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Shahzad
ck bable
इन्सान को लगता है मन्दिर -मस्जिद, चर्च -गुरुद्वारे में धर्म बसते हैं इसलिए हम मन के डर की आदत को आस्था कहते हैं ! , ©ck bable #flood इन्सान को लगता है मन्दिर -मस्जिद, चर्च -गुरुद्वारे में धर्म बसते हैं इसलिए हम मन के डर की आदत को आस्था कहते हैं !
Manish पंडित
मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, गिरजाघर, सब जगह जाती है, एक इश्क़ ही हैं जिसका कोई मज़हब नहीं होता. मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, गिरजाघर, सब जगह जाती है, एक इश्क़ ही हैं जिसका कोई मज़हब नहीं होता. Soniya Kumari Sarika Srivastava
Shankki Sharma
ਮੈਂ ਜਾਂਵਾਂ ਮੰਦਿਰ, ਤੇ ਤੂੰ ਜਾਂਵੇ ਗੁਰਦੁਆਰੇ, ਮੰਨਤ ਦੋਨਾਂ ਦੀ ਇਕ ਹੈ ਬਸ ਥਾਂ ਹੈ ਨਿਆਰੇ। मैं जाता हूँ मंदिर तू जाती है गुरुद्वारे मन्नत दोनों को एक है बस जगह है न्यारी। न्यारी- अलग #yqbaba #yqdidi #yqpaaji #punjabi #love #poetr
Raj Sabri
3 Little Hearts
★ नयी बहू जब ससुराल में आई ★ एक नई नवेली दुल्हन जब ससुराल में आई तो उसकी सास बोली बींदणी कल माता के मन्दिर में चलना है। बहू ने पूछा सासु माँ, एक तो माँ जिसने मुझे जन्म दिया और एक आप हो और कौनसी माँ है? सास बहुत खुश हुई कि मेरी बहू तो बहुत सीधी है। सास ने कहा बेटा पास के मन्दिर में दुर्गा माता है सब औरतें जायेंगी, हम भी चलेंगे। सुबह होने पर दोनों एक साथ मन्दिर जाती है। आगे सास पीछे बहू। जैसे ही मन्दिर आया तो बहू ने मन्दिर में गाय की मूर्ति को देखकर कहा माँ जी देखो ये गाय का बछड़ा दूध पी रहा है, मैं बाल्टी लाती हूँ और दूध निकालते है। सास ने अपने सिर पर हाथ पीटा कि बहू तो पागल है और बोली बेटा ये स्टेच्यू है और ये दूध नही दे सकती। चलो आगे। मन्दिर में जैसे ही प्रवेश किया तो एक शेर की मूर्ति दिखाई दी फिर बहू ने कहा माँ आगे मत जाओ ये शेर खा जायेगा। सास को चिंता हुयी कि मेरे बेटे का तो भाग्य फूट गया और बोली बेटा पत्थर का शेर कैसे खायेगा? चलो अंदर चलो मन्दिर में, और सास बोली बेटा ये माता है और इनसे माँग लो, यह माता तुम्हारी माँग पूरी करेंगी। बहू ने कहा माँ ये तो पत्थर की है, ये क्या दे सकती है? जब पत्थर की गाय दूध नही दे सकती? पत्थर का बछड़ा दूध पी नही सकता? पत्थर का शेर खा नही सकता? तो ये पत्थर की मूर्ति क्या दे सकती है? अगर कोई दे सकती है तो आप है आप मुझे आशीर्वाद दीजिये। तभी सास की आँखे खुली! वो बहू पढ़ी लिखी थी, तार्किक थी, जागरूक थी, तर्क और विवेक के सहारे बहु ने सास को जाग्रत कर दिया! अगर ईश्वर की प्राप्ति करनी है तो पहले असहायों, जरूरतमंदों, गरीबों की सेवा करो परिवार, समाज में लोगों की मदद करें। मानव सेवा ही सर्वोच्च सेवा है। ©Vishnuuu X "कर्म ही पूजा है" प्रत्येक मनुष्य में आत्म स्वरुप ईश्वर स्वयं विराजित है। इनमे ही परमात्मा के दर्शन करें। बाकी मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे तो
कुछ लम्हें ज़िन्दगी के
बेमनटी 4 & 5 चौथी बेमनटी मैनें खुद से की थी, हर कॉपी के आखिरी पन्ने पर ज़िन्दगी ज़िन्दगी लिख देता था,,,,, ,,,,,,,,,,,,,,,,,,और फिर ये सोच के काँट देता था ,के बेटा तू अपनी बुथ्थी देख पहले,,,,,,, पाँचवी बेमनटी जब की थी ,,,,,,,,,,,,,,,जब ज़िन्दगी बोली मैं अकेले गुरुद्वारे कैसे जाऊँ ,,,,,,,,,,,,,और,,,,,,,,,,,,,,,, मैं,,,,,, बिना नहाए उसके साथ गुरुद्वारे गया था ©️✍️ सतिन्दर बेमनटी 4 & 5 बेमनटी 4 & 5 चौथी बेमनटी मैनें खुद से की थी, हर कॉपी के आखिरी पन्ने पर ज़िन्दगी ज़िन्दगी लिख देता था,,,,, ,,,,,,,,,,,,,,,,
JALAJ KUMAR RATHOUR
तेरे जुल्फो तले एक जहां की ख्वाहिश थी, हर मंदिर , मस्ज़िद,गुरुद्वारे मैंने की ये फरमाइश थी मैंने तो दीपदान भी किया था तेरे नाम का , पर फिर भी उस रात में बिन चांद का आसमान था ....#जलज तेरे जुल्फो तले एक जहां की ख्वाहिश थी हर मंदिर , मस्ज़िद,गुरुद्वारे मैंने की ये फरमाइश थी मैंने तो दीपदान भी किया था तेरे नाम का , पर फिर भ
Amjad Hussain