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सुसि ग़ाफ़िल
जो चला गया वो लौट के आने वाला नहीं है और लौटकर भी आएगा तो पहले जैसा ना सुकून मिलेगा, ना प्यार मिलेगा, ना साथ मिलेगा और ना ही वह बंदा पहले जैसा होगा। जो चला गया वो लौट के आने वाला नहीं है और लौटकर भी आएगा तो पहले जैसा ना सुकून मिलेगा, ना प्यार मिलेगा, ना साथ मिलेगा और ना ही वह बंदा पहले जै
Miss Pandiit
Kalpesh Ghelani
Irony is to live in the era of remakes, where bollywood has been left with no new songs & relations with no love.. अब कितने भी रिश्ते मिले प्यार तो तभी मिलेगा ना जब आपके अंदर होगा.. नये गानों का भी कुछ ऐसा ही है.. #yqbaba #yqdidi #बस_यूँ_ही #yqquotes #yq
kunwar Surendra
जो उम्मीद से करोगे मोहब्बत किसी से दर्द बहुत मिलेगा नाउम्मीद से करो तो खुदा खुद मोहब्बत बन मिलेगा...कुँवरसुरेन्द्र जो उम्मीद से करोगे मोहब्बत किसी से दर्द बहुत मिलेगा नाउम्मीद से करो तो खुदा खुद मोहब्बत बन मिलेगा...कुँवरसुरेन्द्र#umeed#love#khuda khushi k
BANA LAL
Himanshu Chaturvedi
इस तन्हापन को लिए कहां जाते हो..... जहां जाते हो वहीं क्यूं खामोश पड़ जाते हो और ढूंढने.... ...ढूंढने.....ढूंढने भर से मिलेगा ना साथ कोई मालूम है ये.... फ़िर भी क्यों खुद को इतना तड़पाते हो इस तन्हापन को लिए कहां जाते हो..... जहां जाते हो वहीं क्यूं खामोश पड़ जाते हो और ढूंढने.... ...ढूंढने.....ढूंढने भर से मिलेगा ना साथ कोई माल
yogesh atmaram ambawale
सही वक्त आने पर ही मिलेगा, ना वक्त से पहले ना वक्त के बाद मिलेगा| आज का विषय:- वक़्त से पहले 👉आप सभी Collab करने के लिए आमंत्रित हैं। 👉Collab करने के बाद कॉमेंट में Done करना ना भूलें। 👉 और लोगों को Colla
VAniya writer *
हममें छिपी उनकी छबि है साथ उनके हमारी जिंदगी है! हमारी उलझनों को उन्होंने प्यार से थामा है अफसाने अपने सुना के नई राह दिखाई है उंगली पकड़कर उनकी आसामां देखा है जो मिलेगा ना कभी ऐसे सपने सजाए हैं ठोकर कभी ना देना उनको पिता है वो उनके सीने में भी मां के जितना ही प्यार है! ©VAniya writer * हममें छिपी उनकी छबि है साथ उनके हमारी जिंदगी है! हमारी उलझनों को उन्होंने प्यार से थामा है अफसाने अपने सुना के नई राह दिखाई है
Shivank Shyamal
जब तक खो नहीं जाता, तब तक, व्यर्थ संभालने का प्रयत्न क्यूं करूं? मैं भी तो मनुष्य ही हूं, जब तक ‘चिड़िया चुग गई खेत’, कहावत को यतार्थ नहीं करूंगा, तब तक पूर्वजों को पानी भी तो नहीं मिलेगा ना! बस इसीलिए इसी इंतज़ार में हूं, कि कब कुछ खो जाएगा, और फ़िर मैं व्यर्थ विलाप करूंगा, भगवान को दोष दूंगा, और फ़िर वापस मांग कर, उसका हमेशा ख़्याल रखने का वादा भी करूंगा। क्या करूं, आख़िर मैं भी मनुष्य ही तो हूं।। Shivank Srivastava 'Shyamal' जब तक खो नहीं जाता, तब तक, व्यर्थ संभालने का प्रयत्न क्यूं करूं? मैं भी तो मनुष्य ही हूं, जब तक ‘चिड़िया चुग गई खेत’, कहावत को यतार्थ नहीं