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Shashank

क्रोधित हूँ, दुखी हूँ, व्यथित हूँ-इस विभत्स घटना को शब्दों में नहीं कह पाऊँगा! मैं माँग करता हूँ देश के सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों से- Ju #JusticeForTwinkleSharma

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क्रोधित हूँ, दुखी हूँ, व्यथित हूँ-इस विभत्स घटना को शब्दों में नहीं कह पाऊँगा! मैं माँग करता हूँ देश के सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों से- #JusticeForTwinkleSharma ऐसी कड़ी सज़ा दी जाए जो ज़ाहिद जैसे और जल्लादों के लिए सबक़ हो! #NojotoQuote क्रोधित हूँ, दुखी हूँ, व्यथित हूँ-इस विभत्स घटना को शब्दों में नहीं कह पाऊँगा! मैं माँग करता हूँ देश के सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों से- #Ju

Rakesh Kumar Dogra

चुप्पी का रुदन गा दिया हमने, क़फ़स* का कफ़न हटा दिया हमने। ज़िन्दगी के प्रति ये रहा रवैया हमारा, सच इतना विभत्स था कि दफ़न कर दिया हमने। #शायरी

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Anupama Jha

#WorldPoetryDay #yqdidi अमर,अजेय निर्भीक, निर्भय सब कालों में व्याप्त है कोई उसका पर्याय नहीं यह स्वयं पर्याप्त है, शब्द है यह,गाथा है

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अमर कविता

(अनुशीर्षक में ) #worldpoetryday #yqdidi 

अमर,अजेय
निर्भीक, निर्भय
सब कालों में व्याप्त है
कोई उसका पर्याय नहीं
यह स्वयं पर्याप्त है,
शब्द है यह,गाथा है

Shruti Gupta

द्रोपदी का हर लिया था मान जिन्होंने, वीरों की तलवार ने क्या कर लिया? भर गई थी आँख और असहाय हो कर कृष्ण ने फिर ये तबाही हर लिया। गर्भ के भीत #yqrestzone #rzhindi #rzकाव्योगिता2

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द्रोपदी का हर लिया था मान जिन्होंने,
वीरों की तलवार ने क्या कर लिया?
भर गई थी आँख और असहाय हो कर
कृष्ण ने फिर ये तबाही हर लिया।

गर्भ के भीतर कली का अंश था जो
मृत किया अस्तित्व, किसने मृत किया?
घर की औरत के ही हांथो मर चुकी वो,
शोक और आक्रोश ने न जन्म लिया।

लंका नृप रावण को इक क्षण भूल जाओ,
उस सभा का आज से तुम दहन करो।
वर्ग की नारी का दिल भी न पसीजा,
' त्याग सीता का ' सभी ने प्रण लिया।

बेच देती हैं सभा नारी को अक्सर,
स्त्री भी क्रेता और पुरुष भी साथ देता।
बैर नारी की बनी नारी भी क्षण क्षण,
हाय! द्वेष ने ये तबाही क्यों किया?

नर ने स्त्री के असहाय होने का लाभ लिया।
स्त्री ने स्त्री के असहाय होने का लाभ लिया! द्रोपदी का हर लिया था मान जिन्होंने,
वीरों की तलवार ने क्या कर लिया?
भर गई थी आँख और असहाय हो कर
कृष्ण ने फिर ये तबाही हर लिया।

गर्भ के भीत

amar gupta

द्रोपदी का हर लिया था मान जिन्होंने, वीरों की तलवार ने क्या कर लिया? भर गई थी आँख और असहाय हो कर कृष्ण ने फिर ये तबाही हर लिया। गर्भ के भीत #yqrestzone #rzhindi #rzकाव्योगिता2

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द्रोपदी का हर लिया था मान जिन्होंने,
वीरों की तलवार ने क्या कर लिया?
भर गई थी आँख और असहाय हो कर
कृष्ण ने फिर ये तबाही हर लिया।

गर्भ के भीतर कली का अंश था जो
मृत किया अस्तित्व, किसने मृत किया?
घर की औरत के ही हांथो मर चुकी वो,
शोक और आक्रोश ने न जन्म लिया।

लंका नृप रावण को इक क्षण भूल जाओ,
उस सभा का आज से तुम दहन करो।
वर्ग की नारी का दिल भी न पसीजा,
' त्याग सीता का ' सभी ने प्रण लिया।

बेच देती हैं सभा नारी को अक्सर,
स्त्री भी क्रेता और पुरुष भी साथ देता।
बैर नारी की बनी नारी भी क्षण क्षण,
हाय! द्वेष ने ये तबाही क्यों किया?

