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Abdhesh prajapati
White मुझे फुर्सत कहां की मौसम सुहाना देखू अपने हालात से लड़ूं की जमाना देखूं..? ©Abdhesh prajapati फुर्सत कहां है
फुर्सत कहां है
read moreBANDHETIYA OFFICIAL
White नींद कहां,खोलो जुबां और हाफी ! हों रतजगे,दिन में जम्हाई, किसी भी पल उंघाई काफी । ©BANDHETIYA OFFICIAL #GoodNight #नींद कहां?
#GoodNight #नींद कहां?
read moreरिपुदमन झा 'पिनाकी'
White ज़िन्दगी पूछती है ज़िन्दगी जियोगे कब। स्वाद इस ज़िन्दगी की मौज का चखोगे कब। ऊम्र अपनी बिता रहे हो फंँस के उलझन में - आसमाँ पर उड़ानें सपनों की भरोगे कब। आप खुद से बताओ यार अब मिलोगे कब। क़ैद कर रखा है खुद को जो तुम खुलोगे कब। पालते हो क्यूँ दिल में ग़म उदास रहते हो- रंग जीवन में अपने खुशियों की भरोगे कब। जी रहे हो घुटन में खुल के साँस लोगे कब। दुःख के दुश्मन को हौसलों से मात दोगे कब। कुछ नहीं मिलता है औरों के लिए जीने से- हो चुके सब के बहुत अपने बता होगे कब। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #कब
Himanshu Prajapati
White तुझे चाहूं तुझे देखूं कब तक, तुझे बुलाऊं तुझे तराशूं कब तक, तु तो रहतीं हैं अब किसी और के जहां में.. तुझे अपनाऊं या भुल जाऊ कब तक..! ©Himanshu Prajapati #love_shayari तुझे चाहूं तुझे देखूं कब तक, तुझे बुलाऊं तुझे तराशूं कब तक, तु तो रहतीं हैं अब किसी और के जहां में.. तुझे अपनाऊं या भुल जाऊ कब
#love_shayari तुझे चाहूं तुझे देखूं कब तक, तुझे बुलाऊं तुझे तराशूं कब तक, तु तो रहतीं हैं अब किसी और के जहां में.. तुझे अपनाऊं या भुल जाऊ कब
read moreParasram Arora
green-leaves मुझे लगता हैँ मेरी थकी हुई साँसे कभी भी थम सकती हैँ फिर चाहे तुम कितना भी फूको मेरे प्राणो को सांसे लौट न पाएगी गी फिर से ©Parasram Arora थकी हुई साँसे
थकी हुई साँसे
read moreHimanshu Prajapati
अब चेहरे पर मुस्कान कहां दिखते हैं, अब वो खेल वालें खिलौने कहां बिकते हैं, शौक-ए-आजाद जिन्दगी ने सब खत्म कर दिया अब पुराने गीत और पुराने मीत कहां मिलते हैं..! ©Himanshu Prajapati #nightshayari अब चेहरे पर मुस्कान कहां दिखते हैं, अब वो खेल वालें खिलौने कहां बिकते हैं, शौक-ए-आजाद जिन्दगी ने सब खत्म कर दिया अब पुराने गीत
#nightshayari अब चेहरे पर मुस्कान कहां दिखते हैं, अब वो खेल वालें खिलौने कहां बिकते हैं, शौक-ए-आजाद जिन्दगी ने सब खत्म कर दिया अब पुराने गीत
read moreParasram Arora
Unsplash मेरी बिगड़ेल चाहतो से मुझे राहत मिलेगी कब? मेरे शरारती स्वार्थी तत्व आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ? मेरा मौन चिल्लाना चाहता है युगो से आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब? ©Parasram Arora कब?
कब?
read moreLakhan Rajput BJP
घमंडी लोग तोड़ देते हैं गरीबों का दिल ©Lakhan Rajput BJP दोस्त शायरी तेरे जैसा यार कहां
दोस्त शायरी तेरे जैसा यार कहां
read moreneelu
White मेरी नानी कहती थी जानकर अंजान बनने वालों को तो बेवकूफ भी नहीं कह सकते है.. यह मेरे लिए तो नहीं कहा होगा ना.. फिर किसके लिए कहा होगा ©neelu #sad_quotes फिर #किसके लिए #कहां होगा
#sad_quotes फिर #किसके लिए #कहां होगा
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