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narendra bhakuni
Krishna G
poonam atrey
क्या गुमान करें इस काया का ,जो मिट्टी में मिल जानी है माया का क्या अभिमान करें , ये माया आनी जानी है, बस चन्द घड़ियों का खेला है ,जीवन पानी का रेला है, कभी दर्द है कभी ख़ुशी , जीवन भर यही झमेला है कैसे निकले सब सोच रहे , क़िस्मत के उलझे तारों से, बहे जा रहे हैं सब ही , कलकल पानी के धारो से, सब लेखा जोखा लिखा हुआ ,फ़िर कैसा शोक मनाता है, जो आया है इस धरती पर ,एक दिन वापस भी जाता है।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey #अभिमान #विचार_प्रवाह #पूनमकीकलमसे #नोजोटोराइटर्स #हुनरबाज Anshu writer Gyanendra Kumar Pandey aditya हिमांशु Kulshreshtha vineetapancha
Shubham Raj Tiwari
"EGO" °°°°° Is the only requirement to destroy any relationship So, be a bigger person skip the "e" and let it "go"! ©Shubham Raj Tiwari #lakeview EGO Mahesh I jaiswal Anshu writer Ayesha Aarya Singh Tanisha Neha Nishad
Manshi Sahu
Good morning 🌄 ©Manshi Sahu #aaina अदनासा- sonu kumar babra নাজমা পারবেন Shahnaz Rakesh Srivastava Srk writes Nazim Ali (Shiblu) Mahesh I jaiswal Ak.writer_2.0 Rakesh
poonam atrey
**आपसी रंजिश** रिश्तों के अब , सरेआम क़त्ल होने लगे, नाते और संबन्ध ,अपनी शक़्ल खोने लगे, भाई ही भाई के , खून का प्यासा हुआ, दौलत की ऐसी होड़,रिश्ते भीड़ में खोने लगे, आपसी रंजिश में करते क़त्ल अपने खून का, फूल से रिश्तों में अब हम ,शूल क्यों बोने लगे, जो लील जाए प्रेम को,वो दौलत किस काम की, दिल के क़रीम धागों में, माया क्यूँ पिरोने लगे, धन दौलत तो बेवफ़ा के ,कब किसी के साथ गई, क्यूँ दौलत की ख़ातिर, खून रिश्तों का बहाने लगे।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey #आपसीरंजिश #पूनमकीकलमसे #पतन #नोजोटोराइटर्स Neel Srk writes Mahi Ravikant Dushe ( prahlad Singh )( feeling writer) honey khattri Shiv Ki
Banarasi..
poonam atrey
** गुज़ारिश ** ( कविता ) कभी मुश्किलों में कट रही है , कभी हादसों में घट रही है, ये ज़िन्दगी है यारो ,हर दिन हर लम्हा ,हिस्सो में बंट रही है, जब हर ख्वाहिशें बिसार दी ,ज़िन्दगी औरो पर ही वार दी, फ़िर रो कर ज़िन्दगी को हमनें , तकलीफ़ ही बेकार दी, सुलगती आग में जले हैं ,नंगे पाँव हर दिन काँटो पर चले हैं, ज़िन्दगी और क्या इम्तिहान दे, दहकती धूप में पिघले हैं, 'गुज़ारिश' खुशियों से थोड़ी सी , हम आज क्या कर बैठे, ज़माने भर के तीर चल गए ,कम्बख़्त दर्द भी जल बैठे, मरना सीखा है पल पल , जीना तो हमको आया ही नही, ख़ुशी के लम्हे कहते हैं ,हम तो आये पर तुमने निभाया ही नही, आज नही तो कल ,सबको सब कुछ यही छोड़ जाना है, जब ये पँछी उड़ेगा रूह का ,किसी के हाथ नही आना है, बाँट रहे हैं खुशियां इसीलिए ,हम अपनो में और परायों में, फिर सिमट के रह जाएंगे , किसी की यादों के कुछ सायो में, आज जी रहें हैं कल ये साँसे , जाने किसके नाम होगीं , ज़िस्म जल जाएगा ,दिन फ़िर भी ढलेगा ,फिर भी शाम होगी।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey #गुज़ारिश #पूनमकीकलमसे #नोजोटोराइटर्स Syed Suraj Anudeep Deep isq Shayri #lover AD Kiran Madhusudan Shrivastava Shiv Kishore Anuja sharm
narendra bhakuni
Ankit Boss golden heart