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Bharat Bhushan pathak
सदा तपना,ज़रूरी है,यहाँ पे नाम पाने को। कुरेदो वक्ष सागर का,जवाहर ढूँढ लाने को।। सफल होना,नहीं आसान दरिया लाँघना होता। नहीं भोजन,कभी नाहर,यहाँ पाता ,सदा सोता।। भला मोती,कभी सागर,दिया भी है,कहीं यूँ ही। मिले उसको,सदा मोती,कुदे अंदर,अजी ज्योंही।। ©Bharat Bhushan pathak सदा तपना,ज़रूरी है,यहाँ पे नाम पाने को। कुरेदो वक्ष सागर का,जवाहर ढूँढ लाने को।। सफल होना,नहीं आसान दरिया लाँघना होता। नहीं भोजन,कभी नाहर,यह
Tushar Jangid
"पधारो म्हारो प्यारो निरालो जयपुर" कुछ दिनों पहले एक शख्स से मुलाकात हो गई जो बातों बातों में यह कह गए कि जयपुर में ऐसा है ही क्या है फिर क्या था। एक जयपुर प्रेमी के बदन में च
Divyanshu Pathak
"पत्नियाँ मछली हैं, अक्वेरियम की प्रेमिकाएँ चिड़िया हैं, आसमान की प्रेमिकाएँ पालती हैं ख़्वाब प्रेमी के घर की मछली हो जाने का, पत्नियाँ चाहती हैं प्रेमिकाओं की तरह फिर चिड़िया हो जाना।" #एकता नाहर 1. पत्नियां कर रही होती हैं अपडेट डिजिटल कैमरे से कराए फोटोशूट प्रेमिकाएं चुपके से सहेज रही होती हैं प्रेमी के साथ आड़ी-तिरछी तस्वीरें 2.
om_shiv_gorakhnath
के र,, जिस्पा होजा मेरे बागड़ वाले राणा की मैहर, उसका तो खूसिया ता खिलजा सवेरा। र,,,, फेर लहर लहर का आवा दादा नाहर सिंह दीवान की सवारी, जब मेरे राणा जी मैडी पा भरा बसेरा। (जय बाबा नाहर सिंह दीवान, जय बाबा जाहर वीर राणा जी 🚩) ©om_shiv_gorakhnath के र,, जिस्पा होजा मेरे बागड़ वाले राणा की मैहर, उसका तो खूसिया ता खिलजा सवेरा। र,,,, फेर लहर लहर का आवा दादा नाहर सिंह दीवान की सवारी, जब
Pyare ji
Rj medy ❤️ RadiO GirL❤️
इस शहर का अपना सा आलम है महक ए गजल लिपटी है जिसकी फिजाओं में चलो नापते हैं आज मेरे शहर की गलियां खुद में घोलते हैं इसका वह गुलाबी रंग मीठे गेवर नमकीन जहां की पहचान है संस्कृति और परंपरा जहां की शान है रंगबाज़ों का एक शहर गुलाबी परकोटे जिसकी जान है गोविंद की मंगला आरती लक्ष्मी नारायण की भक्ति मोती डूंगरी का भोग आमेर में शिला देवी की मूरत आध्यात्मिकता और पवित्रता बसती है जहां पर नाहरगढ़ जिसका मुकुट है हवामहल दिल है जिसका जल में बसते हैं महल जिसके अल्बर्ट हॉल खूबसूरती है जिसकी भागता दौड़ता सा शहर है सादगी ठहरती है जिसकी चौपडौ में यह मेरा गुलाबी शहर है इस शहर का अपना सा आलम है महक ए गजल लिपटी है जिसकी फिजाओं में चलो नापते हैं आज मेरे शहर की गलियां खुद में घोलते हैं इसका वह गुलाबी रंग