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आनन्द कुमार
हमारी कौन सुनता है, हमें कौन मानता है, चलों अपने में ही चुप रह लेते हैं। दर्द है कुछ, खुद से ही कह लेते हैं, समझदार है शायद, इसलिए चलो अकेले में रो लेते हैं। ----------आनन्द ©आनन्द कुमार #आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi #लडके
आनन्द कुमार
रोज खुद में मरते हैं, रोज अपनों के लिए मरते हैं। अब थोड़ा सुकून से रह लेने दे, अब तो यारों कम से कम अकेले में रो लेने दें। कभी अपने मुसीबत में अकेला छोड़ गये, कभी कुछ लोग बीच राह में दिल तोड़ गये। मगर हम फिर भी अपने में खुश रह लेते हैं, लड़के हैं, चलो हम अकेले में रो लेते हैं। ------आनन्द ©आनन्द कुमार #आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi #लडके
आनन्द कुमार
आज अपने आज से लड़ रहे हैं, कल अपने कल से भी लड़ना है। हमारी दुनिया ऐसी ही है, हमें ऐसे ही आगे बढ़ना है। कभी दिल टूट गये, कभी ख्वाब रूठ गये, कभी अपने कहीं छूट गये। मगर क्या करें, लड़के हैं चलो अकेले में रो लेते हैं। ----------आनन्द ©आनन्द कुमार #आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi #लडके
आनन्द कुमार
लड़के हैं, चलो अकेले में रो लेते हैं, बहुत दिल दुखाया है दुनिया ने, चलो आज फिर मुंह धो लेते हैं। कुछ दर्द छुपे हैं इस सीने में, चलो उन्हें अपने में ही पी लेते हैं बहुत कुछ कहती है दुनिया रोज़, चलो हंस कर सह लेते हैं। ----------आनन्द ©आनन्द कुमार #Anand_Ghaziabadi #आनन्द_गाजियाबादी #लडके
आनन्द कुमार
तिल-तिल मर रहा हूं तेरी यादों में, तुम बिन जिंदगी जीतें जाना, मुझे पसंद नहीं। टुकडे-टुकडे जी रहा हूं तेरे बिना, कोई और ख्बाव , मुझे पसंद नहीं। डूबा हूं कुछ इस तरह तुझ में, कि किसी और के अल्फाज़, मुझे पसंद नहीं। ----------आनन्द ©आनन्द कुमार #आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi
आनन्द कुमार
तिल-तिल मर रहा हूं तेरी यादों में, तुम बिन जिंदगी जीतें जाना, मुझे पसंद नहीं। टुकडे-टुकडे जी रहा हूं तेरे बिना, कोई और ख्बाव , मुझे पसंद नहीं। डूबा हूं कुछ इस तरह तुझ में, कि किसी और के अल्फाज़, मुझे पसंद नहीं। ----------आनन्द ©आनन्द कुमार #आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi
आनन्द कुमार
हो सकता है कि पत्थर दिल हूं मैं पर, तेरे लिए टूट जाने का मेरा अंदाज,मुझे पसंद नहीं। तूं, मेरी मैं, में जिंदा रहती है इस कदर कि, तुझ से बिछड़ जाना, मुझे पसंद नहीं। रहता हूं तुझ में मशगूल हरदम इस तरह कि, ये झूठे ज़माने का हिसाब, मुझे पसंद नहीं। ---------आनन्द ©आनन्द कुमार #आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi #पसन्द_नही
आनन्द कुमार
मेरे पास तूं, तूं बन कर आना, ये झूठों चेहरों के लिबास, मुझे पसंद नहीं। जो कहना है दिल से कहना, ये बनावटी जबाव, मुझे पसंद नहीं। रहना है तो जिंदगी भर साथ रहना, आना और फिर चले जाने का रूबाब, मुझे पसंद नहीं। --------- आनन्द ©आनन्द कुमार #आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi #पसंद_नहीं
आनन्द कुमार
तूं, मेरी मैं, में जिंदा रहती है इस कदर कि, तुझ से बिछड़ जाना, मुझे पसंद नहीं। रहता हूं तुझ में मशगूल हरदम इस तरह कि, ये झूठे ज़माने का हिसाब, मुझे पसंद नहीं। तिल-तिल मर रहा हूं तेरी यादों में, तुम बिन जिंदगी जीतें जाना, मुझे पसंद नहीं । टूकडे-टूकडे जी रहा हूं तेरे बिना, अब कोई और ख्बाव, मुझे पसंद नहीं । डूबा हूं कुछ इस तरह तेरे साथ, कि किसी और के अल्फाज़, मुझे पसंद नहीं। ------------आनन्द ©आनन्द कुमार #Anand_Ghaziabadi #आनन्द_गाजियाबादी #तेरा_जाना