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Mahendrasinh(Mahi)

#तेरीआहट #माही लव शायरी हिंदी में

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तेरी आहटो को जब से सुना है,
हवा भी लगे अब तेरी ज़ुबान जैसी।

©Mahendrasinh(Mahi) #तेरीआहट #माही  लव शायरी हिंदी में

Mahendrasinh(Mahi)

#जालिमदुनिया #माही #mahiwrites शायरी हिंदी में हिंदी शायरी शायरी

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White तन्हाई के साए में रोया न कर,
ये दुनिया है ज़ालिम, किसी से कहा न कर।

©Mahendrasinh(Mahi) #जालिमदुनिया #माही #mahiwrites  शायरी हिंदी में हिंदी शायरी शायरी

love you zindagi

कोई होगा समन्दर जो पास तेरे आयेगा।
कोई होगी नदी जो तेरी प्यास बुझाएगी ।
हम दरिया हैं चाहत में डुबाने का हुनर जानते हैं ।।
                        
                                   ✍️वकील साहब

©love you zindagi #landscape  #समन्दर #किनारा #नदी

Parasram Arora

बदनसीब नदी

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White खाई थीं कसम सागर ने 
कि इक दिन वो रेगिस्तान मे भी 
फुल खिला दे
गा 
अपनी कसम पूरी करने के
लिए 
 भेजा था उसने एक नदी 
 को रेगिस्तानको सीचने के लिए 

पर वो नदी
रेगिस्तान 
क़ी तपी रेत मे लुप्त हो 
जायेगी और लौट नही पाएगी 
ऐसा न उस सागर ने सोचा था
 न उस बदनसीब नदी ने

©Parasram Arora बदनसीब नदी

Shreyansh Gaurav

#नदी का पुराना पुल #poerty

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"नदी का पुराना पुल"

कभी तुम गये हो गांव में नदी के किनारे 
बहुत सुकून मिलता है.!
पहले मैं गांव रहता था, 
दोस्तों का ज़मावड़ा, मज़मा लगता था.!
नदी पर पहले इक़ पुल था 
जो अंग्रेजो के वक़्त का बना है.!
गया था मैं गांव कुछ साल पहले 
देखा अब बदल गया है.!
उस पुल के बगल इक़ नया पुल 
बन गया है, पुराने पे अब सन्नाटा है 
सुना किसी ने बोला 
अब यहाँ कोई नहीं आता है.!
पूछा क्यूँ कुछ हुआ था क्या 
इक़ ने कहा भैया, यहाँ कोई मर गया था.!
इसलिये अब सब डरते है 
इधर कोई नहीं आता है.!
हमनें देखा बहुत सन्नाटा छाया था 
जहाँ पहले लोंगो को सुकून मिलता था 
वही से लोग अब डरने लगे है.!
क्या तुम भी लोंगो की तरह 
बुज़ुर्गो को छोड़कर 
नये ढूढने लगे हो.!
मैं गया वहाँ अकेले ही मुझे कोई डर नहीं 
फ़िर वही सुकून, मुझे गांव लें गया.!
यें "नदी का पुराना पुल "
मुझे अब भी याद है, मुझे सुकून सन्नाटा दें गया.!!

©Shreyansh Gaurav #नदी का पुराना पुल 
#poerty

Parasram Arora

समुन्दर और नदी

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White समुन्दर  नदियों को बहला फुसला कर उनके तरल ख़ज़ाने लूटता रहा 

और वे बदनसीब नदिया अपने वजूद का इंतकाल होते देख आंसू बहाती रहीं

©Parasram Arora  समुन्दर और नदी

କିଶାନ୍

#Sad_Status Writer SHIVAM MISHRA शायरा माही (पहाड़ी छोरी) अdiति Richa Chaubey

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White जाने वाला हूं"


तुम नहीं रोकोगी, है ना। ठीक है फिर।

ध्यान रखना और खुश रहना। मुझे तुमसे नाराजगी है बहुत,

पर नफरत नहीं, ओके।


पता है, मैं कॉल करता हूं, बात करने को।

पर तुम्हारे पास कभी समय रहा ही नहीं। कोई नहीं। पर यार, इतनी पीड़ा होती है ना,

जो कोई शब्दों से बता ही नहीं सकता। जैसे सूखा पेड़ बारिश के इंतजार में खड़ा हो,पर कोई बादल न आए।


जैसे किसी बच्चे को लगता है,

मां-बाप हैं,

ध्यान रखेंगे, देखेंगे। पर मैं तो मजाक बना हूं, है ना।

मतलब मुझे उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। पर होता है कि तुम्हे सबकुछ माना है 

मतलब जिसे तुम मानो,वो भी तुम्हें बहुत माने। और फिर अचानक से देखना ही बंद कर दे।


हां, मैं जा रहा हूं। और मुझे जाना भी चाहिए। जहां सम्मान न हो,वहां मेरा कोई काम नहीं।


