Find the Latest Status about बर्बादियों का जश्न from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बर्बादियों का जश्न.
नादान❤️दिल
बर्बादियों का सोग मनाना फ़ुज़ूल था बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया - साहिर लुधियानवी बर्बादियों का सोग मनाना फ़ुज़ूल था बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया - साहिर लुधियानवी #SahirLudhianvi #Shayari https://t.co/H4Kq1Vm2UX
Ansh Rajora
जो दिल ये टूटा बिखरा अपना यूँ समझे की मसला क्या है हम सबसे पूछा करते थे शगुफ़्ता होने का नुस्ख़ा क्या है #मसला - problem #शगुफ़्ता - ख़ुशमिज़ाज बर्बादियों का सोग मनाना फ़िज़ूल था बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया साहिर लुधियानवी साहब~ #yqbaba #yqdid
SULEMAN ASHRAFI
#OpenPoetry गर डूबना ही अपना मुक़द्दर है तो सुनो डूबेंगे हम ज़रूर मगर नाख़ुदा के साथ मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया बर्बादियों का सोग मनाना फ़ुज़ूल था बर्बादियों का जश्न मनाता चला
ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)
asli bihari
जश्न आज जश्न होगा चारो तरफ तेरी रुसवाई का, और मेरी टूटने की सच्चाई का... लेकिन कल फिर जश्न होगा तेरी बर्बादी का और मेरी कामयाबी का #बर्बादी का #जश्न और #आजादी का #जश्न
pooja sharma
रात तो रोजाना आती है और जाती भी रोज है , अगर इसी रात को हम जीत में बदल लें तो यही रात जश्न की बन जाती है । ©pooja sharma रात का जश्न
Arora PR
ठीक है... तुम कहते हो तो मै खुद क़ो बदलने की पूरी कोशिश करुगा लेकिन पहले बदलाव की बयार भी तो बहने दौ वियोग के ये पल मुझे बहुत अच्छे लगने लगे है अब मुझे हिज़्र का जश्न मानाने दौ ©Arora PR हिज़्र का जश्न
Shamsher Ali
जीत कितनी भी बड़ी क्यों ना हो l हज़ारो आप के साथ क्यों ना खड़े हो l लेकिन जब तक कोई अपना साथ ना हो सब कुछ अधूरा सा लगता है l ©Shamsher Ali # जीत का जश्न #
S. Bhaskar
दुविधा का जश्न असमंजस की खुशी कुछ और ही है, नासमझी की हसीं कुछ और ही है, सच जान के क्यूं रोना और शोक मनाना, दुविधा में जश्न मनाना कुछ और ही है। उनका समझ के अंजान बनना हलचल है, उनके खयालों में बुना चादर मखमल है, जब जवाब हर बात का ना ही है तो पूछना ही क्यों, दुविधा में जश्न मनाना कुछ और ही है। वो साथ है तो मन बेपरवाह सा होने को करता है, उनके अंदर का हाल जानने में मन जाने क्यूं डरता है, उनकी होटों की मुस्कुराहट पर ही चुप होना है, दुविधा में जश्न मनाना कुछ और ही है। भायबीत मन उनके ना के जवाब से कई बार होता है, जाने क्यूं नाकामयाब मेरा इकरारे इजहार होता है, अब नसीब ने माथे मन्हुसियत का तमगा लगाया ही है, इसीलिए दुविधा में जश्न मनाना कुछ और ही है। दुविधा का जश्न