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kaviraj Govind Singh Tomar
White मेरे लहू का हर एक कतरा मेरे सीने की हर एक सांस भारत माता को समर्पित है फिर भला यह वोट क्या चीज है ©kaviraj Govind Singh Tomar #election_2024 जय हिंद
Azaad Pooran Singh Rajawat
White "जब भी संकट आता है कोई जीवन में मेरे ना मंदिर जाता हूं ना मस्जिद जाता हूं जब मां थी तो मां के पास जाता था आज मां नहीं है तो मां का ध्यान किया करता हूं मां के आशीर्वाद के सहारे हर मुश्किल पर आसानी से पार पा जाता हूं।""सभी को मदर्स डे की आजाद शुभकामनाएं।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #mothers_day आजाद शुभकामनाएं
HARSH369
White आज मै आज़ाद हूं, अपना कर्तव्य चुनने के वास्ते अपना मौलिक अधिकार चुनने के वास्ते मै आज़ाद हूं... मुझे अधिकार है किधर जाना है, मुझे अधिकार है कि क्या पाना है, मुझे अधिकार है किससे रुठूं किसे मनाना है मुझे अधिकार है..मै आज़ाद हूं अपने शिखर तक जाऊंगा जो किसी ने नही पाया वो पाउंगा, थोड़ा देर लगेगी पर जीत ही जाउंगा, पर हारा हुआ लौटकर वापिस घर नहि आउंगा मुझे अधिकार है..!! ©HARSH369 #Free मैं आजाद हूं
kaviraj Govind Singh Tomar
White राष्ट्र हित में जुड़ी हर एक उंगली, मजबूत भारत का निर्माण है! जिसके आगे विदेशी शक्तियां झुकेगी, वह भविष्य का नया हिंदुस्तान है! *जय हिंद" ©kaviraj Govind Singh Tomar #VoteForIndia जय हिंद
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी गुमराह हुआ युवा राह में कई रोडे है लतो में पड़कर भविष्य डूबता क्षणिक आनन्द में डूबे है नीतियों के दल दल में फँसकर डिप्रेशन में डूबे है किया शोध किया स्टडी करे सत्ता के गलियारे मद मस्त हो कर अनपढ़ों की फौज जोड़े है भविष्य भारत का आज सिसकता अनैतिकता का बोझ,पार्टियो और दलों की बे रूखी से शर्मिंदगी देश ओढे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Dosti सत्ता के गलियारे मद मस्त होकर अनपढ़ों की फौज जोड़े है #nojotohindi
Shashi Bhushan Mishra
अंधेरे की सोहबत से आजाद हूँ अब, बेख़बर सुनता कोई फरियाद हूँ अब, नहीं है ख़्वाहिश दिखाई दूँ शिखर पे, मुक़म्मल से घर की बुनियाद हूँ अब, फूल कलियों से चमन में ताज़गी है, दुआओं के इत्र से आबाद हूँ अब, चाँदनी उतरी है दिल के दरीचे में, लग रहा जैसे कोई महताब हूँ अब, जलने वाले इस क़दर हैरानगी से, देखते जैसे कोई तेजाब हूँ अब, झुकाते हैं शीश दरवाजे पे आकर, नगर सीमा पर खड़ी मेहराब हूँ अब, ख़त्म दौर-ए-जहाँ का करके गुंजन, ख़ुद से मिलने को बड़ा बेताब हूँ अब, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #आजाद हूँ अब#
DILEEP RAJ AHIRWAR
We have been free birds since the beginning, if only we had not become slaves of their memories. आजाद पंछी तो शुरू से ही है काश उनकी यादों के गुलाम न हुए होते ©DILEEP RAJ AHIRWAR #boatclub आजाद पंछी तो शुरू से ही है काश उनकी यादों के गुलाम न हुए होते
Expressive ladki