Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best तलबगार Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best तलबगार Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about तलबगार का अर्थ है, एक छोटी सी नौकरी का तलबगार हूँ मैं lyrics, मांझी तेरी कश्ती के तलबगार, तलबगार का अर्थ, तलबगार का मतलब,

  • 80 Followers
  • 127 Stories
    PopularLatestVideo

Rabindra Kumar Ram

*** ग़ज़ल *** *** नुमाइश *** " क्यों ना तेरा तलबगार हो जाऊं कहीं मैं , मैं मुख्तलिफ मुहब्बत हूं इस दस्तूर से , क्यों ना तेरा बार बार मुसलसल हो जाऊं मैं , खुद को तेरी आदतों में कितना मशग़ूल किया जाये , तुझमें में मसरुफ़ कहीं जाऊं मैं , #कविता #ख्यालों #आरज़ू #तसव्वुर #हिज़्र #रफ़ाक़त

read more
*** ग़ज़ल *** 
*** नुमाइश *** 

" क्यों ना तेरा तलबगार हो जाऊं कहीं मैं ,
मैं मुख्तलिफ मुहब्बत हूं इस दस्तूर से ,
 क्यों ना  तेरा बार बार मुसलसल हो जाऊं मैं ,
खुद को तेरी आदतों में कितना मशग़ूल किया जाये ,
तुझमें में मसरुफ़ कहीं जाऊं मैं ,
बात जो भी फिर कहा तक जार बेजार , 
तेरे ज़िक्र की नुमाइश की पेशकश की जाये ,
लो ज़रा सी इबादत कर लूं भी मैं ,
इश्क़ की बात हैं मुहब्बत कर लूं मैं ,
तेरे ख्यालों की नुमाइश क्या ना करता मैं ,
ज़र्फ़ तेरी जुस्तजू तेरी आरज़ू तेरी ,
फिर इस हिज़्र में फिर किस की ख़्वाहिश करता मैं ,
उल्फते-ए-हयात  एहसासों को अब जिना आ रहा मुझे ,
जो तेरे ख्यालों के तसव्वुर से रफ़ाक़त जो कर रहा हूं मै . "

                           --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** 
*** नुमाइश *** 

" क्यों ना तेरा तलबगार हो जाऊं कहीं मैं ,
मैं मुख्तलिफ मुहब्बत हूं इस दस्तूर से ,
 क्यों ना  तेरा बार बार मुसलसल हो जाऊं मैं ,
खुद को तेरी आदतों में कितना मशग़ूल किया जाये ,
तुझमें में मसरुफ़ कहीं जाऊं मैं ,

Rabindra Kumar Ram

" यूं तो होने का मैं भी हूं , यूं तो होने का तुम भी हो , फिर किस में किसकी वजूद तलाश की जाये , तलबगार हैं कि बात जाहिर हो तो हो कैसे , रुख ये भी हैं बात जरा जाहिर ये भी हैं , खुद में खुद से किसकी मौजूदगी तलाश की जाये . " --- रबिन्द्र राम #शायरी #जऱा

read more
" यूं तो होने का मैं भी हूं ,
यूं तो होने का तुम भी हो ,
फिर किस में किसकी वजूद तलाश की जाये ,
तलबगार हैं कि बात जाहिर हो तो हो कैसे  ,
रुख ये भी हैं बात जरा जाहिर ये भी हैं ,
खुद में खुद से किसकी मौजूदगी तलाश की जाये . " 

                            --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " यूं तो होने का मैं भी हूं ,
यूं तो होने का तुम भी हो ,
फिर किस में किसकी वजूद तलाश की जाये ,
तलबगार हैं कि बात जाहिर हो तो हो कैसे  ,
रुख ये भी हैं बात जरा जाहिर ये भी हैं ,
खुद में खुद से किसकी मौजूदगी तलाश की जाये . " 

                            --- रबिन्द्र राम

Rabindra Kumar Ram

" यूं तो होने का मैं भी हूं , यूं तो होने का तुम भी हो , फिर किस में किसकी वजूद तलाश की जाये , तलबगार हैं कि बात जाहिर हो तो हो कैसे , रुख ये भी हैं बात जरा जाहिर ये भी हैं , खुद में खुद से किसकी मौजूदगी तलाश की जाये . " --- रबिन्द्र राम #शायरी #जऱा

read more
mute video

Rabindra Kumar Ram

" इक तु हैं जा चुकी हैं, देख मैं तेरा तलबगार अब भी हूँ, रास आये मुझे कोई और भी महज़ ये बात कैसी, मगर मैं तेरे ‌दिद का मुंतज़िर अब भी हूँ ." --- रबिन्द्र राम #शायरी

read more
" इक तु हैं जा चुकी हैं, 
देख मैं तेरा तलबगार अब भी हूँ, 
रास आये मुझे कोई और भी महज़ ये बात कैसी, 
मगर मैं तेरे ‌दिद का मुंतज़िर अब भी हूँ ." 

                    --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " इक तु हैं जा चुकी हैं, 
देख मैं तेरा तलबगार अब भी हूँ, 
रास आये मुझे कोई और भी महज़ ये बात कैसी, 
मगर मैं तेरे ‌दिद का मुंतज़िर अब भी हूँ ." 

                    --- रबिन्द्र राम

Rabindra Kumar Ram

" कुछ कर फैसला की मैं तेरा तलबगार आखिर कब तक रहु, हयाते-ए-हिज्र की बात मुनासिब और मुमकिन हो तो हो कैसे . " --- रबिन्द्र राम #फैसला #तलबगार #हयाते-ए-हिज्र #मुनासिब #मुमकिन #शायरी

read more
" कुछ कर फैसला की मैं तेरा तलबगार आखिर कब तक रहु,
हयाते-ए-हिज्र की बात मुनासिब और मुमकिन हो तो हो कैसे . " 

                    --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " कुछ कर फैसला की मैं तेरा तलबगार आखिर कब तक रहु,
हयाते-ए-हिज्र की बात मुनासिब और मुमकिन हो तो हो कैसे . " 

                    --- रबिन्द्र राम

#फैसला #तलबगार
#हयाते-ए-हिज्र #मुनासिब #मुमकिन

Shubham Bhardwaj

mute video

Shubham Bhardwaj

mute video

Shubham Bhardwaj

mute video

KRISHNARTH

अजीब से इत्तेफाक से हम दो चार हुए हैं
इश्क़ में खोकर उनके हम बर्बाद हुए हैं 
क़ातिल निगाहें  हमें ढुंढ ही लेती हैं
बेबस है फिर भी उनके तलबगार हुए हैं

©KRISHNARTH #तलबगार 

#walkalone

Sangam Pipe Line Wala Poet Shayar

mute video
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile