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बेरोजगार किताब blog
White तकलीफ बहुत हो रहा है, मुझे,,, फिर कुछ फैसले ,, मैंने।।। वक्त पर छोड़ रखा हैं।। ©बेरोजगार किताब blog नदी किनारे बैठा, उस उगते सुरज को देखता, एक परिंदा,,💕💕🌞
नदी किनारे बैठा, उस उगते सुरज को देखता, एक परिंदा,,💕💕🌞 #SAD
read moreबेरोजगार किताब blog
White जय हिन्द 🇮🇳🇮🇳 1.3अरब भारतवासियों के🇮🇳 दुआओं का काफिला चलता है , नीली जर्सी वालों के साथ, तो साउथ अफ्रीका की औकात ही क्या है, की वह ट्रॉफी ले कर चले जाए, यह ट्रॉफी भारत का हैं, था और रहेगा ।।।🇮🇳 ©v a नदी किनारे बैठा, उस उगते सुरज को देखता, एक परिंदा,,💕💕🌞
नदी किनारे बैठा, उस उगते सुरज को देखता, एक परिंदा,,💕💕🌞 #Motivational
read moremayur Sharma
मैं भूल बैठा बाते अपनी बस उनकी बातो को याद किए अकेला हु इश्क की रहो में उनकी यादों को साथ लिए ©mayur Sharma #Wochaand भूल बैठा #Nojoto
#Wochaand भूल बैठा
read moreRohan Roy
White हम अपने जीवन के, उस अभिनय के किराएदार को, बदल सकते हैं लेकिन जो चरित्र, हमारे भीतर छुप कर बैठा है। उसे कैसे बदल सकते हैं? अगर बदल भी जाए। तो हम अपने ही चरित्र के, दुसरे किराएदार कैसे हो सकते है? ©Rohan Roy जो चरित्र, हमारे भीतर छुप कर बैठा है। उसे कैसे बदल सकते हैं? | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanr
जो चरित्र, हमारे भीतर छुप कर बैठा है। उसे कैसे बदल सकते हैं? | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | rohanr #Motivational #rohanroymotivation
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल जिसकी खातिर मैं यहाँ फूलों का लेकर हार बैठा । वो छुपाए हाथ में अब देख लो तलवार बैठा ।।१ प्यार में जिसके लिए मैं जान तक ये वार बैठा । वो हमें ही देखकर अब देख लो फुफकार बैठा ।।२ फर्ज हमने बाप का कुछ इस तरह से है निभाया । कह रही औलाद मेरी वो मेरा सरकार बैठा ।।३ मत हँसों संसार पे रघुनाथ की जयकार बोलो । देखता है वो सभी को जो लगा दरबार बैठा ।।४ जन्म देकर जो हमे संसार के काबिल बनाया । मैं उसे ही इस तरह दहलीज से दुत्कार बैठा ।।५ पूछ लो गुरुदेव से वो ही बतायेंगे तुम्हें सच । माँ पिता की गोद में तो यह सारा संसार बैठा ।।६ कौन सा वो फर्ज है संतान का तूने निभाया । जो प्रखर तू माँगने अब आज है अधिकार बैठा ।।७ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल जिसकी खातिर मैं यहाँ फूलों का लेकर हार बैठा । वो छुपाए हाथ में अब देख लो तलवार बैठा ।।१
ग़ज़ल जिसकी खातिर मैं यहाँ फूलों का लेकर हार बैठा । वो छुपाए हाथ में अब देख लो तलवार बैठा ।।१ #शायरी
read morerj_vishwa
White जा-ब-जा भटकने की ख़ातिर ज़र्फ हर्फ़ एहतियात सबात सब छोड़ के बैठा हूँ एक तेरे दीदार की ख़ातिर कसमें रस्मे वादे इरादे सब तोड़ के बैठा हूं ©rj_vishwa बैठा हूँ #SAD #alone
बैठा हूँ SAD alone
read moreSukoon Poetry
White किस किस को बताएं किस कदर जिए बैठा हूं. वो जो देखे तो समझे कि पिए बेठा हूँ.. वो जो आखिरी कश्ती ना आए उस पार मुझे कोन लगाए. बरसों से उस पार जाने के लिए बैठा हूं. कोन जाने किस कदर जिए बैठा हूँ ©Sukoon Poetry कौन जाने किस कदर जीए बैठा हूं #SAD
कौन जाने किस कदर जीए बैठा हूं SAD
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