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Er Aryan Tiwari
White साल ये भी गुजरा उदासी में जब वो मुझसे मुकरा उदासी में ©Er Aryan Tiwari #Thinking Sircastic Saurabh सफ़ीर 'रे' शायरी
#Thinking Sircastic Saurabh सफ़ीर 'रे' शायरी
read moreEr Aryan Tiwari
White जब भी तेरे क़रीब आ गया साला ये क्यों रकीब आ गया लहज़े से लग गया है पता फासला अब अजीब आ गया ©Er Aryan Tiwari #sad_qoute Sircastic Saurabh सफ़ीर 'रे'
#sad_qoute Sircastic Saurabh सफ़ीर 'रे'
read moreसचिन
White असेन मी , नसेन मी, मी असून ही नसेन मी मी नसून ही असेन मी. ©सचिन #sad_shayari #मी मराठी कविता छोटी कविता मराठी
#sad_shayari #मी मराठी कविता छोटी कविता मराठी
read moreEr Aryan Tiwari
White वाकिफ हूँ मैं इस बात से हाँ तुम खफा हो रात से वैसे तो मैं हारा नहीं हारा भी तो हालात से ©Er Aryan Tiwari #GoodMorning सफ़ीर 'रे' Sircastic Saurabh शेरो शायरी शायरी
#GoodMorning सफ़ीर 'रे' Sircastic Saurabh शेरो शायरी शायरी
read moreमिहिर
White घनघोर अंधेरा छाया हो कोई आस ना हो कोई पास ना हो दिल घबराए मन भरमाए ओर छोर कुछ समझ ना आए कुछ देर रुको और सब्र करो कोई कदम न लो कोई वहम न लो कुछ देर वही बस रुके रहो अंधेरे में चलो नहीं अंधेरों को छटने दो आंखों को कुछ दिखने दो कुछ समय के बीते दिन होगा जब दिखे राह फिर राह चलो !! ©मिहिर #रात के बीते दिन होगा
#रात के बीते दिन होगा
read moremeri_lekhni_12
White बहर: मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन) सियाह रात के ग़मों को मिटाना होगा, हर एक आँसुओं को अब मुस्कुराना होगा। ख़मोशियों में कैद थी जो सदा सदी से, उसे हवा बना के अब गुनगुनाना होगा। जो ज़ख्म दिल पे हैं, उन्हें रौशनी में लाओ, उन्हें छुपा के कब तलक सर झुकाना होगा। हयात लूट ली गई बेबसी के हाथों, इन्हें हज़ार बार चीर कर लौटाना होगा। ख़ुदी को मत दबा, खड़े हो, लडो ज़माने से, सफ़र में ख़ुद को अपना कारवां बनाना होगा। पूनम कोई अपना हो या ना हो सफ़र में, हर एक दर्द से नई दास्तां को सजाना होगा। ©meri_lekhni_12 सियाह रात.......
सियाह रात.......
read moreranjit Kumar rathour
अब नहीं आओगी न फिर कभी बस इतना ही बोल पाया था जाओ खुश रहना अपना ख्याल रखना अटकी सी थी आवाज मेरी इतना कह कर उसे भर लिया था अपनी बांहों मे ये सब कुछ अचानक से हुआ आवाज रुआसी थी सीने से लगकर बोली आउंगी न मानो ढाडस दे रही थी उस वक्त मै कितना छोटा हो गया था वो छोटी होकर भी बड़ी भींच लिया था इस कदर बांहों मे जैसे ये अखिरी हो पता है अब तो तमाम उम्र यादो संग गुजारनी है उसके लेकिन हा जाते जाते कहा था भूलाना मेरी गलतियों को लेकिन भूलना गलतियों को सिर्फ हमें नहीं खुश रहना अपना ख्याल रखना ©ranjit Kumar rathour आखिरी दिन
आखिरी दिन
read moreranjit Kumar rathour
और आज़ आखिरी दिन है कॉलेज का फिर शायद ही कोई मौका मिले कॉलेज आने का वैसे भी कौन आना चाहता है यहाँ सारे खड़ूस है सिवाय आपके सो आता रहा अब नहीं आना ये शब्द पता नहीं डरावने थे मगर पहली दफा एक आवाज़ निकली आना किसी बहाने बोल नहीं पाया वो समझती बहुत थी बोली आऊंगा न मन रखने के लिए बस इतने ही दिनों का साथ था शुक्रिया तुम्हारा तुमने जीवन मे एक नया पन्ना जोड़ा ©ranjit Kumar rathour आखिरी दिन
आखिरी दिन
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