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Meenakshi Sharma
आओं मिलजुल कर पेड़ लगाए, प्रकृति की शोभा को बढ़ाए, वातावरण को शुद्ध बनाए, चहुं ओर हरियाली फैलाए। Meenakshi Sharma पेड़ लगाए
Durgesh Kumar
" वृक्ष लगाए " फूल-फूल से बगिया बनाए, चलो चलो वृक्षारोपण कर वृक्ष लगाए, फूल-फूल से घर आँगन सजाए, चलो चलो एक वृक्ष उगाए, समय निकालकर करे वृक्षारोपण, चलो एक वृक्ष को घर के सदस्य बनाए, लाल - लाल और रंग बिरंगी फ़ूलों से चलो आरती की थाली सजाये, अगर हम बीमार हो जाये, चलो कुछ फल घर के आँगन से ही लाए, फल-फूल खाकर सेहत बनाओ, आओ मिलकर वृक्ष लगाये, पानी का सुबह शाम छिड़काव करे, आओ मैं मिलकर वृक्ष का देखभाल करे, लताएँ भी देख मुस्कुराती रहे, चलो चलो वृक्ष को मित्र बनाए, आओ मिलकर वृक्ष लगाए, इसे जीवन की आवश्यकता बनाए, रहना है स्वस्थ तो कुछ उपाय लगाए, प्रदूषण को कम करने के लिए एक - एक वृक्ष लगाये, हमारी यही है जीवन शाखा, आओ चलो इस शाखा से जीवन की एक राह बनाये, चलो - चलो कुछ वृक्ष लगाए इसी से जीवन की चाह बढ़ाए. Sun writer ©Durgesh Kumar वृक्ष लगाए
vaishnavi Mala
इश्क का रंग जो लग जाये किसी पे हो के बेखबर ज़माने से वो पिया संग प्रीत लगाए ©vaishnavi Mala #prit लगाए
Mahesh Kumar
अपने दिल पर बहुत से, गम हम थे ढाए हुए। मोहब्बत में हैं आज हम, अब सताए हुए। इस बात का गम हमें, ताउम्र रहेगा यार। कि हम कभी बेरहम लोगों से, दिल थे लगाए हुए। दिल लगाए हुए।
Chandrashekhar Rathor
"वृक्ष की अर्जी" में वृक्ष नही, हु जीवन तेरा अपनी गाँथ सुनाता हुँ। भूखे को फल प्यासे को जल देता फिर क्यों कांट दिया मे जाता हूँ।। तेज धूप में देता हु छाँव दूर तेरे शहर से जंगल में रहता हूँ। बाढ़ से में ही बचाता हु, कोशिश मिटटी संरक्षण की करता हूँ।। जिस राख में तुझे मिल जाना हे राख भी वो में ही बनाता हूँ। कहलाता हु, मे भी सजीव फिर क्यों कांट दिया में जाता हूँ।। अब तो दोस्ती करले मुझसे बस एक यही अर्जी देता हूँ। में वृक्ष नही हूँ, जीवन तेरा अपनी गाँथ सुनाता हूँ।। पेड़ लगाइए पर्यावरण बचाइये कवि -चंद्र शेखर राठौर नीमच (जमुनिया कलां) ©Chandrashekhar Rathor पेड़ लगाए #WorldEnvironmentDay
Azaad Pooran Singh Rajawat
कंक्रीट के जंगल बढ़ते जा रहे हैं वृक्ष काटे जा रहे हैं पर्यावरण प्रदूषण से प्रभावित है धरती और आसमां दो दो सावन,मनभावन मगर बिन बरसात के बादल हवा में उड़ते जा रहे हैं धरती प्यासी, अंबर प्यासा वृक्ष सूखे जा रहे हैं वृक्ष लगाएं ,जल बचाएं ताकि फिर से जन-जन हर्षाए। ©Azaad Pooran Singh Rajawat #Sukha #वृक्ष लगाए#