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Yogi Sonu
hanuman jayanti 2024 किसी ने कहां है भगवान निर्गुण है ऐसा लगता है सच ही तो कहा है निर्गुण यानी निराकार जो अपने आप में ही पूर्ण हो जो समस्त विकारों से दूर हो जो निश्चल हो निर्मल हो जिसका कोई दोष नही हो वही तो निर्गुण का प्रतीक है । ©Yogi Sonu #hanumanjayanti24 किसी ने कहां है भगवान निर्गुण है ऐसा लगता है सच ही तो कहा है निर्गुण यानी निराकार जो अपने आप में ही पूर्ण हो जो समस्त विका
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मुक्तक :- करके सुख की चाह , लुटेरा मत बन जाना । करके प्रभु का ध्यान , सहारा बनकर आना ।। दीनों को हो आस , तुम्हारे ही कुनबे से - पथ में उनके आज , फूल बनकर बिछ जाना ।। कष्ट सभी हो दूर , सताना मत अब दुर्बल । बहे नैन से गंग , करे मन पावन निर्मल ।। बने सुगम हर राह , करो धर्मों का पालन- नहीं सताओ आप , कभी भी देखो निर्बल ।। ०५/०४/२०४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :- करके सुख की चाह , लुटेरा मत बन जाना । करके प्रभु का ध्यान , सहारा बनकर आना ।। दीनों को हो आस , तुम्हारे ही कुनबे से - पथ में उनके
Rajendra singh
N S Yadav GoldMine
ब्रह्म पुराण में बताया गया है, कि जो व्यक्ति हर रोज शिवलिंग की पूजा करता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है 🗻🗻 गले में तुलसी की माला पहनने से शरीर निर्मल होता है, और मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है 🌎🌎 🌷 शिवलिंग की पूजा करने से ना केवल आपको भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होगा, बल्कि लक्ष्मी माता की भी आप पर कृपा बनी रहेगी। साथ ही शिवलिंग की पूजा करने से विभिन्न प्रकार के ग्रह-दोष से शांति मिलती है। ब्रह्म पुराण में बताया गया है, कि जो व्यक्ति हर रोज शिवलिंग की पूजा करता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है। 🌷 शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव की लिंग स्वरूप में पूजा करने से भोलेनाथ बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं, और आपको मन चाहे फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही ज्योतिष अनुसार, सोमवार यानी सौम्य शीतल चंद्रमा का दिन माना गया है। सफेद शिवलिंग का बहुत अधिक महत्व है, इसलिए इस दिन सफेद कपड़े पहनने से और शिवलिंग पर सफेद फूल चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है. 🌷 यदि घर में शिवलिंग रखा है, तो उसकी प्राण प्रतिष्ठा न करवाएं। लेकिन नियमित रूप से उसकी पूजा और अभिषेक जरूर करें। शिवपुराण में कहा गया है,bकि घर में कभी एक से ज्यादा शिवलिंग नहीं रखे जाने चाहिए। 🌷 शिवलिंग को हमेशा खुले स्थान पर रखा जाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के मुताबिक़ चूंकि शिवलिंग से हर वक़्त ऊर्जा का संचार हो रहा होता है, इसलिए शिवलिंग पर हमेशा जलधारा रखनी चाहिए, जो ऊर्जा को शांत रखता है। कुछ लोग शिव लिंग पर हप्ते भर में या फिर प्रतिदिन जल अर्पित करते हैं, वह प्रयाप्त नहीं होता है। 🌷 भगवान शिव की पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है, इससे घर में खुशहाली बनी रहती है। