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आनन्द कुमार
White jirrhea minu sataya na kar, mere khwaab vich tu roz aaya na kar. Tinu roz yaad karda dil, kaash! tu minu roz mil jaya kar. Bde jalima ne Duniya de dastoora , tu duniya ban kar minu samjhaaya na kar. Enia gallan kra tere naal, tu mere ton kuch chhupaaya na kar ------------Anand ©आनन्द कुमार #Anand_Ghaziabadi #आनन्द_गाजियाबादी #ख्वाब
#Anand_Ghaziabadi #आनन्द_गाजियाबादी #ख्वाब
read moreParasram Arora
White मेरे वो ख्वाब जो पहले हरे भरे थे आज वे पतझड़ क़ी चपेट मे आकर अपना वजूद ख़ो रहे है मेरे वो ख्वाब जो पहले दरिया क़ी लहरो पऱ बैठ कर झूला झूलते थे. आज वही ख्वाब समुन्द्र का खारा पानी पी कर उल्टिया कर रहै है ©Parasram Arora मेरे वो ख्वाब
मेरे वो ख्वाब
read moredilkibaatwithamit
White आँख से खींच के निकाले हैं ख्वाब वेसे भी मरने वाले थे... ©dilkibaatwithamit आँख से खींच के निकाले हैं ख्वाब वेसे भी मरने वाले थे... #Sad_Status Noor Hindustani
आँख से खींच के निकाले हैं ख्वाब वेसे भी मरने वाले थे... #Sad_Status Noor Hindustani
read moreRajnish Shrivastava
अपना शहर अपनी जमीं छोड़ हम ये छटा देखने आए हैं जीवन में कभी सोचा न था हम वो ख्वाब पूर्ण करने आए हैं ©Rajnish Shrivastava #ख्वाब
PUKHARAJ SUTHAR
White “जीवन एक आईना है, यह वही दिखाता है जो आप देखते हैं।” ©PUKHARAJ SUTHAR #Sad_Status “जीवन एक आईना है, यह वही दिखाता है जो आप देखते हैं।” मोटिवेशनल कोट्स
#Sad_Status “जीवन एक आईना है, यह वही दिखाता है जो आप देखते हैं।” मोटिवेशनल कोट्स
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White ढेरों अधूरे ख्वाब संजो कर रख लेता हूँ हर रोज़ सिरहाने अपने मुक्कमल नहीं हुए तो क्या… कुछ ज्यादा ही कीमत चुकाई है मैंने इनकी ©हिमांशु Kulshreshtha अधूरे ख्वाब..
अधूरे ख्वाब..
read moreगौरव झा नितिन
green-leaves व्यक्तित्व संभालने के प्रयास में जो हम अपना अस्तित्व ही खोने लगे थे.. उसका क्या? ~गौरव झा नितिन । ©गौरव झा नितिन हम, जो पूर्ण बकलोल हैं.. बुधियार बनने चले थे।😃
हम, जो पूर्ण बकलोल हैं.. बुधियार बनने चले थे।😃
read moreनवनीत ठाकुर
क़िस्मत नहीं, हमारी चाहत का असर था, जो होने था, वो हमसे होकर गुज़रा था। वक़्त की शाखों पर जो पत्ते झरे थे कभी, वो फिर नई सुबह में मोहब्बत बनकर पिघला था। तेरे बिना जो था खाली, वो तेरा ख्वाब बना, वही ख्वाब अब हमारी हकीकत बनकर उभरा था। रात में जो था नवनीत कभी अधूरा, वो तेरे होने से अब रोशनी बनकर उजला था। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर क़िस्मत नहीं, हमारी चाहत का असर था, जो होने था, वो हमसे होकर गुज़रा था। वक़्त की शाखों पर जो पत्ते झरे थे कभी, वो फिर नई सुबह
#नवनीतठाकुर क़िस्मत नहीं, हमारी चाहत का असर था, जो होने था, वो हमसे होकर गुज़रा था। वक़्त की शाखों पर जो पत्ते झरे थे कभी, वो फिर नई सुबह
read moreऋतुराज पपनै "क्षितिज"
Unsplash दीमक कुतरता नहीं जैसे जिल्द को, बस अन्दर ही अन्दर खत्म कर देता है किताबों को। चिन्ता कुतरती नहीं है वैसे ही जिस्म को, बस अन्दर ही अन्दर खत्म कर देती है आदमी को, सपनों को या ख्वाबों को। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज" #चिन्ता #ख्वाब #मंजिल
writer maurya Anil
वो ख्वाब भी टूट गया था,और ये ख्वाब भी मुकम्मल नहीं हुआ, वो दिसंबर भी बेवफा था, और ये दिसम्बर भी बेवफा हो गया। ©writer maurya Anil #ख्वाब