Find the Latest Status about सुनाओ केवट संवाद from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सुनाओ केवट संवाद.
Anjali Singhal
Shashi Bhushan Mishra
White रात से संवाद करले, कोई दिल से याद करले, बेवज़ह फ़ुरसत में यारों, वक़्त कुछ बर्बाद करले, कयामत के चंद पहले, खुदा से फरियाद करले, नेकियाँ इस क़दर से ही, कुछ तो नामुराद करले, तल्ख़ लहज़ा भूल जाते, कुछ तो मेरे बाद करले, फ़र्क दिखलाए हुनर से, ऐसा कुछ उस्ताद करले, ध्यान में गहरे उतर कर, स्वयं की ईज़ाद करले, हर ख़ुशी है नज्म गुंजन, ख़ुद पढ़े इरशाद करले, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई ©Shashi Bhushan Mishra #रात से संवाद करले#
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- अनपढ़ ही वे ठीक थे , पढ़े लिखे बेकार । पड़कर माया जाल में , भूल गये व्यवहार ।।१ मातु-पिता में भय यही , हुआ आज उत्पन्न । खाना सुत का अन्न तो , होना बिल्कुल सन्न ।।२ वृद्ध देख माँ बाप को , कर लो बचपन याद । ऐसे ही कल तुम चले , ऐसे होगे बाद ।।३ तीखे-तीखे बैन से , करो नहीं संवाद । छोड़े होते हाथ तो , होते तुम बरबाद ।।४ बच्चों पर अहसान क्या, आज किए माँ बाप । अपने-अपने कर्म का , करते पश्चाताप ।।५ मातु-पिता के मान में , कैसे ये संवाद । हुई कहीं तो चूक है , जो ऐसी औलाद ।।६ मातु-पिता के प्रेम का , न करना दुरुपयोग । उनके आज प्रताप से , सफल तुम्हारे जोग ।।७ हृदयघात कैसे हुआ , पूछे जाकर कौन । सुत के तीखे बैन से, मातु-पिता है मौन ।।८ खाना सुत का अन्न है , रहना होगा मौन । सब माया से हैं बँधें , पूछे हमको कौन ।।९ टोका-टाकी कम करो , आओ अब तुम होश । वृद्ध और लाचार हम , अधर रखो खामोश ।।१० अधर तुम्हारे देखकर , कब से थे हम मौन । भय से कुछ बोले नही , पूछ न लो तुम कौन ।।११ थर-थर थर-थर काँपते , अधर हमारे आज । कहना चाहूँ आपसे , दिल का अपने राज ।।१२ मातु-पिता के मान का , रखना सदा ख्याल । तुम ही उनकी आस हो , तुम ही उनके लाल ।।१३ २५/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- अनपढ़ ही वे ठीक थे , पढ़े लिखे बेकार । पड़कर माया जाल में , भूल गये व्यवहार ।।१ मातु-पिता में भय यही , हुआ आज उत्पन्न ।
MमtA Maया
आप नहीं हो के भी हर पल मेरे साथ रहते हैं और इसी को मानसिक संवाद कहते हैं ©MमtA Maया 18/04/24 मानसिक संवाद
Dr.Vinay kumar Verma
Sk
शायर तो हम है शायरी बना ही देगे, कभी सुनाओ हमें आप की आबाज आप की आबाज को भी गज़ल बना देगे। ©Sk शायर तो हम है शायरी बना ही देगे, कभी सुनाओ हमें आप की आबाज आप की आबाज को भी गज़ल बना देगे।