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Sapna Meena
White अबकी बार 400 पार या फिर गठबंधन सरकार। मोदी का उतरे का मुखौटा या फिर पहनेगा जीत का हार। केजरीवाली या कन्हैया या मनोज तिवारी होगा यमुना पार। कांग्रेस और आम आदमी के लड़ गए नैना बीजेपी रह गई बिन प्यार। अबकी बार 400 पार,या फिर गठबंधन सरकार। ©Sapna Meena #car चुनाव 2024 पर कविता
Vickram
White अगर आप किसी को हमेशा सुबह उठते वक्त और शाम सोने से पहले सोचते हैं । और जिसे भूलना आपके वश में नहीं । तो यकीनन ये एक अटूट बंधन है । जिसे आप बहुत भूलने की कोशिश करते हैं । और हर बार नाकाम हो जाते हैं । ये कोई आम रिश्ता नहीं होता वर्ना हर कोई हमारे मन में घर कर लेता । ©Vickram #bike_wale एक अजीब सा बंधन
Rameshkumar Mehra Mehra
White यू तो कोई बंधन नही.......! तुम्हारा नि;स्बार्थ प्रेम...! मुझे तुमसे दूर जाने नही देता.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # यू तो कोई बंधन नही,पर तुम्हारा नि:स्वार्थ प्रेम,मुझे तुमसे दूर जाने नही देता....
Arun Mahra
hanuman jayanti 2024 मन का ध्यान और शरीर का कर्म यदि किसी कार्य में पूरी तरह लगा दिया तो सफलता मिलने में कभी देर न होती है ©Arun Mahra भगवान सबको रक्षा करे मेरे प्यारे भोक्तों को
Neel
सुबह सिंदूरी, दिन मख़मली, रात ही बैरन होय, पिया मिलन की आस में, मैं साँसें रही संजोय। कहा तो, क्या तुम साथ चलोगे, हाथों में ले हाथ, कभी न मुझसे दूर रहोगे, कर लूँ क्या विश्वास। मन उलझा है कई चक्र में, क्या बोलूँ क्या छोड़ूँ, मेरे मन की भाषा पढ़ लो, प्रीत मैं तुझसे जोड़ूँ। जनम-जनम का बन्धन है ये, आज की प्रीत नहीं है, जो - दो पल में ही, मिट जाए, ऐसी नियति नहीं है। सब कुछ कहकर भी- क्यूँ लगता है, बात न पूरी सी है, समझ सको तो समझ लो - क्यूँ ये, रैन अधूरी सी है।। 🍁🍁🍁 ©Neel जन्मों का बंधन 🍁
Amit Singhal "Aseemit"
रेशम की डोरी से बंध जाता प्रेम का बंधन, इसमें रक्त के संबंध का कोई महत्व नहीं है। आपसी स्नेह से सुगंधित होता है यह चंदन, बिना किसी अपेक्षा के विश्वास होता यहीं है। ©Amit Singhal "Aseemit" #प्रेम #का #बंधन
Jagdish Pant
फूल देई का त्यौहार था, मैं फिर भी बैठा अकेला था । चारों तरफ़ हर्षोल्लास था, मैं अकेला बैठा निराश था । जब मैने चारों तरफ देखा , तब पता चला कि मैं गांव से दूर किसी शहर के भिड़ में बैठा अकेला उदाश था ।। ✍️ Jagdish Pant आज फूलदेई के पर्व पर एक कविता मेने लिखि ।