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Shubham Bhardwaj
White छोड़ दो रोना, क्या जाता है मुस्कराने में। माना हजार गम हैं मगर खुशियाँ भी तो हैं जमाने में।। ©Shubham Bhardwaj #life_quotes #खुश #जमाने #में #रोना #गम
Himaani
White मत सोच जमाना क्या कहेगा जमाने का काम है कहना यह तो उम्र भर कहता रहेगा ©Himaani #sad_shayari जमाने का काम कहना है
#sad_shayari जमाने का काम कहना है #मोटिवेशनल
read moreਸੀਰਿਯਸ jatt
पापा के जमाने की Movie ❌ पापा के जमाने की चूची ✅💀😂 तभी बोलूं पापा को गंगा क्यों पसंद थी ! 🤡 #Videos
read moreR...Khañ
White कोई उसको, कोई इसको और ना जाने यहां कौन किस-किस को दग़ा देकर यह कहता हैं! बदलना जरूरी हैं खुद को ऐसा इस 'नए जमाने' का पीढ़ी कहता हैं ©R...Khañ #नए#जमाने🌎 Ramjan Ali
#नएजमाने🌎 Ramjan Ali
read moreHimaani
White शिकायतें बहुत हैं मुझे अपनों से पर क्या फायदा अब कहने से जब अपने ही अपने ना हो सके अब क्या उम्मीद करूं इस जमाने से ©Himaani #Couple क्या उम्मीद करूं जमाने से
#Couple क्या उम्मीद करूं जमाने से #मोटिवेशनल
read morei_m_charlie...
White जिंदगी को बोहोत प्यार हमने दिया, मौत से भी मोहोब्बत निभायेंगे हम, रोते रोते जमाने में आए मगर, हंसते हंसते जमाने से जाएंगे हम। ©i_m_charlie... #Couple बोहोत प्यारी लाइन है गाने की।
Kiran Chaudhary
हम भी अब मोहब्बत के गीत गाने लगे हैं, जब से वो हमारे ख्वाबों में आने लगे हैं.. ©Kiran Chaudhary हम भी अब मोहब्बत के गीत गाने लगे हैं... #shayaari #Love
Aliyah Khan
जमाने में तंहा चलना सिख लिया हमने, जमाने के भिडों से ख़ुद ही को अलग कर लिया हमने। साबिया रब्बानी ©Aliyah Khan #तंहाई #जमाने #शायरी
तंहाई जमाने शायरी
read moreAliyah Khan
जमाने के हंसाने से कोई भी हंस नहीं सकता, मिलें हैं जख्म जो वक्त से कोई भी भर नहीं सकता, हो अपना या बेगाना कोई भी साथ नहीं रहता, *२ हैं इस दिल में दर्द कितने कोई भी तोल नहीं सकता, मैंने देखा है नज़दीक से हर रिश्ते को अजमा के *२ सहारा देने के लिए कोई भी पास नहीं आता। *२ हर आंसू को पि कर के, ख़ुद ही को है मनाया, बनी हुं मोम से पथर कैसे,ये कोई बता नहीं सकता , सही हुं दर्द कितने कोई भी तोल नहीं सकता। जमाने के हंसाने से कोई भी हंस नहीं सकता, मिलें हैं जख्म जो वक्त से कोई भी भर नहीं सकता, और जो तुम ये कहते हो कोई यार या प्यार ढुंड लो, सुनो मैं भी ये कहती हुं कोई भी साथ नहीं रहता। मुसीबत देख के पहले अपने ही निकलते हैं, पराए फिर भी आ कर के सहारा बन जाते हैं जमाने के हंसाने से कोई भी हंस नहीं सकता, मिलें हैं जख्म जो वक्त से कोई भी भर नहीं सकता।*३ साबिया रब्बानी ©Aliyah Khan #poem जमाने के हंसाने से कोई भी हंस नहीं सकता