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VINOD RAWAT (Mr:-villain )
छोड़ दिया है मेने लोगो के पीछे चलना क्यों की मेने जीने जतनी jadaa इज्जत दी और उस ने मुझे उतना ही जादा गिरा हुआ समझा Mr:-Villain छोड़ दिया है मेने लोगो के पीछे चलना क्यों की मेने जीने जतनी jadaa इज्जत दी और उस ने मुझे उतना ही जादा गिरा हुआ समझा
rajju yadav
बंद ❌❌❌कर दिया है मैने logo 🙋♂🙋♂के पीछे चलना q ki मैंने जिसको जितनी 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼ज्यादा इज्जत di उसने ही मुझे उतना hi गिरा हुआ समझा
Hemant Meena
छोड़ दिया मैने लोगों के पीछे चलना, क्योंकि मैंने जिसको जितनी ज्यादा इज्जत दी, उसने मुझे उतना ही गिरा हुआ समझा। ©Hemant Meena छोड़ दिया मैने लोगों के पीछे चलना, क्योंकि मैंने जिसको जितनी ज्यादा इज्जत दी, उसने मुझे उतना ही गिरा हुआ समझा। #mukhota
Sangeeta Patidar
बात यहाँ दुनियादारी की नहीं, हमारे जज़्बात की है, तेरा हाथ थामकर पीछे-पीछे चलना अच्छा लगता है। हक़ हो, वजूद हो, मेरा सब कुछ तो तेरे साथ ही है न, मैं हूँ, जैसी भी हूँ, मेरा सारा संसार तेरे साथ ही है न, बात यहाँ हिस्सेदारी की नहीं, हमारे ख़्यालात की है, तेरा हाथ थामकर पीछे-पीछे चलना अच्छा लगता है। घूँघट में रहूँ या रहूँ ऊँचाई में, तेरा ही तो मैं मान हूँ न, नाम, साथ हो या मेरे नाम के पीछे, तेरा सम्मान हूँ न, बात यहाँ जिम्मेदारी की नहीं, हमारे लम्हात की है, तेरा हाथ थामकर पीछे-पीछे चलना अच्छा लगता है। 'मर्द' 'औरत', यह तो ज़माने के बुने हुए जंजाल हैं, 'मायने' क्या रखता है, बस यही तो कुछ सवाल हैं, बात यहाँ तरफ़दारी की नहीं है, हमारे 'साथ' की है, तेरा हाथ थामकर पीछे-पीछे चलना अच्छा लगता है। बात यहाँ दुनियादारी की नहीं...... ।। बात यहाँ दुनियादारी की नहीं, हमारे जज़्बात की है, तेरा हाथ थामकर पीछे-पीछे चलना अच्छा लगता है। हक़ हो, वजूद हो, मेरा सब कुछ तो तेरे साथ ही
Anuradha T Gautam 6280
Pawan Singh Prajapati
बादल ने बेवजह उड़ना सिखा दिया, आग ने जलाना और जलना सिखा दिया, अलग तो नहीं है मेरा वजूद किसी से, हां मगर जमाने ने बदलना सिखा दिया, बदलना मेरी रजा नहीं मजबूरी समझो, मुझे वक्त ने वक्त के साथ ढलना सिखा दिया। प्यार, मोहब्बत, दोस्ती छोड़ के, दौलत के पीछे चलना सिखा दिया। अक्सर छूट जाता है मुझसे वो रास्ता मेरे घर का, इन बड़े-बड़े चौराहों ने मुझे मुड़ना सिखा दिया। लौटना अब भी चाहता हूं में अपने घर को मगर, घोंसला उड़ा के तूफानों ने परिंदे को बेघर बना दिया। कौन चाहता है अपने हाथो अपनी तबाही लेकिन, मैं वो सख्श हूं जिसने ये भी करके दिखा दिया। अलग तो नहीं है मेरा वजूद किसी से, हां मगर जमाने ने बदलना सिखा दिया, ©Pawan Singh Prajapati बादल ने बेवजह उड़ना सिखा दिया, आग ने जलाना और जलना सिखा दिया, अलग तो नहीं है मेरा वजूद किसी से, हां मगर जमाने ने बदलना सिखा दिया, बदलना मे
Kumar.vikash18
( "कह न सका" ) अब तुम नहीं बस तुम्हारा एहसास बाकी है, ये दिल जो तुम्हे कह न सका वो बात आज भी बाकी है ! वो तुम्हारा रास्ते से निकलना, और मेरा तुम्हारे पीछे पीछे चलना ! हवा के एक झोंके का, यूँ तुमको रोज छू कर गुजरना ! वो तुम्हारी प्यारी सी खुशबू , और मेरा दिल मचलना ! अब तुम भी ये समझने लगीं थीं, की आता हूँ मैं तुम्हारे लिए ही यूँ रोज ! तो तुम भी और सजने संवरने लगीं थीं, बिन इजहार और इकरार के ही, हमारी मोहब्बत परवान चढ़ने लगी थी ! सिलसिला ये मोहब्बत का, यूँ ही चलता रहा हफ्तों तलक ! न तुमने कुछ कहा न हम कुछ कह सके, तुम्हारी मोहब्बत को हम यूँ ही दिल ही दिल में जीते रहे ! कुछ रोज से तुमको देखा नहीं, हम उस राह पर अब अकेले चलते हैं ! क्यों की ......... अब तुम नहीं बस तुम्हारा एहसास बाकी है, ये दिल जो तुम्हे कह न सका वह बात आज भी बाकी है !! कह न सका ( "कह न सका" ) अब तुम नहीं बस तुम्हारा एहसास बाकी है, ये दिल जो तुम्हे कह न सका वो बात आज भी बाकी है ! वो तुम्हारा रास्ते से निकल
alex akash
कोई अपना गया तो क्या गया, जैसे रूह़ से कोई परिंदा उड़ गया, कुछ देर तक तड़प के स्वास लिया, फिर मैं भी मर गया, लोगों के कहा बहुत कुछ, मुझे सुनाई बस एक शख़्स दिया, तड़प के रह गया और मैं भी बिखर गया, जब देखा अब तू मेरे साथ ना रहा, वक़्त ने हालत कुछ ऐसा बदला, मैं अब ना पहले जैसा रहा। ख्वाबों के सहारे कितने दिन कटते है कितनी रातें बीत पाती है। मां तेरे याद कभी कभी बड़ा रूलाती है, याद आता है मुझे वो तेरा तंग करना, तुझे लिपट