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Rahul pareek(RP)
मेरे शब्द बेबसी उनकी ( Rahul paReek) किसकी सुनु और किसकी मानु,, बीच मझधार में पड़े है,, जब तक होगा तब तक सहूँगी, यही विचार मन में पड़े है,, मेरी किसी को फ़िक्र नहीं, मर जाऊ जल्दी ही इसी इंतजार में खड़े है,,, किसकी सुनु किसकी मानु, बीच मझधार में पड़े है,, pareek मेरा प्यार है, जिसको सिर्फ मेरा इंतजार है उठते बैठते, सोते जागते, मेरे लिए ही बेकरार है,, ना हो बात तो बढ़ जाए उसका b.P, इसलिए बेबस होकर पुछु हाल, बस उसे यही इंतजार है,, किसकी सुनु किसकी मानु, बीच मझधार में पड़े है जब तक होगा तब तक सहूँगी, यही विचार दिल में पड़े है अब यकीन दिलाऊ कैसे, प्यार मेरे लाडू से जताऊ कैसे,, सादी होगी मेरी अब उसे smjhau कैसे, और मेरी जान हक़ तुम पर जताऊ कैसे,,, किसकी सुनु किसकी मानु, बीच मझदार में पड़े है,, जब तक होगा तब तक सहूंगी, यही विचार दिल में पड़े है मै भी प्यार करती हु और करती रहूगी, तेरे लिए खुद की किस्मत से लड़ती रहूगी,,, दर्द तो मुझे भी है पर जताऊ कैसे और लाडू तेरे दर्द देखकर अपने बताऊ कैसे बस मान ले मेरी कुछ बात, भूल जा मेरे लिए सब के सब जज्बात,, किसकी सुनु किसकी मानु, बीच मझधार में पड़े है प्यार करुँगी आत्मा से तेरी, भरोसा रख मेरे jerry अब डर भी लगता है तुझे अकेला छोड़कर,,, कभी नहीं जाऊगी मेरे लाडू तुझे dil se छोड़कर | बस समज जाओ बेबसी मेरी,,, बता भी नहीं सकती ऐसी स्तिथि है मेरी,,, मेरी जान तुझको बताऊ, तुझे ही समझाऊ,, बीच मझदार में पड़े है,, जब तक होगा सहूंगी यही विचार मेरे दिल में पड़े है............. #मेरे_शब्द_उनकी_बेबसी राहुल पारीक की कलम से
Rahul pareek(RP)
ना जाने कसूर किसका है,, मेरा है या उसका है,, अब तो वो चले गए है हमसे दूर, उनके पीछे वो बहता लहू किसका है,, कोई तो बताए कसूर किसका है जीना भी पड़ेगा और लड़ना भी पड़ेगा खुद के लिए अब कुछ और करना भी पड़ेगा पर मिल ना सके हम दो सफ़र के साथी किस्मत भी दिखा रही, हमको आजमाती कोई तो बताए कसूर किसका है, उनके पीछे वो बहता लहू किसका है,, जो पहले अक्सर कहा करते थे आज वो कुछ और कहते है अगर चुनना पड़ा किसी इक को तो वो चुनेगे अब जिसके अब पास रहते है,, ,, कोई तो बताए कसूर किसका है,, उनके पीछे वो बहता लहू किसका है,, अगर मै तड़प रहा हु उनके लिए तो क्या उनमें भी वही तड़प होगी,, क्या मिलने की बेचैनी और पास आने की ललक होगी,, शायद भूल जाएं मुझको अब यही सबब होगी कोई तो बताए कसूर किसका है lउनके पीछे वो बहता लहू किसका है,, Rahul pareek(RP) #कसूर राहुल पारीक की कलम से l
Rahul pareek(RP)
मेरा रोना और तेरा पास होना वो तो मुद्द्त की बात है,,, तेरा मेरा मिलना तो अब मुक्क़दर की बात है,,, अब तो आस थी वो भी छोड़ दी,,, क्युकी तू किसी और के पास है,, इंतजार तो है की अब कब मुलाक़ात हो,, कब वो मीठे जज्बात तुझसे मिलकर ख़ास हो,, तेरा मेरा मिलना अब मुक्क़दर की बात है,, मेरा रोना और तेरा पास होना अब वो मुद्द्त की बात है तेरा वो sorry आज भी मेरे पास है,, तुझसे अंतिम बार मिलना आज भी ख़ास है,, उसके बाद मेरा रोना और बेहोश होना मुझे अच्छी तरह याद है,,, सुबह और शाम इक हो जाना, कड़कती बिजली और फिर मेघ हो जाना,,, वही मंजर अब खंजर सा हो दिल पर लग जाना,,, आज भी बहुत याद है अब तो मिलना मुक्क़दर की बात है,, मेंरा रोना तेरा पास होना वो तो मुद्द्त की बात है Rahul Pareek(RP) #मुक्क़दर_की_बात राहुल पारीक की कलम से l
Rahul pareek(RP)
....unki hi baat..... सुबह सुबह उठकर इक ही बात लिखता हु,,, मेरी उड़ गई नींद जल्दी ही यही मै ख्यालात लिखता हु,,, कहा गया वो चैन, कहा गई वो रात, बस यही जज्बात लिखता हु,,, बस सुबह सुबह यही बात लिखता हु l सारी रात टटोलता हु उनको ख्वाबो में बस यही जज्बात लिखता हु,, मै याद करता हु उनको हरपल हरलम्हा बस अब यही लम्हा यही जज्बात लिखता हु मै सुबह सुबह उठकर इक ही बात लिखता हु मेरी उड़ गई नींद जल्दी ही,, यही मै खयालात लिखता हु l मै तो प्रेम कवि हु जी प्रेम की बात करता हु,,,, हर किसी को उसकी गलती के लिए माफ़ करता हु l यही माफ़ी और जज्बात में अपनी बात लिखता हु..... मै सुबह सुबह उठकर इक ही बात लिखता हु,, मेरी उड़ गई नींद जल्दी ही ,बस यही ख्यालात लिखता हु l आज तो वो बेखबर है हमारी यादों से,,इसलिए खुश है शायद ,,, जब हुआ एहसास मोह्हबत का मेरी तो , वो रोऐंगे यही बात लिखता हु..... मै सुबह सुबह उठकर उनकी बात लिखता हु,, वो बेखबर है मेरे जज्बातो से यही जज्बात लिखता हु.... मै सुबह सुबह बस उनकी बात लिखता हु मेरे प्यार के अल्फाज लिखता हु,,,, मै तो बस उनकी ही बात लिखता हुl सुबह सुबह उठकर इक ही बात लिखता हु,,, मेरी उड़ गई नींद जल्दी ही यही मै ख्यालात लिखता हु,,, # बात लिखता हु... राहुल पारीक की कलम से.....