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New arjun kapoor and ranveer singh relation Quotes, Status, Photo, Video

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Lucky

Pathan Jahir Gurmit Singh AasifAk Sachin Mehta Niraj Kumar Allu Arjun

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Allu Arjun

©Lucky  Pathan Jahir  Gurmit Singh   AasifAk  Sachin Mehta  Niraj Kumar Allu Arjun

Vivek Singh

#Allu Arjun ki giraftari per bharke Ravi kishan

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NAVRANG

pushpa 2 roll Allu Arjun

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Pradeep Kumar Yadav

White रिश्तेदारों की क्या बात?
लुच्चे हैं कुछ टुच्चे जैसा,
ओले हैं कुछ दोगले जैसा।
मिठास भरी बातों में छिपा है जहर,
पीठ पीछे करते हैं चालों का कहर।

सामने से बनें भाई-भाई,
पीछे से करें दिल की सफाई।
अपने घर में ना पूछें कुत्ता,
पर आपकी बुराई में लगाएं झुंड का झुंडा।

स्वार्थ का संसार, दिखावे की मूरत,
इनकी दोस्ती बस मतलब की सूरत।
भरोसा तोड़ने में हैं ये उस्ताद,
बातों से देते हैं रिश्तों को विषाद।

रिश्तेदारों की क्या बात?
ये तो दोगलों की पूरी टोली है,
हंसी के पीछे छुपी इनकी गोली है।।

©Pradeep Kumar Yadav #sad_quotes #relation

Aavran

दिखता शून्य, समर में भरा हुआ
अवचेतन है मन, कुछ डरा हुआ
किससे युद्ध करूं मै पार्थ
तुम सुलझाओ, मन का स्वार्थ।
रणभेरी जो हमने आज उकेरी
कल अपने ही मिटते होंगे
बहेंगे अश्रु और होगी लाशों की ढेरी। 
धनुष धर्म की ओर उठा है
है नजर तो, फिर भी अपनों ने ही फेरी। 
लहू बहेगा, श्वेत वस्त्र का होगा मातम
क्रंदन मय होगी हर रात घनेरी। 
मुक्त करो, है अर्ज दास की
पाप प्रलय सा हर पन्नों मे होगा 
सर्वस्व नाश में होगी न देरी।

Contd.......

©Aavran Krishna and Arjun Samvad  #Krishna    Hinduism #आवरण #जिंदगी #इनदिनों #मोहब्बत #Love #life #lifeisbeautiful

nazish hameed

Pushpa 2 allu Arjun

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Avinash Jha

कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था,
दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था।
धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन,
सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन।

व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया,
भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया।
मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ,
किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ?

पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना,
पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना?
जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए,
आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए।

"हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई,
जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई।
क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा,
जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?"

अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल,
धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल।
कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से,
"जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है।

हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो,
धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो।
यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है,
तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है।

©Avinash Jha #संशय
#Mythology  #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun

Annu Dilwale

person

mother and daughter blood relation 🩸

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Shanthi Shanthi

arjun in mysore

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