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विवेक गंगवार
तन समर्पित, मन समर्पित, ए जिंदगी तुझे ये जीवन समर्पित... आखिरी रास्ता #aakhiriRasta #mohabat #jindagi #chahte #ishq #UskoWapisAanaHoga
RICKY Mishra
वहीं राह जो गांव तक जाए , आखिरी उम्मीद आखिरी रास्ता वही अपने घर का रास्ता.... ~@tasveer_lafzon_mein वहीं राह जो गांव तक जाए , आखिरी उम्मीद आखिरी रास्ता वही अपने घर का रास्ता.... #nojoto #nojotohindi #nojotohindi2020 #gaon #village #ghar
Mohit
ये शाम आखिरी न हो मकाम आखिरी न हो आ ज़ुल्फ छेड़ता चलूं ओ गाल चूमता चलूं ©Mohit आखिरी आखिरी #Love
Anant Nag Chandan
मेरी दुनियां उजड़ गई इसमें, तुम इसे हादसा समझते हो, आखिरी रास्ता तो बाकी है, आख़िरी रास्ता! समझते हो। हिमांशी बाबरा ©Anant Nag Chandan मेरी दुनियां उजड़ गई इसमें, तुम इसे हादसा समझते हो, आखिरी रास्ता तो बाकी है, आख़िरी रास्ता! समझते हो। हिमांशी बाबरा #Road
Author Harsh Ranjan
बच्चों के लिए वो विस्तृत खेल-मैदान है, पिता के लिए बरामदे और छत का फर्श, माँ के लिये वो गोसाई घर की जमीन है, एक स्त्री के लिए वो उसका निष्कंटक राज्य! किसी ने उस छाती के भीतर की धधकती जमीन नहीं देखी। किसी ने नहीं जाना उस अथाह दलदल को! न उसमें सुलगते डायनामाइट देखे, न वो बीस योजन की गर्त! पिघले हुए लावे का सैलाब है या किसी ब्लैक होल की अंधी सुरंग! सारी पेचीदगियों को किनारे करते हुए वक़्त एक-एक कर उसके पिंजर तोड़ती है! घनी धुंध छाई है इस रोशन बस्ती में जिंदगियां अभागेपन के सफेद लिबास ओढ़ती हैं! मर गया मुर्दों को बेसहारा छोड़कर, ये चर्चाएं सूख चुकी नसों को आखिरी बार खीज में, यथासंभव निचोड़ती हैं। आखिरी
G.S
एक बार मुलाकात तो करना, आखिरी बार ही सही पर बात तो करना, मोहब्बत ना सही जनाब, आखिरी बार ही सही पर अहसास तो करना ।। ©G.S #आखिरी
S. ansari
लाश हू मै अब दफना भी डालो यही आखरी रसम बची है इसे निभा भी डालो Shifa Ansari आखिरी ,,,,,
Author Harsh Ranjan
बच्चों के लिए वो विस्तृत खेल-मैदान है, पिता के लिए बरामदे और छत का फर्श, माँ के लिये वो गोसाई घर की जमीन है, एक स्त्री के लिए वो उसका निष्कंटक राज्य! किसी ने उस छाती के भीतर की धधकती जमीन नहीं देखी। किसी ने नहीं जाना उस अथाह दलदल को! न उसमें सुलगते डायनामाइट देखे, न वो बीस योजन की गर्त! पिघले हुए लावे का सैलाब है या किसी ब्लैक होल की अंधी सुरंग! सारी पेचीदगियों को किनारे करते हुए वक़्त एक-एक कर उसके पिंजर तोड़ती है! घनी धुंध छाई है इस रोशन बस्ती में जिंदगियां अभागेपन के सफेद लिबास ओढ़ती हैं! मर गया मुर्दों को बेसहारा छोड़कर, ये चर्चाएं सूख चुकी नसों को आखिरी बार खीज में, यथासंभव निचोड़ती हैं। आखिरी