तुम्हें पता है, मुझे पता है

कि मैं न पहला बन पाया, न आखिरी।पर मैं फिर भी साथ रहना चाहता था।

कि प्रेम है तो रहूंगा। पर ठीक है। तुम वो नहीं हो जिसे मेरी चिंता हो।


पता है,

मैं मैसेज भी क्यों कर रहा हूं। क्योंकि मुझे पता है कि

तुम्हें सबसे घटिया और गिरा हुआ लग रहा हूंगा, है ना।

पर पता है,

मतलब मैं जो दिन देख रहा हूं ना,ये लगता है कि कब मौत आए यार।

पर उसने नहीं आनी। मैं तुमसे बोल भी क्यों रहा हूं। तुम्हें तो कोई फर्क ही नहीं पड़ता।


पता है, जिस दिन ये मोबाइल बहा दिया, वही दिन आखिरी होगा मेरी तरफ से।

और उसके तुमसे हाथ जोड़ के प्रार्थना है... कि हो गया फिर, बाय।


जाने वाला हूं।

पर लगता है,रोक लो जाने न दो। मैं वो सोचता हूं

जो कभी होना नहीं है।


जैसे आसमान में कोई टूटता तारा,

जो गिरने से पहले रुकना चाहता हो। जैसे सागर की लहरें किनारे पर

ठहरना चाहती हों, पर ठहर न पाएं। जैसे अंधेरे में खोया हुआ चांद,

जो रोशनी को छूने का सपना देखे।


Love you, बहुत सारा।

©କିଶାନ୍ #Sad_Status  Writer  SHIVAM MISHRA  शायरा माही (पहाड़ी छोरी)  अdiति  Richa Chaubey

କିଶାନ୍

#GoodNight Writer अdiति Richa Chaubey शायरा माही (पहाड़ी छोरी) $ π ! √ Û

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White "जब तुम नहीं होती"

जब मैं तुमसे बातें कम कर पाता हूँ,  
तब भी तुम्हारी बातें, मेरे दिल में, रह-रह कर गूँजती हैं।  
तुम साथ नहीं होती, पर हर पल तुम्हारे साथ बिताया हुआ महसूस करता हूँ,  
जब तुम नहीं होती।  

तुमसे मिलना नहीं हो पाता,  
पर हर मोड़ पर तुम्हारा इंतज़ार रहता है,  
तुम्हारे बिना भी तुम्हारी मोजूदगी हर जगह होती है,  
जब तुम नहीं होती।  

मैं तुमसे प्रेम करता हूँ, ये तो तुम जानती हो,  
पर ये प्रेम और गहरा हो जाता है,  
जब तुम नहीं होती।  

हर रात तुम्हारे माथे पर प्रेम भरा चुंबन करता हूँ,  
वो आलिंगन जो कभी नहीं होता,  
पर महसूस होता है,  
जब तुम नहीं होती।  

नाराज़गी है मुझसे, ये भी मैं जानता हूँ,  
पर फिर भी दिल से तुम्हें चाहता हूँ,  
ये सब होता है,  
जब तुम नहीं होती।  

मैं तुम्हारे साथ जीना चाहता था,  
तुम्हारे बिना जीवन का अर्थ खो सा गया,  
पर आज भी तुम्हारा साथ महसूस होता है,  
जब तुम नहीं होती।  

एक आखिरी ख्वाहिश है मेरी,  
कभी तो मेरे पास आओ,  
अंतिम समय में तुम्हारी गोद में समाना चाहता हूँ,  
तुम्हारे चेहरे की आखिरी झलक देखते हुए जाना चाहता हूँ।  

क्या तुम उस समय होगी, जब मैं तुम्हें सबसे ज़्यादा चाहूंगा?  
क्या तुम मेरी इस ख्वाहिश को पूरा करोगी?  
कह दो ना, कि तुम आओगी,  
नहीं कहोगी? फिर भी, मैं इंतजार करूंगा,  
तुम्हारे न कहने पर भी,  
मैं इंतजार करूंगा।

©କିଶାନ୍ #GoodNight  Writer  अdiति  Richa Chaubey  शायरा माही (पहाड़ी छोरी)  $ π ! √ Û

vish

# नदी की वो धारा

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मैं ठहरे हुए कुएँ का वो पानी नहीं, 

जो थम जाऊँ.... 

मैं बहती नदी की वो धारा हूँ, 

जो साहिल से टकराकर भी, 

अपने सागर से मिल जाऊँ.... 



जिंद़गी

©vish # नदी की वो धारा

SANIR SINGNORI

#DesertWalk नदी बचाओ

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पराया क्या जाने पीर 'काटली' की
कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की

पैसे के लालच में आज,
साहूकारों ने बेच दी मिट्टी 'काटली' की

 निकली थी वो तुम्हारी प्यास बुझाने,
 बुझा दी मानस ने राह 'काटली' की

सहस्र जीवों का जीवन थी जो,
इंसानों ने छीन ली सांसे 'काटली' की

अपनों ने काट दी जड़े 'सानिर' 
कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की

सिर साँटें 'सानिर', तो भी सस्तो जाण,
जै  बच जाए जान 'काटली' की

पराया क्या जाने पीर 'काटली' की
कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की





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©SANIR SINGNORI #DesertWalk 
नदी बचाओ
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