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Pankaj Jangra
Fire 👉मिट जाया करे अक्सर__ ओरा ने ☠️मिटान आले__ 💀लाश ना 😭रोन्दी मैडम__ 😭रोया करे 🔥जलान आले__ #मिट__जाया__करे__अक्सर__ #ओरा__ने__मिटान__आले__ #लाश__ना__रोन्दी__मैडम__ #रोया__करे__जलान__आले__ #shayri
Dr Manju Juneja
औराक़ ए परेशाँ - बिखरे हुए पन्ने मैं ज़िंदगी के औराक़-ए-परेशाँ हर पल समेटता रहा , कभी खुद को तो कभी उनको देखता रहा। ©Dr Manju Juneja #मैं #ओराक़- ए- परेशां #समेटता #रहा #कभी #खुदको #उनको #देखतरहा #उर्दूशायरी #NojotoUrduShayari
Aacky Verma
चल कोई न तु मेरे नाल दगा कित्ता मैनु छड़ के ओरा नाल वफा कित्ता इस मोहब्बत विच नुकसान तो तेरा ही होया मैनु छड़ के तु मेरा ही नफा कित्ता www.aackyshayari.in @aackyshayari ©Aacky Verma चल कोई न तु मेरे नाल दगा कित्ता मैनु छड़ के ओरा नाल वफा कित्ता इस मोहब्बत विच नुकसान तो तेरा ही होया मैनु छड़ के तु मेरा ही नफा कित्ता www.
sree
प्रेम आणि अहंकर....! गावी जाण्याचा फक्त बहाणा होता तिला भेटण्याचा त्याचा इरादा होता.... बोलता भांडण, भांडता अबोला झाला जवळ जाऊनी अबोला मिठवयचा होता.. तिला भेटण्या उत्सुक,गेट वर जाता थबकला मी का बोलु तीने बोलावे मनी अहंकार जागला.. तिला पाहण्या नजर भिर भिरली ती नजरेस येता त्याने हि मान फिरवली.. ती हि त्याच्या सम हट्टी, दोघे हि एकमेकांना भाव देईना दोघे हि भेटण्या तळमळ पण अहंकार साथ सोडिना. दोघांच्या भेटीसाठी पाऊस दुवा बनून बरसत होता तो ह्या ओरांड्यात ती त्या ओरांड्यात पावसात मात्र अहंकार भिजत होता. दिवस गेले, महिने झाले, दोघे अबोलच असतात. मी शब्दाच्या अहंकारात दोघे हि तरफडत असतात. आज ही दोघे एकमेकांवर खूप प्रेम करतात. अट्टहास एवढाचं की, पहिला प्रयत्न मी नाही त्याने करावा..! श्री.. प्रेम आणि अहंकर.! गावी जाण्याचा फक्त बहाणा होता तिला भेटण्याचा त्याचा इरादा होता.... बोलता भांडण, भांडता अबोला झाला जवळ जाऊनी अबोला मिठवय
SANGHARSH KE MOTI
सुभाष चंद्र बोस आओ मिलकर याद करे , जन जन ह्रदय विजेता को , उस 'सुभाष' बलिदानी को, नेताओं के नेता को , था ,अलग ही "बोस" का ओरा , माने लोहा दुश्मन, भी गोरा , घुमा रूस ,जर्मन , जापान , स्वतंत्र हो भारत , यही ध्येय प्रधान , 'फॉरवर्ड ब्लॉग' का गठन किया , हिन्द फौज का संचलन किया , कहां ! खून के बदले आज़ादी दुंगा , कीमत लेष ना मेँ कम लुंगा , हैं ! रोष लहू में तो आजाओं , खाकर कसम ये दिखलाओं , अब दिल्ली सिंहासन दूर नहीं , सुनते ही लहू की नदी बही, तन- मन समर्पण भारत को किया , जब तक जिया देश हित जिया , है , अमर 'सुभाष' सदा क्रांतिकारी विचारों में , समय-समय पर आती है ,विभूतियाँ अलग अलग किरदारों में ©SANGHARSH KE MOTI आओ मिलकर याद करे , जन जन ह्रदय विजेता को , उस 'सुभाष' बलिदानी को, नेताओं के नेता को , था ,अलग ही "बोस" का ओरा , माने लोहा दुश्मन, भी गोरा ,
