀 जानता है की मीठा होने का कितना 🥀🥀 🥀🥀नुकसान होता है 🥀🥀 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 ©PURAN SINGH CHILWAL 🥀 आप सभी लोगों को नमस्कार🙏ये दुनिया है ये तो सताती रहेगी आप बस 😄मुस्कुराना 😄सीख लीजिए🥀👌🙏🙏🙏🌎🌎💌💌 बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं मैं आप सभी लोगों क
Richa Dhar
घटा सावन की जिस रोज़ बरसती थी वो क्षण आज भी अविस्मरणीय है काले बादलों के बीच बारिश की बूंदों के साथ खाली सड़क पर तुम्हारा यूं घूमना और बेवजह अनगिनत बूंदों को हथेलियों पर गिनना और कनखियों से मुझे भी देखना मैं समझ लेती थी तुम्हारी मनोभावना को और मुस्कुरा कर तुम्हारा पागलपन देखती थी सब कुछ याद है मुझे याद है तुम्हारा खिड़की के बाहर हाथ निकाल के अपनी हथेलियों को गीला कर लेना और याद हो तुम,भीगी सड़कों पर चलके मेरे सूखे मन पर अपने पैरों के निशान को छोड़ना और मेरे मन को भिगो देना..... ©Richa Dhar #loyalty सावन की घटा
लेखक ओझा
सावन भादों घिर आते है जब अपने भी जेठ आसाढ बन जाते हैं।। ©लेखक ओझा #Dhund सावन भादो
Sawan Sharma
Sachin R. Pandey
sunset nature देखो.... बसंत की बहार है अभी ...... और लोग आएंगे तुम्हारे पास .... तुम्हें अहसास दिलाते हुए कि उनकी नज़र में तुम्हारी कितनी अहमियत है .... तुम्हे बताते हुए और समझाते हुए कि.... तुम सही हो .... तुम सब सही कर रहे हो ... तुम्हारे निर्णय ठीक हैं और वो सब हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ खड़े हैं ..... लेकिन जैसा कि मैंने कहा ...." बसंत है " कुछ भी स्थाई नहीं है .... सब कुछ बदल जाता है .... तो एक दिन जब पतझड़ आने को होगा .... लोगो किनारा करते जायेंगे .... तुम्हारी असफलताओं का दोष तुम पर मढ़ते जायेंगे .... हां वही लोग जो तुमको ...तुम्हारे निर्णयों को सही कह कर हौसला बढ़ा रहे थे ..... अब वही तुम्हारे प्रथम और कटु आलोचक होंगे .... तुम संदेह करोगे ....क्या ये वही लोग हैं ....जो कल तक (बसंत के दिनो मे) ..... हौसला और शाबासी देते नही थक रहे थे ....! और पतझड़ में जब तुमको लगेगा ... कि अब सब कुछ खत्म होने को है .... तुम्हारे कंधे ....हार की मार से झुके होंगे ... कर्णपटल पर आलोचनाओं के स्वर तीर से चुभ रहे होंगे ... और कपोल अश्रु से भीग रहे होंगे .... तो तुम कहना .....मुझसे ... अधिकार से.... कि अब तुम सम्हाल लो सब कुछ .... क्योंकि बिखर रहा है बहुत कुछ .... सुनो ! .... तुम यकीन मानना ....भरोसा रखना .... मैं तुम्हारे लिए सब कुछ उलट पलट कर दूंगा .... तुम प्रिय हो .... तुमसे कही अधिक प्रिय हैं तुम्हारे सपने ... मैं बनूंगा तुम्हारा सारथी ....पतझड़ में .... और तब तक जब तक वो सब ना हो जाए जो तुम चाहते हो ... लेकिन फिलहाल मैं मौन रहकर मान रख रहा हूं.....तुम्हारे निर्णयों का ....सही और गलत के भेद से परे .... अभी बसंत है .... जाओ ....खुद को .... अपनो को ....सपनो को .... यारों को ....आजमा कर देखो .... बहुत कुछ है जो आने वाला समय समझाएगा..... मैं इंतजार करूंगा तुम्हारे कह देने भर का .... ©Sachin R. Pandey #sunsetnature आजमाना अपनी यारी को पतझड़ में सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है ....
Vishal Bangotra
न उड़ने को रही अब ख्वाहिशें,न बिखरने को रहे अब पर। ज़मीन पर आ गिरे हैं, आसमानों में थे जिन परिंदों के कभी घर। ©Vishal Bangotra न उड़ने को रही अब ख्वाहिशें,न बिखरने को रहे अब पर। ज़मीन पर आ गिरे हैं, आसमानों में थे जिन परिंदों के कभी घर। #nojotohindi
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