Find the Latest Status about मेरा मैं तेरी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मेरा मैं तेरी.
Da "Divya Tyagi"
रोहित ओझा
इन शब्दों में तू ही तू हैं मैं लिखू तुझे या तू मुझे जाने उनमे है कहानी तेरी उस कहानी मैं इश्क़ मेरा मैं तेरी नत्थुनी की क़लम हो जाऊं मिल जा तू मुझमें मैं तेरे नत्थुनी की चमक हो जाऊं मैं सपनो में तेरी नत्थुनी हूँ जाऊँ तेरी नत्थुनी के लिए दिन रात शब्द बनाऊ तू कहे अगर मैं जीवन भर तेरी नत्थुनी को मैं लिखता जाऊँ #nojoto #nathuni इन शब्दों में तू ही तू हैं मैं लिखू तुझे या तू मुझे जाने उनमे है कहानी तेरी उस कहानी मैं इश्क़ मेरा मैं तेरी नत्थुनी की क़
Roohi Bhargava
इश्क़... (Read Full Poem In Caption) इश्क़... इश्क़... इश्क़ नहीं आसान... मौला जो ना कर सके... वो इश्क़ कर जाए... मौत को जो हरा जाए... वो इश्क़..। दर्द बेशुमार है, फिर भी जो दिल
Rabindra Kumar Ram
*** कविता *** *** बहम *** " कहीं बहम ना हो मेरा , मैं तेरी हकीकत जान ना चाहते हैं , अब बात जो भी ऐसे में , अब तेरी मनमर्जीया जान ना हैं , वाकिफ हो लिया उस ख्याल से , जो मैंने - तुमने दिल दफ़न कर रखा हैं , दे हैसला इस हकीकत को कुछ बयां कर लिया जाये , कहीं तुमने भी दिल में कोई उलझन पाल के तो नहीं रखें , दे सिफायत जरा मैं - तुम कुछ बात कर लें , रोक रही जो चाहते तुम्हें चलो उस चाहत को कुछ तो तब्बजो दि जाये , जो मैं ना कहा तो फिर मुझपे ये इल्ज़ाम ना मरना , कहीं मैंने तुम्हें कुछ कहने की जताने की कोशिश ना की . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** कविता *** *** बहम *** " कहीं बहम ना हो मेरा , मैं तेरी हकीकत जान ना चाहते हैं , अब बात जो भी ऐसे में , अब तेरी मनमर्जीया जान ना हैं ,
Rabindra Kumar Ram
*** कविता *** *** बहम *** " कहीं बहम ना हो मेरा , मैं तेरी हकीकत जान ना चाहते हैं , अब बात जो भी ऐसे में , अब तेरी मनमर्जीया जान ना हैं , वाकिफ हो लिया उस ख्याल से , जो मैंने - तुमने दिल दफ़न कर रखा हैं , दे हैसला इस हकीकत को कुछ बयां कर लिया जाये , कहीं तुमने भी दिल में कोई उलझन पाल के तो नहीं रखें , दे सिफायत जरा मैं - तुम कुछ बात कर लें , रोक रही जो चाहते तुम्हें चलो उस चाहत को कुछ तो तब्बजो दि जाये , जो मैं ना कहा तो फिर मुझपे ये इल्ज़ाम ना मरना , कहीं मैंने तुम्हें कुछ कहने की जताने की कोशिश ना की . " --- रबिन्द्र राम *** कविता *** *** बहम *** " कहीं बहम ना हो मेरा , मैं तेरी हकीकत जान ना चाहते हैं , अब बात जो भी ऐसे में , अब तेरी मनमर्जीया जान ना हैं ,
मीनाक्षी मनहर
मुझ पर भी ज़रा अहसान कर दो अंधेरे मन को रोशनदान कर दो ।। कब के इस तरह हैवान करते जैसे हैवानीयत इन्सान कर दो।। ह्रदय में लगा पाऊं मैं पीर प