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Parasram Arora
गोल्ड़न जुबली वाले दिन क़े विगत पचास वर्षों मे न जाने कितनी बार बिखरने क़े अवसर आये मेरे जीवन मे और हर बार संभाला है"उसने " मुझे अपना समझ कर न जाने कितनी त्रासदियां क़े दुख आये जीवन मे इस दरमियान लेकिन हर दुख क़े सामने "वो " डटी रही पहाड़ बन कर और निभाती रही मेरे कर्तव्यों को अपना समझ कर मेरी हर छोटी मोटी बीमारी मे तने रहे उसके रतजगे छतरी बन कर यध्यपि उसका ईश्वर अलग था और मेरा अलग लेकिन उन ईश्वरों मे कभी हुई नहीं. टकराहट हमारा तालमेल देख कर मेरी मानवीय भूले हो या अमानवीय अपराध सभी को " वो " करतीं रही नजर अंदाज़ मेरी नादानी समझ कर ©Parasram Arora गोल्डन जुबली और विगत स्मृतियाँ
RK Samraat Writer Film
Anuj Ray
प्रकृति के यौवन के, खिलते हैं जैसे उपवन में फूल । ठीक वैसे ही लगते, अधर तुम्हारे, चढ़ते यौवन के शूल। ©Anuj Ray # प्रकृति के यौवन के..
Sadakat Abbasi
संपर्क टूटा हैं मगर, संपर्क टुटा है होसला नही तोड़ना # के सिवान के नाम
Anuj Ray
ज़िन्दगी के सफ़र के, बिल्कुल आख़री ,कगार के नजदीक पहुंचकर एकदम, छुड़ा के हाथ, अगर तुमसे कोई कहे कि, अब ये रिश्ता हो गया यहीं पे खतम। क्या हुआ, थक गए क्या चलते-चलते, कोशिश करो चलने के और भी दो चार कदम। वैसे तो लाजमी है, बिछड़ ही जाएंगे, लेकिन तुम तो, मेरे गर्दिशों के साथी हो हमदम। बस क्या , ज़िन्दगी भर के कसमें वादे, और प्यार वफा का, तुम्हारा यही इन्तकाम है। शायद मोहब्बत में ,किसी को नहीं मिला होगा, ये पहला मेरी क़िस्मत का इनाम है। ©Anuj Ray # ज़िन्दगी के सफ़र के,
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
#प्रेम का स्मारक ताजमहल नहीं यह है..👇 चित्र में दिखाई गई महिला की फोटो को ज़ूम करके देखेंगे तो उनके गले में पहना हुआ एक बड़ा डायमंड दिखाई देगा ..... *यह 254 कैरेट का जुबली डायमंड है जो आकार और वजन में विश्व विख्यात "कोह-ए-नूर" हीरे से दोगुना है !* ये महिला मेहरबाई टाटा हैं जो जमशेदजी टाटा की बहू और उनके बड़े बेटे सर दोराबजी टाटा की पत्नी थीं ! सन 1924 में प्रथम विश्वयुद्ध के कारण जब मंदी का माहौल था और टाटा कंपनी के पास कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं थे, तब मेहरबाई ने अपना यह बेशकीमती जुबली डायमंड *इम्पीरियल बैंक में 1 करोड़ रुपयों में गिरवी* रख दिया था ताकि कर्मचारियों को लगातार वेतन मिलता रहे और कंपनी चलती रहे ! इनकी ब्लड कैंसर से असमय मृत्यु होने के बाद सर दोराबजी टाटा ने भारत के कैंसर रोगियों के बेहतर इलाज के लिये यह हीरा बेचकर ही टाटा मेमोरियल कैंसर रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की थी ! प्रेम के लिये बनाया गया यह स्मारक मानवता के लिये एक उपहार है ! विडम्बना देखिये हम प्रेम स्मारक के रुप मे ताजमहल को महिमामंडित करते रहते हैं ,और जो हमें जीवन प्रदान करता है, उसके इतिहास के बारे में जानते तक नहीं ! ©Ankur Mishra #प्रेम का स्मारक ताजमहल नहीं यह है..👇 ALWAYS Respect for TATA FAMILY चित्र में दिखाई गई महिला की फोटो को ज़ूम करके देखेंगे तो उनके गले में पह