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Rajnish Shrivastava
कुछ लोग अपने आप से इतने निराश होते हैं । वह हर वक्त गम की तलाश में जी रहे होते हैं । जो मिला है उन्हें वो इसकी परवाह नहीं करते जो न मिला उसके गम में दिन रात रो रहे होते हैं । ©Rajnish Shrivastava #कुछ लोग
#कुछ लोग
read moreअपर्णा विजय
White कौन है यह चार लोग जो कि सवाल बहुत करते हैं हर एक की जिंदगी में ,बवाल बहुत करते हैं बिन पोथी के ही ये ज्ञानी सारा ज्ञान रखते हैं सही गलत के क़ायदों की ये तो खान रखते हैं न जाने कितने ही ख्वाबों को ये निगल जाते हैं और कहते हैं हम तो अपने काम से काम रखते हैं कहीं शहनाई हो या किसी की अंतिम विदाई हो ये तो अपनी ज़बान को व्यस्त सरेआम रखते हैं और कहते हैं कि हम बस अपने काम से काम रखते हैं ©अपर्णा विजय #चार लोग
#चार लोग
read moreSheetal Shekhar
White लोग कहते हैं कि मिज़ाज बदले-बदले से कुछ तुम्हारे; जबकि... नकाब जनाब खुद पहने हुए हैं।। ©Sheetal Shekhar #लोग 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स'
#लोग 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स'
read moreरिपुदमन झा 'पिनाकी'
White ज़िन्दगी पूछती है ज़िन्दगी जियोगे कब। स्वाद इस ज़िन्दगी की मौज का चखोगे कब। ऊम्र अपनी बिता रहे हो फंँस के उलझन में - आसमाँ पर उड़ानें सपनों की भरोगे कब। आप खुद से बताओ यार अब मिलोगे कब। क़ैद कर रखा है खुद को जो तुम खुलोगे कब। पालते हो क्यूँ दिल में ग़म उदास रहते हो- रंग जीवन में अपने खुशियों की भरोगे कब। जी रहे हो घुटन में खुल के साँस लोगे कब। दुःख के दुश्मन को हौसलों से मात दोगे कब। कुछ नहीं मिलता है औरों के लिए जीने से- हो चुके सब के बहुत अपने बता होगे कब। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #कब
love you zindagi
ख़्वाब,ख्वाहिश और लोग जितने कम हों उतना ही अच्छा है।। @वकील साहब ✍️ ©love you zindagi #khwaab #sapne #khwaish #लोग
Parasram Arora
Unsplash मेरी बिगड़ेल चाहतो से मुझे राहत मिलेगी कब? मेरे शरारती स्वार्थी तत्व आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ? मेरा मौन चिल्लाना चाहता है युगो से आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब? ©Parasram Arora कब?
कब?
read moreअनिल कसेर "उजाला"
White सभी को कहते ये बेकार हैं, बताते खुद को वफादार हैं। पिता को अनपढ़ गंवार बोले, स्वयं को कहते समझदार हैं। बातें सच की यहाँ जो करता, उसी पे ये करते अत्याचार हैं। आज के नेता कहते सारे के सारे, हम ही इस देश के पालनहार हैं। जब उजाला कहता सच्ची बातें, करतें फिर इससे क्यों इंकार हैं। ©अनिल कसेर "उजाला" आज के लोग
आज के लोग
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