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव का लिंग रूप शिवलिंग कहलाता है। शिव पुराण के मुताबिक शिवलिंग की पूजा करना बहुत लाभदायक माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक शिवलिंग की पूजा निरंतर करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं । 🌷 भगवान शिव की दिशा उत्तर दिशा की मानी गयी है, इसलिए शिवलिंग का मुख उत्तर की दिशा की ओर रखें। उनके साथ आपने नंदी जी भी रखे हैं, तो उनका मुख शिवलिंग या भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा की ओर रखें। पूजा करते समय यदि आप की पश्चिम की तरफ पीठ हो और पूर्व की ओर मुँह करके आप पूजा करें तो यह सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। 🌷 हमेशा शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय ध्यान रखें कि बैठकर ही जल अर्पित करें। यहां तक कि रुद्राभिषेक करते समय भी खड़े नहीं होना चाहिए। पुराणों के अनुसार खड़े होकर शिवलिंग पर जल चढ़ाने से यह शिव जी को समर्पित नहीं होता है और इसका पुण्य प्राप्त नहीं होता है। {Bolo Ji Radhey Radhey} ©N S Yadav GoldMine #mahashivaratri ब्रह्म पुराण में बताया गया है, कि जो व्यक्ति हर रोज शिवलिंग की पूजा करता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है 🗻🗻 गले में तुलसी
Amit Singhal "Aseemit"
हम उस एक अदृश्य महा शक्ति की। पूजा, इबादत, अरदास या प्रेयर करें। आशय है निर्मल हृदय से भक्ति की। विनती करने व क्षमा माँगने से न डरें। ©Amit Singhal "Aseemit" #निर्मल
B.P. Godara
संवेदिता "सायबा"
शीर्षक - माँ हे माँ! तुम निर्मल-कोमल हो, इसका तात्पर्य नहीं, अबला। है सहन-शक्ति तुझमें इतना, नवजीवन करती सृजन देख! माँ! तुम मेरी श्रद्धा हो! हो त्याग सरलता की मूरत, हे जननी! हम सब तेरे ऋणी, करती न्योछावर अंग देख! कैसे निर्धारित करें कोई, हो 'मातृ दिवस' बस क्यों एक दिन? मेरे तो प्रतिदिन तेरे माँ, मुझ पर वारे हर रंग देख! ममता के आँचल से हे माँ! इस जग से हमें बचाते हो, माँ बना रहे आशीष तेरा, सर्वस्व समर्पित चरण देख! हमने तुझको प्रतिदिन देखा, जीवन की चक्की में पिसते! बस एक दिन तुझे समर्पित हो, क्यों समझे ना जन मन देख! माँ तुझ पर वारूँ हर एक पल, जब तक चलती है श्वास मेरी! हे माँ मैं तुझसे अलग नहीं, तेरी प्रतिछाया है तन-मन देख! हे माँ तुम पर मैं लिख दूँ क्या, रचना तुमने तो मेरी की! हर नारी में तुम विद्यमान, इस रचनाकार का संग देख! ©संवेदिता "सायबा" शीर्षक - माँ हे माँ! तुम निर्मल-कोमल हो, इसका तात्पर्य नहीं, अबला। है सहन-शक्ति तुझमें इतना, नवजीवन करती सृजन देख! माँ! तुम मेरी श्रद्धा ह
Nitu Singh जज़्बातदिलके
Nitu Singh जज़्बातदिलके
तुम तो मेरी सहगामिनी हो, जन्मों-जन्मों की अर्धांगिनी हो तुम कंचन काया हो, जैसे राम ने सीता को पाया हो निर्मल गंगा की पावन धारा हो, गुलशन का श्रृंगार हो तुम हिरणी सी नैनों वाली, प्यार की मूरत साकार हो परन्तु तुम तो जा रही हो, मिलन के स्वप्न दिखा रही हो इस निराशा के क्षण में, आशा के फूल खिला रही ही जल्दी हीं मिलेंगे हम दोनों, अगले बसंत बहार में अब तुम हीं बताओ ये कैसी अधूरी प्रेम कहानी है मिलन है, जुदाई है, साथ जीने-मरने की कसम खाई है तुम मेरी पहली और आखिरी ख्वाहिश हो ©Nitu Singh जज़्बातदिलके #ramsita तुम तो मेरी सहगामिनी हो, जन्मों-जन्मों की अर्धांगिनी हो तुम कंचन काया हो, जैसे राम ने सीता को पाया हो निर्मल गंगा की पावन धारा ह