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Pintu Khan
#Pehlealfaaz दुनिया का सबसे शौकीन आदमी बाल कटाने वाला यह आदमी कानपुर से लखनऊ बार कटवाने आया है
Aacky Verma
दाढ़ी जरूर बढ़ गयी है लेकिन मे कबीर सिंह कहा ये तो खुद को कामयाब करने की जिद्द है दाढ़ी कटवाने की फुरसत कहा ये तो मै बस खुद से जितना चाहता हु किसी और को हराने की चाहत कहा दाढ़ी जरूर बढ़ गयी है लेकिन मे कबीर सिंह कहा www.aackyshayari.in @aackyshayari ©Aacky Verma दाढ़ी जरूर बढ़ गयी है लेकिन मे कबीर सिंह कहा ये तो खुद को कामयाब करने की जिद्द है दाढ़ी कटवाने की फुरसत कहा ये तो मै बस खुद से जितना चाहता ह
JALAJ KUMAR RATHOUR
आदर्श , सेमीबिहारी , बेरोजगार, पेंटर, शायर, सिगंल, यूनिवर्सल भैया, सूरमा भोपाली, और मिनट भर में सच्ची मोहब्बत में पडने वाला, लोगो के बैक लगवाने वाला ये बन्दा हमारा रूममेट ने होते हुये भी तीन साल हमारे साथ रहा , लोगों को हर गलत लत लगावने वाला और ब्रेकअप करवाने वाला ये शख्स , पता नही कब हमारी जिन्दगी का एक अभिन्न हिस्सा बन गया और आज भी है यार तेरा साथ हमेशा लाजबाब रहा, बस इतना ही कहूगॉ कि शुक्रिया तेरा हमारी हर ट्रिप को हसीन बनाने के लिये, हर वक्त हमारा साथ निभाने के लिये , सो यी तो कहकर चिढाने के लिये, हमारी रातो को छत पर कटवाने के लिये, और हमे हर वक्त हसॉने के लिए... जन्मदिन मुबारक मेरे यार आदर्श कुमार आदर्श , सेमीबिहारी , बेरोजगार, पेंटर, शायर, सिगंल, यूनिवर्सल भैया, सूरमा भोपाली, और मिनट भर में सच्ची मोहब्बत में पडने वाला, लोगो के बैक लग
Sandeep Rajput
रास्ते फिर निकलने लगे बहनों, बेटियों को कौन से दरिंदे खड़े हैं रास्तों पर क्या कर रही है सरकार कहां है कानून वही कानून जो बिक जाति हैं रास्तों पर read caption for full poem रास्ते फिर निकलने लगे बहनों, बेटियों को कौन से दरिंदे खड़े हैं रास्तों पर क्या कर रही है सरकार कहां है कानून वही कानून जो बिक जाते हैं रास
Divyanshu Pathak
'अन्नदाता' की झोली में 'आँसू'..... पल-पल बदल रहे मौसम ने अन्नदाता की झोली में आंसू भर दिए हैं। खेतों में खड़ी फसल पर पड़ रही बूंदें किसानों पर वज्रपात करती महसूस हो रही हैं। ऎ
Divyanshu Pathak
अब तो कृपा करो कुछ बादल 'नभ' से 'थल' तक है 'जल ही जल' 'मिट्टी' के घर 'धसक' रहे है 'पत्थर' के दिल 'दरक' रहे है सह में बच्चे 'सिसक' रहे है अपनी ''माँ'' से चिपक रहे है "गिरवी" है चांदी की 'पायल' अब तो "कृपा" करो कुछ बादल पल-पल बदल रहे मौसम ने अन्नदाता की झोली में आंसू भर दिए हैं। खेतों में खड़ी फसल पर पड़ रही बूंदें किसानों पर वज्रपात करती महसूस हो रही हैं। ऎ
Agrawal Vinay Vinayak
अब समझ आया पूर्वजों के समय में (Read Captain 👇👇) अब समझ आया पूर्वजों के समय में 1. शौचालय और स्नानघर निवास स्थान के बाहर होते थे। 2.क्यों बाल कटवाने के बाद या किसी के दाह संस्कार से वापस घर
Jyotshna Rani Sahoo
उन्हें मिलना था भाग - १२ डॉक्टर तो समापिका के जांच कर वहां से चले गए,पर कुछ सवाल,कुछ आशंका उनके पीछे छोड़ दिए। उसकी मुंडी को हल्का सहलाते हुए बोला अंशु - तुम्हे क्या