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kumar ramesh rahi
ज़िंदगी बिखरी कोई ग़म नही कभी तो अब्रेबहार आएगा! होटों पर तू मुस्कुराहट रख दिल को सुकूनेक़रार आएगा! जो मिला नही वो धोखा था इंतज़ार रख एतबार आएगा! तसल्ली यूं इत्मिनान के साथ खुद-ब-खुद गुनाहगार आएगा! मोहब्बत में कशिश है 'राही' लौट उसका तलबगार आएगा! ©kumar ramesh rahi #हिंदी #ग़ज़ल #मोहब्बत #एतबार #तलबगार #बेकरार #kumarrameshrahi
Mahesh Mahi
कर लो खुद को बडा आसमा से भी.. समन्दर से भी.... तर्सोगे इक दिन मुझ जैसी जमी़और नदी के लिये.. माही #gif तलबगार
संजीव निगम अनाम
Pyar ki taakat वो फुर्सत निकालो इशारा तो दे दो, हो मौका मिलन का दोबारा तो दे दो। तलबगार तेरे,हो दीदार तेरा, पलक भर झलक का उजारा तो दे दो। न ये जान जाती,सकूं भी न पाती, जो लम्हा खुशी का,हो यारा तो दे दो। फना हो लहर सी,लिपट सो रहूं में, किनारो का मुझको सहारा तो दे दो। भले एक पल की,हो खुशियों की आमद, वो लम्हा हमें तुम,हमारा तो दे दो। शरीफी छुपे है बहाने बनाती, जरा अपनी चाहत,आवारा तो दे दो। दही सोंठ टिक्की,बताशा भी तीखा, कभी चटपटा ही,चटकारा तो दे दो। वो पहली नजर का,चकाचौंध आलम, उन्ही कनखियो का,नजारा तो दे दो। है सांसे रुकी सी,बिना देख जिसकी, उसे जेब खर्ची,गुजारा तो दे दो। ©संजीव निगम "अनाम" #तलबगार
Qalb
कौन करता था वफ़ाओं के तकाज़े तुमसे, हम तो तुम्हारी झूठी तसल्लियों के भी तलबगार थे ... #तलबगार
""Mantu Kumar
,,,,इस कदर न तू मुँह मोड़ जानी कहीं तेरा दिल मेरा तलबगार हो गया तो फिर मुँह न दिखा पाओ,,,, तलबगार,,,
Babli BhatiBaisla
लगता है लौट चलने का मन हो रहा है जी लिए बहुत अब मरने का मन हो रहा है हमारे ना यार रहे ना हम ज़माने के तलबगार रहे खुद की बेकायदा तन्दरूस्ती के चलते हम बेकार रहे जिन दोस्तों से हारने का रंज बेहिसाब होता था और जीतने की खुशी बेहिसाब होती थी उन्ही दोस्तों की कमी भी बेहिसाब खरोंचती है जिंदगी एक मोड़ पर आ कर सांसों को कोसती है बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla तलबगार
Vivek
एक पल का मतलब वो ही समझ सकते हैं जो इश्क़ के तलबगार हैं वो नहीं जो सिर्फ़ करते इंतज़ार हैं...!!! ©Vivek # तलबगार
Skc
यहाँ कोई शायर, कोई दिलदार निकला हर कोई किसी ना किसी का हक़दार निकला हम ढूंढ रहे थे अपनी रूह के मुसाफिर को मग़र यहाँ हर कोई ज़िस्म का तलबगार निकला तलबगार
Anuj thakur "बेख़बर"
तड़प रहे लोगों की जान बख्श ए जिंदगी.....!! जा अब मैं तेरा तलबगार नहीं!!!! ©Anuj thakur "बेख़बर" तलबगार
Anuj thakur "बेख़बर"
तेरी कहानी का मैं जिम्मेदार नहीं हूं और तेरी खताओं का गुनहगार नहीं हूं सदके मैं बैठकर इतराओ न हमदम मैं तेरी दुआओं का तलबगार नहीं हूं!! किस्मत में लिखा जो वो हमको मिलेगा मैं किसी बद्दुआ का हकदार नहीं हूं मुमकिन नहीं हुजूर के सदके में सर झुके किसी का गुलाम नहीं बस जरा वफादार हूं ताज और खिताब अरे मुबारक रहे तुम्हें सिकंदर हूं अपनी मर्जी का सरकार नहीं हूं ✍️✍️ ©Anuj thakur "बेख़बर" तलबगार