नर ने स्त्री के असहाय होने का लाभ लिया।
स्त्री ने स्त्री के असहाय होने का लाभ लिया! द्रोपदी का हर लिया था मान जिन्होंने,
वीरों की तलवार ने क्या कर लिया?
भर गई थी आँख और असहाय हो कर
कृष्ण ने फिर ये तबाही हर लिया।

गर्भ के भीत

Anand Kumar Ashodhiya

मैं क्यूँ बनूँ एक और निर्भया? मैं क्यूँ बनूँ एक और निर्भया - नया हिन्दी गाना गीत कविता सारे धरने, सरकारी वादे और कानून के बावजूद हर रोज एक

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 मैं क्यूँ बनूँ एक और निर्भया?
मैं क्यूँ बनूँ एक और निर्भया - नया  हिन्दी गाना गीत कविता

सारे धरने, सरकारी वादे और कानून के बावजूद हर रोज एक

राघव_रमण (R.J)..

कविता कहानी अपनी जुबानी गजल गीत शब्दों की है रवानी।। मनोभाव अपने समेटे चली वो कलम स्याही के रंगों में घुली वो कभी कुछ बड़ी संरचना बनाती कभ

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कविता कहानी अपनी जुबानी
गजल गीत शब्दों की है रवानी।।

मनोभाव अपने समेटे चली वो
कलम स्याही के रंगों में घुली वो
कभी कुछ बड़ी संरचना बनाती 
कभी छोटे - छोटे रूपों में ढली वो
अक्षरों के सहारे है जिसकी जवानी
गजल गीत शब्दों की है रवानी
कविता कहानी अपनी जुबानी।।



                             ©राघव रमण
                                      28/11/19 कविता कहानी अपनी जुबानी
गजल गीत शब्दों की है रवानी।।

मनोभाव अपने समेटे चली वो
कलम स्याही के रंगों में घुली वो
कभी कुछ बड़ी संरचना बनाती 
कभ

ashish prajapati

विभत्स हूं विभोर हूं ....... मै समाधी मे ही चूर हूं ...... ** मै शिव हूं ** मै शिव हूं ** मै शिव हूं घनघोर अंधेरा ओढ़ के मै जन जीवन से दूर

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विभत्स हूं विभोर हूं ....... 
मै समाधी मे ही चूर हूं ......
** मै शिव हूं ** मै शिव हूं ** मै शिव हूं
घनघोर अंधेरा ओढ़ के मै जन जीवन से दूर हूं...
श्मशान मे हूं नाचता मै मुत्यु का गुरूर हूं...
** मै शिव हूं ** मै शिव हूं ** मै शिव हूं
साम- दाम तुम्ही रखो ......
मै दंड मे सम्पूर्ण हूं ........ 
** मै शिव हूं ** मै शिव हूं ** मै शिव हूं
चीर आया चरम मे ......
मार आया ,मै ,, को मै ......
,मै", " मै " नही ...
" मै " भय नही ...
** मै शिव हूं ** मै शिव हूं ** मै शिव हूं
जो सिर्फ तू है सोचता .....
केवल वो मै नही .....
** मै शिव हूं ** मै शिव हूं ** मै शिव हूं
मै काल का कपाल हूं...
मै मुल वी चिंघाड़ हूं ......
मै मग्न .. मै चिर मग्न हूं ..
मै एकांत में उजाड़ हूं..
** मै शिव हूं ** मै शिव हूं ** मै शिव हूं
मै आग हूं ...
मै राख हू ...
मै पवित्र राप हूं ...
मै पंख हूं ..
मै श्राश हूं ...
मै ही हाड़ मांस हूं .... 
मै ही आदि अनन्त हूं....
** मै शिव हूं ** मै शिव हूं ** मै शिव  #NojotoQuote विभत्स हूं विभोर हूं ....... 
मै समाधी मे ही चूर हूं ......
** मै शिव हूं ** मै शिव हूं ** मै शिव हूं
घनघोर अंधेरा ओढ़ के मै जन जीवन से दूर

Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

🌷होली के गुलाल में अब वो रंग कहाँ🌷 होली के गुलाल में अब वो रंग कहाँ, नकली चेहरों पर जो रंगों को लगाते हो। तुम्हारे कारनामों को #yqbaba #yqdidi #anil_madhukar #bestquotes5863 #होलीकेगुलालमेंअबवोरंगकहाँ_मधुकर

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🌷🌹 होली के गुलाल में अब वो रंग कहाँ 🌹🌷


🙏🌹🌷(कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें)🌷🌹🙏 🌷होली के गुलाल में अब वो रंग कहाँ🌷

होली  के  गुलाल  में  अब  वो  रंग  कहाँ, 
नकली चेहरों पर जो  रंगों को  लगाते हो।
तुम्हारे  कारनामों को

Yashu Parmar

विभत्स हूँ... विभोर हूँ... मैं समाधी में ही चूर हूँ... *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* घनघोर अँधेरा ओढ़ के... मैं जन जीवन से

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विभत्स हूँ... विभोर हूँ...
मैं समाधी में ही चूर हूँ...

*मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* 

घनघोर अँधेरा ओढ़ के...
मैं जन जीवन से
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