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RUPESH Kr SINHA
.................................................. ©RUPESH Kr SINHA सच है ना ये
सच है ना ये
read moreF M POETRY
Unsplash ये ग़म-ए-हिज़्र है तोहफा दिया हुआ तेरा.. अब भी ताज़ा है ये ग़म मैंने संभाला यूँ है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #अब भी ताज़ा है ये ग़म....
#अब भी ताज़ा है ये ग़म....
read moreAnjali Singhal
मरकर भी जिंदा है ये दिल नहीं हौसले का परिंदा है ये.✍️ #AnjaliSinghal #Shayari #shayaristatus #status nojoto
read moreKhushboo
White जब मुझे पिता की ऊँगली पकड़नी थी, तब उन्होंने हाँथ छुड़ा लिया। जब मुझे माँ की थपकी चाहिये थी, तब उन्होंने हाँथ छुड़ा लिया। अब प्यार बेशुमार करते है मेरे पति मुझसे, अब मेरा हाँथ छूट रहा है उनसे। ©Khushboo ये दुख बड़ा रूलाती है न😭😭
ये दुख बड़ा रूलाती है न😭😭
read moreनवनीत ठाकुर
White क्या कहें, ये दौर कितना बदल गया, हर इंसान अपने ही साए से जल गया। इज्जत अब बस नामों तक रह गई है, असलियत झूठ की चादर में ढह गई है। जो सपने कभी जमीर ने सजाए थे, अब दौलत की ठोकर से मिटाए गए हैं। हर ख्वाब जो आँखों में पलता था, उसकी कीमत सिक्कों में लिखी गई है। मगर ये सिलसिला ज्यादा नहीं चलेगा, हर झूठ का नकाब एक दिन गिरेगा। ईमान की चिंगारी फिर शोला बनेगी, और सच्चाई हर अंधेरे को जलेगी। ©नवनीत ठाकुर #ये दौर कितना बदल गया है
#ये दौर कितना बदल गया है
read moreParasram Arora
White धर्म! आखिर ये धर्म है क्या? मैंने तो सिर्फ जीवन को ही जाना है जीवन के अलावा मैंने किसी को नहीं जाना है. और मेरी दृष्टि मे जीवन का अर्थ है. खेत हल कुवा और लहल्हाती फसल जीवन का अर्थ है पत्नी बच्चे और सुखद सफल दाम्पत्य ©Parasram Arora आखिर ये धर्म है क्या?
आखिर ये धर्म है क्या?
read moreनवनीत ठाकुर
जिसे कोई छू न पाया, उसी आकाश को नीले और सफेद के संग रंग डाला, ये कौन चित्रकार है।। कांटों को हर फूल के संग बगिया में जिसने बसाया, वो किसका विचार है।। मछलियों को जिसने गहरे सागर में खेलना सिखाया, हर लहर में जीने का नया अंदाज़ दिखाया, ये किसका चमत्कार है।। जमीन को काट कर जिसने पहाड़ों को ऊंचा बनाया, ये कैसा अद्भुत शिल्पकार है।। नदी छल-छल कर कानों में संगीत जो सुनाए, हर बहाव में छुपा कोई तो अनदेखा गीतकार है।। चांद जो रात भर सबको अपनी निगरानी में रखता, खामोश रात का वो मौन पहरेदार है।। अनगिनत तारे भी दिन में आने की हिम्मत नहीं कर पाते, सूरज को अकेले जिसने आकाश में जलना सिखाया, वो ही तो प्रकृति का महान आधार है।। वो अदृश्य है, पर हर जगह है रचा-बसा, हर सांस में, हर धड़कन में उसी का उपकार है।। कुदरत के हर कण , हर रंग, हर रूप में बस उसी का अधिकार है।। ©Navneet Thakur #ये कौन चित्रकार है हिंदी कविता
#ये कौन चित्रकार है हिंदी कविता
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी मानवतावाद की सोच लिये क्रियाकलाप भारत मे पनपे है त्योहारों और परम्पराओ की घुट्टी पिलाकर सर्वोदयी के भाव से पालन पोषण के गरीबो तक संसाधन कमाने के पहुँचे है धन तेरस को कुछ खरीदी करना जुगाड़ गरीबो की खुशियों की करता है वैश्विक भारत की आत्मनिर्भरता ही जग को आकर्षित करता है धन नही ये धन्यतेरस है समाजवाद की सम्रगता को विकसित करता है ©Praveen Jain "पल्लव" #Dhanteras धन नही ये धन्यतेरस है #nojotohindipoetry
#Dhanteras धन नही ये धन्यतेरस है #nojotohindipoetry
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