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Deepak Kumar
Vikrant Rajliwal
💥 भृम है आँखों पर आपका जो आपके अपनो के प्रति कठोर हर भाव हर व्यवहार को दर्शाता है। क्योंकि कभी जो दिखता एवं महसूस होता है वो सत्य से विपरीत आपका भृम भी हो सकता है। ज्ञान और अज्ञान के बीच भृम की अत्यंत ही महीन परत होती है। जिसे कोई उचित ज्ञान का जानकर एवं एक दिव्य ज्ञान से शुशोभित ज्ञानी व्यक्ति ही आपके जीवन से मिटाते हुए, आपको एक दिव्य ज्ञान एव दिव्य प्रकाश को महसूस करने का एक अलौकिक अनुभव प्रदान कर सकता है। विक्रांत राजलीवाल द्वारा लिखित सत्य अनुभवो से प्ररित। मेरी ब्लॉग साइट vikrantrajliwal.com को फॉलो कीजिए। Translated 💥 The ignorance that you have on your eyes reflects your hard feelings and every harsh behavior towards your loved ones. Because sometimes what you see and feel can be your ignorance contrary to the truth. There is a very thin layer of misunderstanding between knowledge and ignorance. Whom a person knowing with proper knowledge and a knowledgeable person of divine knowledge can erase from your life, giving you a divine knowledge and a supernatural experience of feeling divine light. Inspired by true experiences written by Vikrant Rajliwala Follow my blog site vikrantrajliwal.com. 💥 भृम है आँखों पर आपका जो आपके अपनो के प्रति कठोर हर भाव हर व्यवहार को दर्शाता है। क्योंकि कभी जो दिखता एवं महसूस होता है वो सत्य से विपरी
Ritik Kashayap
जो व्यक्ति सिर्फ बोलता रहता है वह ज्ञानी नहीं कहलाता बल्कि जो व्यक्ति शांतिपूर्ण, प्रेमपूर्ण और निर्भय है वास्तव में वहीं ज्ञानी है। ━━━━✧❂✧━━━━ ©Ritik Kumar जो व्यक्ति सिर्फ बोलता रहता है वह ज्ञानी नहीं कहलाता बल्कि जो व्यक्ति शांतिपूर्ण, प्रेमपूर्ण और निर्भय है वास्तव में वहीं ज्ञानी है। ━━━━✧❂
Vikas Patil
खुद का ज्ञान का कभी गर्व मत करना... क्युंकी डाॅक्टर कभी खुद का आॅपरेशन खुद नहीं कर पता -विकास पाटील ज्ञानी
कलम की दुनिया
ज्ञानी तो पग पग पर मिलेंगे लेकिन जब सहारे की जरूरत हो तब साथ नहीं मिलेंगे ©कलम की दुनिया #ज्ञानी
Ratul Nath
ज्ञानी सूने जग सोच ज्ञान प्रखर, अज्ञानी मन का बकर - बकर वह चंद लोग जो बधिर हैं, वे महाकाल सा स्थिर हैं वह ज्ञानी हैं, जो कुछ न कहे मुर्ख प्रतीत हो, पर मौन रहे वह अनुभवी हैं आभास का, आकाश का, उल्लास का अनुभव का कैसे विस्तार करे? मुख से कैसे प्रचार करे? मन बुद्धि से अलग कही वही सच हैं, जो हैं नहीं वही सच हैं, जो हैं नहीं.. ©Ratul Nath ज्ञानी #Rose