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Kavi Himanshu Pandey
Google जीते जी इज़्ज़त नहीं देते हैं एक विद्वान को, फ़िर बाद में पछताते रहते हैं बावरे, बस अश्रु से भीग जाता है सारा बदन, क्योंकि फ़िर बाद में पछताते रहते हैं बावरे! ...,. Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey #Manmohan_Singh_Dies Dr मनमोहन सिंह भारत की शान #beingoriginal #NojotoHindi
#Manmohan_Singh_Dies Dr मनमोहन सिंह भारत की शान #beingoriginal Hindi
read moreनवनीत ठाकुर
White भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर गढ़ते हैं। जिस मोड़ पर लोग थककर मुड़ते हैं, हां हम वही हैं, जो वहीं से सफर शुरू किया करते हैं। ©नवनीत ठाकुर भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर ग
भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर ग
read more#talentedviru
देर हुई जीत करने में तो हमें सीने से लगाएगा कौन, माँ, बाप के जीते जी कुछ करना है यार ... वरना हमारी सफलता पर इतराएगा कौन ...!! ©#talentedviru देर हुई जीत करने में तो हमें सीने से लगाएगा कौन, माँ, बाप के जीते जी कुछ करना है यार ... वरना हमारी सफलता पर इतराएगा कौन ...!! #talentedviru
देर हुई जीत करने में तो हमें सीने से लगाएगा कौन, माँ, बाप के जीते जी कुछ करना है यार ... वरना हमारी सफलता पर इतराएगा कौन ...!! #talentedviru
read moreRAMLALIT NIRALA
White हम गरिब है साहब सम्मान के शिवा अपमान कहना नहीं जानते ©RAMLALIT NIRALA जीते जी सम्मान करना सिख लो मरने के बाद समसान की दोर सुरू होगी
जीते जी सम्मान करना सिख लो मरने के बाद समसान की दोर सुरू होगी
read moremeri_lekhni_12
White मेरे जीते जी रो लेता ,तो मैं मरता भला ही क्यों, लौटकर आने की चाहत है पर मैं आ नही सकता। क्यों गमगीन रहते हो , रहो न पहले जैसे तुम, तुम्हारे चेहरे पर मातम सा अब अच्छा नहीं लगता। तसब्बुर में तेरे शामो शहर मैने दिन गुजारे थे, तुझे क्या होगया जो मेरे बिन अब रह नही सकता। तेरी राहों को तकती थी निगाहे मेरी हर सूं तब कि क्यों बैठा है चौराहे पे, मुझे जब पा नही सकता।। पूनम सिंह भदौरिया दिल्ली ©ek_tukda_zindgi _12 मेरे जीते जी रो लेता..........#कविता #Poetry #gajal
हिमांशु Kulshreshtha
मेरी कविता के दर्पण में, जो कुछ है, महज़ तेरी परछाई है एक कोने में नाम मेरा, लफ्ज़ लफ्ज़ में तू छाई है तू पढ़ती है मेरी कविता, मैं तेरा मुखड़ा पढ़ता हूँ… देख झील सी आँखे तेरी मैं अल्फाजों से तुझ को गढ़ता हूँ ©हिमांशु Kulshreshtha अल्फाजों से..
अल्फाजों से..
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