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Mohmad Tanveer
जिंदगी में कुछ बदलाव हुआ है लगता है मोहब्बत का मन हुआ है ©Mohmad Tanveer लगता है मोहब्बत का मन हुआ है
लगता है मोहब्बत का मन हुआ है #Shayari
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी ममत्त्व ममता निश्छल संतानों में उड़ेल देती है जरा सा रुदन करे शिशु माँ का अंतर्मन झकझोर देती है बालगोपाल की लीलाओं को देख देख माँ मन्द मन्द खुश हो बलाये उसकी लेती है सारे कर्ज पैसो से उतर सकते है मगर माँ का कर्ज जन्मो तक नही उतर सकते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #mothers_day माँ का कर्ज जन्म जन्म तक नही उतर सकते है #nojotohindi
#mothers_day माँ का कर्ज जन्म जन्म तक नही उतर सकते है #nojotohindi #कविता
read moreMahadev Son
आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म "मन" का, मरण " तन" का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना तय उसका सफर यही तक का यही तेरी ही भूल थी त्याग देगा भर जायेगा "मन", इस तन से "मन" चंचल पर अज़र बस निर्भर कर्मों पर कर्म होंगें जैसे "मन" जन्म का "तन" पायेगा वैसे जैसे जेब में पैसे होते वैसे वस्त्र खरीदता तू हिसाब किताब सब यहाँ होता पैसों से वैसे मन का होता वहाँ सब कर्मों से पायेगा क्या भोगेगा क्या फिर से चंचल "मन" को भी न मालूम वर्ना छोड़ता न कभी इस "तन" को ...! ©Mahadev Son आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना तय उसका सफर यही तक का यही तेरी ही भूल थी त्याग देगा भर जायेग
आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना तय उसका सफर यही तक का यही तेरी ही भूल थी त्याग देगा भर जायेग #Life
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आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ यही जीवन चक्र सृजन हुआ जिसका नष्ट भी होना तय उसका सफर यही तक ये तेरी ही भूल थी त्याग देगा, भर जायेगा, मन इस तन से मन तो अज़र है बस कर्मों पे निर्भर है कर्म अच्छे होंगें जितने तन पायेगा वैसा जैसे जेब में पैसे होते वैसे वस्त्र खरीदता तू गणित यहाँ माया का वहाँ कर्मों का हिसाब किताब जैसा वैसा तन पायेगा भोगेगा क्या फिर से मन को भी न मालूम वर्ना छोड़ता न कभी इस तन को ©Mahadev Son आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ यही जीवन चक्र सृजन हुआ जिसका नष्ट भी होना तय उसका सफर यही तक ये तेरी ही भूल थी त्याग द
आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ यही जीवन चक्र सृजन हुआ जिसका नष्ट भी होना तय उसका सफर यही तक ये तेरी ही भूल थी त्याग द #Bhakti
read moreBharat Bhushan pathak
जन्म-जन्म की पूँजी हरिगुण। अगर कृपा अन्त होय दुर्गुण।। ©Bharat Bhushan pathak जन्म-जन्म की पूँजी हरिगुण। अगर कृपा अन्त होय दुर्गुण।।
जन्म-जन्म की पूँजी हरिगुण। अगर कृपा अन्त होय दुर्गुण।। #Poetry
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