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Parasram Arora

जिवंन के विकास क्रम मे

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Unsplash जीवंन  के विकास क्रम. मे आचरण की शिथिलता स्पष्ट नजर आ रहीं हैँ

संवेदनाओं के स्तर धीरे धीरे शून्यता की तरफ अग्रसर होते दिख रहेहैँ 
और  बुलंदियों की सुदौल आकृति भी लड़खड़ाती हुई दिख रहीं हैँ

©Parasram Arora जिवंन के विकास क्रम मे

unique writer

गुणों से पहचान

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Lalit Saxena

#Book दिल से

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Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं
तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है
जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा
बेताब करते है।।।।।
गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते
..............तो क्या मैं लिखता?
कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार
कलम कही पड़ी होती किसी कोने में
और कागज़ हवा में उड़ रहे होते
कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना
डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते।
मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!!

©Lalit Saxena #Book दिल से

Parasram Arora

विकास के नए मापदंड

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Unsplash बिकास के नए 
स्टेशनो क़ी दुरी 
अब तय होंगी 
बुलेट ट्रेनो  क़ी तेज़ रफ्तारो से

रिश्तोऔर संबंधो के 
नामकर्णअब तय 
होगे ताप मापी यत्रो से

©Parasram Arora विकास के नए मापदंड

Shishpal Chauhan

#मेरी लेखनी से

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White अपनी लेखनी से कभी लिखता हूँ, कभी लिखकर मिटाता हूँ ।
कभी हृदय का प्रेम छुपाता हूँ, कभी सोए हुए को जगाता हूँ ।
लेकिन मैं सोचता हूँ कि तुमने मेरी लेखनी से प्यार नहीं किया
यह तुम्हें मैं क्यों बताता हूँ ,
तुमने तो मेरे व्यक्तित्व से प्रेम किया; यह सोचकर सहम-सा जाता हूँ ।
तुम्हें पढ़ने की फुर्सत नहीं है ; यूँ ही दिल को ठेस पहुँचाता हूँ,
मुझे वो चेहरा पसंद नहीं है ; केवल दिखावा करता है 
मैं आपनी लेखनी से ही मन को बहला लिया करता हूँ ।
अ मेरे जीवन साथी शायद तुम्हें पता ही नहीं
मेरी जिंदगी को तुमने कितना बदल दिया
सोते हुए नींद में भी लिख लिया करता हूँ ,
लेकिन तुम्हें क्या फर्क पड़ता है  मेरी नींद हराम करने वाली
बेकार में ही दिल की धड़कन  बढ़ा लिया करता हूँ।
तुमने मेरी प्रेम की गहराईयों को समझा ही नहीं 
तेरी यादों से ही बेरहम अंधेरी रात काट लिया करता हूँ,
तुम साथ न दो कोई बात नहीं ; अश्कों को ही स्याही बना लिया करता हूँ।
मैं तुमसे मिलने से पहले  एक बेजान-सा पुतला था
तुमने ही मुझे दिया नाम, पी लिया करता हूँ गमों का जाम।
पहचान और शोहरत दी बस तू मेरे साथ रहे यही मैं चाहता हूँ,
जैसे सुनार सोने को पिघलाकर आकार देता है 
तुमने मेरी जिंदगी ही बदल दी 
तुम से जुदा न हो पाऊँगा  बस तुझमें ही खो जाना चाहता हूँ।
कितने लोग आए और कितने चले गए 
कईयों के रिश्ते बिगड़ गए तो कईयों के संवर गए
सुख हो दुख हो तुम्हारे संग हर लम्हा बिताना चाहता हूँ,
कुछ लोग प्यार की गंभीरता को समझते हैं 
वे दुनिया को बहुत कुछ दे जाते हैं  शायद मैं भी उनमें से एक हूँ 
अपने मधुर शब्दों से यादें छोड़ देना चाहता हूँ।
प्यार में झूठे वायदे झूठी कसमें खाई जाती है 
उनको निभाता है कोई-कोई ऐसे बंधन में नहीं मैं बंद जाना चाहता हूँ,
प्रेम ईश्वर का दिया एक नायाब तोहफ़ा है; उसमें एक अलग खुशबू है 
अपनी पवित्रता का ख्याल रखना चाहता हूँ ।
लेखन बयां कर देता है दिल का हाल – चौहान, लेखनी है मेरी जान ।।

©Shishpal Chauhan #मेरी लेखनी से

unique writer

खुद से दोस्ती

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Anuradha T Gautam 6280

#लाठी वो अहिंसा का पुजारी और सत्य की राह दिखाने वाला ईमानदार का पाठ पढ़ा गया हमें वो बापू लाठी वाला..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️

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Ravendra

बाल विकास परियोजना में महिलाओं ने किया सम्मान

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Gondwana Sherni 750

#sad_quotes विकास विनाश

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White मै निः शब्द हु उस विकास के लिए 
जिसने गांव को शहर बना दिया 
जंगल को काट के रोड बना दिया 
ऑक्सीजन पैसों से बाट रहे हैं 
पुरखो की संस्कृति को फैशन बना दिया 
हमारी व्यवस्था को मिटाने के लिए दूसरी व्यवस्था बना दिया गया 
अपने पुरखो का कॉपी कर दिया गया 
इतना कुछ बदल जाने के बाद भी 
हमारे लोग फैशन को संस्कृति कहेंगे 
थाईयो को अपना पुरखा मानेंगे 
पक्के घरों को विकास मानेंगे 
रोड को उन्नति कहेंगे 
गर्व करो 
तुम अपने व्यवस्था को भूल के थाईयो के व्यवस्था की ओर जा रहे हो

Preeti uikey 750
10/11/24

©Gondwana Sherni 750 #sad_quotes विकास विनाश

पूर्वार्थ

#जख्म से जीता

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White बैठी हैं क्यों दर्द लिए;
आतीत-सा मन को शान्त किये ।
जो बीते पल माहुर से थे;
आज क्यों उनके जाम पिए।
भविष्य सुनहरा राह देखता;
तेरे हर पल आने की,
हौसले से तोड़ बेड़ियाँ
जख्म भरे अल्फाजों की
देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने;
आगे बढ़ तू इसी बहाने ,
दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ;
भूल न उसे ;
जो कहता तू आगे बढ़।
जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ;
शत्रु हो जाए छितर - बितर।।
मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए ,
तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।।

©पूर्वार्थ #जख्म से जीता
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