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Anuj Ray
White कलेजे की आग" किसी के कलेजे की आग बुझते ही, किसी की रात की चूल्हे की आग जल गई। मिला किसी को कुछ भी नहीं फ़िर भी , दोनों की एक पल के लिए तबियत बहल गई। ©Anuj Ray # कलेजे की आग"
# कलेजे की आग"
read moreAnamika Raj
आग अपने ही लगाते है, जिंदगी मे भी... लाश को भी... ☹️ ©Anamika Raj आग अपने ही लगाते है
आग अपने ही लगाते है
read moreParasram Arora
Unsplash ये अच्छी बात हैँ कि बबुल इस किनारे पर था और आग दूसरे किनारे पर भड़की थीं वरना बाबुल को आग निगल जाती अगर दोनों एक ही किनारे पर रहे होते ©Parasram Arora #library आग और बाबुल
#library आग और बाबुल
read moreAnjali Singhal
"दिल जो है जला है आग सा...❤️🔥💔 पल गया इसमें प्रेम बैराग सा...✍️ #AnjaliSinghal shayari #status nojoto
read moreSumit Kumar
कुछ पुरुष भी जला दिये जाते है उस "दहेज़ की आग" में जो उसने कभी माँगा नहीं होता है.. ©Sumit Kumar दहेज़ की आग और पुरुष.. sad shayari on life
दहेज़ की आग और पुरुष.. sad shayari on life
read moreनवनीत ठाकुर
White हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिसाब, पर फिज़ा तक असर नहीं जाती। ख्वाब जलते हैं रात की आग में, सुबह उनकी खबर नहीं आती। खुद से भी गुमशुदा हैं ऐसे, जैसे राह कोई नजर नहीं आती। आईने भी सवाल करते हैं अब, पर उनकी सूरत उभर नहीं आती। ©नवनीत ठाकुर #हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिस
#हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिस
read moreKavi Himanshu Pandey
White प्रिय,आग लगाने से मिलेगा क्या, जज़्बातों को भड़काने से मिलेगा क्या, एक बार देखो नज़ारा आग बुझाकर, फ़िर सोचना, तुम्हें मिलेगा क्या! ...... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey आग.. #beingoriginal #NojotoHindi
आग.. #beingoriginal Hindi
read moreNina
मैं को मैने... आंसुओं से मैंने मुझको विदा है किया। सुखा कर उन्हे जेब में रुमाल सा सजा लिया। मुस्कुराते हुए मैंने मुझको देख तो लिया, मैं जान न पाया मैंने मुझे दिल था दिया। मैं रोया चमकती आंखों से, नूर बना लिया। मुस्कुराया बुझे अरमानों से, सुख बना लिया। जल उठी वो धरती, वहां मरुस्थल बना लिया। कांटों में फूल खिलाए, नदी से पानी बहा लिया। मैं जाता मुझसे दूर कि सुख से रहना हो लिया। मुझको दूर करना मुझसे ही उचित बना लिया। मैं जान न पाया कब मैंने खुद को शत्रु बना लिया। अजातशत्रु मैने अपना ही प्राण ले लिया।। मेरी दुनिया उजली करने मैने खुद को जला दिया!! ©Nina आग
आग
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