✍ अमितेश निषाद
____भोजपुरी संग्रह * विदाई * कइनी बेटी के हम बिदाई रोइ रोइ हो बेटिये समझ त होइहे का होला विदाई हो घर दुआर तेज बेटी अब भइली बहुरिया जाने कइसन मिलिहै सास ससुर ननदोई हो गलती पर गलती सब माफ रहल झूठे के बड़ाई करे भाई भउजाई हो दहेज में सब खेत बारी लुटाई गइले कबो केहू ताना मारे कबो केहू गरिआई हो हे विघ्न कबले घुट घुट के जिहि हम इहे सोची सोची बेटी गईली ओराई हो ____भोजपुरी संग्रह * विदाई * कइनी बेटी के हम बिदाई रोइ रोइ हो बेटिये समझ त होइहे का होला विदाई हो घर दुआर तेज बेटी अब भइली बह
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat चतुर कौन ज़िन्दगी। चट्टकारे लगाती हम पर। गोल गप्पे की तरह मुंह फूलाती। फिर बच्चे की तरह खिलखती है। ओस की बूंद की तरह चमकती। धूप की तरह तपिंश दे जाती है। ज़िन्दगी उफ़ ज़िन्दगी। इतना भी ना स्वाद ले। सारे मसाले भर मुठ्ठी में। हम पर ही उड़ेल दे। आंखो में मिर्च की जलन। ज़ख़्मो में नमक ना बिखेंर दे। कुछ चीनी सी मिठास बरकरार। मीठी वाणी से आवाज़ लगा। कपूर की सुगंध से सकारात्मक। ओरा प्रदान कर।। गुलाबों की महक दिलो में दिमाग़ नहीं। दिलों की धड़कन बढ़ा दे। ज़िन्दगी उफ़ ये ज़िन्दगी। सवालों का जवाबं दे। ज़िन्दगी ए ज़िन्दगी। खुश मिजाज़ रहा कर। हमे भी साथ हंसाया कर। ख़ुद भी मुस्कुराया कर। #cinemagraph #lifequotes #feelings #yqquotes #yqtales #yqhindi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat चतुर कौन ज़िन्दगी। चट्टकारे लगाती हम पर।
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat सम्भल लूं। सम्भलं लूं या परखं लूं। ओरा मेरा ना तेरी ओर। किस क़दर विश्वास करूं। मुखौटें लगाएं जीते रहे। परखु किसको जताऊं किसको। तूं होते हुए भी कभी नहीं रहा। खिलवाड़ करा दिखावा करता रहा। चलती रही साथ देना था। सिला मिला दिखावा तेरा। ममता मेरी खिलवाड़ तेरा। महज़ इतिफांक नहीं जाना तेरा। मोरं की खाल में गिद्धों की तरह नोचा तुने। मज़बूर होती थी मज़बूत बनाने लगी। ज़िन्दगी की राह में कांटे। बिछां में अकेले चलती रही। अंधेरी रातों को जागताउदाहरण। बन कर गुजरने की तरह जज़्बा रखती रही। सम्भल लू या परखूं लूं। ख़ुद को ख़ुद से पहचान लूं। मां के हाथों की लकीरों में क़लम थाम ली। अपने जीवन की कल्पना को सच्चाई बयान। कर जीने की प्रबल इच्छा ज़ाहिर कर दी। #Lifequote #words #feelings #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat सम्भल लूं। सम्भलं लूं या परखं लूं। ओरा मेरा ना तेरी
Sonu Jaat
AB
Mri Nal मृणाल चतुर्वेदी🐼 सुनो मृणाल, मृणाल माने कमल, कमल एक पुष्प, जो खिलता है पानी में, पानी में क्यूँ भला, पता है तुम्हें,!? क्यूँकि पानी का ना