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love you zindagi
कोई होगा समन्दर जो पास तेरे आयेगा। कोई होगी नदी जो तेरी प्यास बुझाएगी । हम दरिया हैं चाहत में डुबाने का हुनर जानते हैं ।। ✍️वकील साहब ©love you zindagi #landscape #समन्दर #किनारा #नदी
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read moreParasram Arora
White खाई थीं कसम सागर ने कि इक दिन वो रेगिस्तान मे भी फुल खिला दे गा अपनी कसम पूरी करने के लिए भेजा था उसने एक नदी को रेगिस्तानको सीचने के लिए पर वो नदी रेगिस्तान क़ी तपी रेत मे लुप्त हो जायेगी और लौट नही पाएगी ऐसा न उस सागर ने सोचा था न उस बदनसीब नदी ने ©Parasram Arora बदनसीब नदी
बदनसीब नदी
read moreShreyansh Gaurav
"नदी का पुराना पुल" कभी तुम गये हो गांव में नदी के किनारे बहुत सुकून मिलता है.! पहले मैं गांव रहता था, दोस्तों का ज़मावड़ा, मज़मा लगता था.! नदी पर पहले इक़ पुल था जो अंग्रेजो के वक़्त का बना है.! गया था मैं गांव कुछ साल पहले देखा अब बदल गया है.! उस पुल के बगल इक़ नया पुल बन गया है, पुराने पे अब सन्नाटा है सुना किसी ने बोला अब यहाँ कोई नहीं आता है.! पूछा क्यूँ कुछ हुआ था क्या इक़ ने कहा भैया, यहाँ कोई मर गया था.! इसलिये अब सब डरते है इधर कोई नहीं आता है.! हमनें देखा बहुत सन्नाटा छाया था जहाँ पहले लोंगो को सुकून मिलता था वही से लोग अब डरने लगे है.! क्या तुम भी लोंगो की तरह बुज़ुर्गो को छोड़कर नये ढूढने लगे हो.! मैं गया वहाँ अकेले ही मुझे कोई डर नहीं फ़िर वही सुकून, मुझे गांव लें गया.! यें "नदी का पुराना पुल " मुझे अब भी याद है, मुझे सुकून सन्नाटा दें गया.!! ©Shreyansh Gaurav #नदी का पुराना पुल #poerty
Parasram Arora
White समुन्दर नदियों को बहला फुसला कर उनके तरल ख़ज़ाने लूटता रहा और वे बदनसीब नदिया अपने वजूद का इंतकाल होते देख आंसू बहाती रहीं ©Parasram Arora समुन्दर और नदी
समुन्दर और नदी
read moreShekhar Yadav
Unsplash सरस्वतीं च तां नौमि वागधिष्ठातृदेवताम् । या वीणावरदण्डमण्डित करा या श्वेत पद्मासना । सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।। सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि । ©Shekhar Yadav सरस्वती माता आगमन? 🙏🙏 bhakti
सरस्वती माता आगमन? 🙏🙏 bhakti
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
White हे स्वर की देवी नमोस्तुते करुणामयी भव तार दे.. है बसंत पंचमी की प्रभा वर दे सरस्वती वरप्रदा विद्या विनय भंडार दे करुणामयी भव तार दे.. हे शारदे कमलसना वागेश्वरी हंसासना तेरी शरण माँ प्यार दे.. करुणामयी भव तार दे.. ये हिन्द की पावन धरा तेरी कृपा का है आसरा कण कण कृपा से संवार दे करुणामयी भव तार दे.. अज्ञान से प्रतिकार हो निर्मल हृदय अविकार हो ऐसा सरल संसार दे करुणामयी भव तार दे.. नयनों में हो न तम कभी भटकें न राहें हम कभी वीणा की वो झंकार दे करुणामयी भव तार दे.. ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #माँ सरस्वती
#माँ सरस्वती
read morevish
मैं ठहरे हुए कुएँ का वो पानी नहीं, जो थम जाऊँ.... मैं बहती नदी की वो धारा हूँ, जो साहिल से टकराकर भी, अपने सागर से मिल जाऊँ.... जिंद़गी ©vish # नदी की वो धारा
# नदी की वो धारा
read moreSANIR SINGNORI
पराया क्या जाने पीर 'काटली' की कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की पैसे के लालच में आज, साहूकारों ने बेच दी मिट्टी 'काटली' की निकली थी वो तुम्हारी प्यास बुझाने, बुझा दी मानस ने राह 'काटली' की सहस्र जीवों का जीवन थी जो, इंसानों ने छीन ली सांसे 'काटली' की अपनों ने काट दी जड़े 'सानिर' कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की सिर साँटें 'सानिर', तो भी सस्तो जाण, जै बच जाए जान 'काटली' की पराया क्या जाने पीर 'काटली' की कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की . ©SANIR SINGNORI #DesertWalk नदी बचाओ
#DesertWalk नदी बचाओ
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