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s गोल्डी
जोड़ा बहुत था मैंने खुद को.. फ़िर भी उसकी महोब्बत में टूटता चला गया । ©s गोल्डी जोड़ा बहुत था मैंने खुद को.. फ़िर भी उसकी महोब्बत में टूटती चली गयी। sad shayari
जोड़ा बहुत था मैंने खुद को.. फ़िर भी उसकी महोब्बत में टूटती चली गयी। sad shayari
read moreHimanshi Bharti
Unsplash हमारी तरह हमारी किताब को भी तड़पना पड़ा तुम्हारा दिया हुआ गुलाब इसकी किस्मत में न था हमने जब भी सिसकियाँ भरकर तुम्हें याद किया तुम्हारे दिल को पता तक न चला शायद हमारा ही प्यार कमजोर था जो तुम्हारी मौजूदगी को हकीकत न बना सका अब अलविदा कह देंगे तुम्हें भी इस ढलते साल के साथ लेकिन तुम साथ नहीं ये दिल अब तक मान न सका।। ©Himanshi Bharti #Book हर किताब के नसीब में गुलाब नहीं होता...।। 🌹
#Book हर किताब के नसीब में गुलाब नहीं होता...।। 🌹
read moreAbhay Shaw (8100233007)
#poetryunplugged #LIFENEVERDIES किसी के दिल में प्यार हमेशा के लिए रहता है ...!! Love ❤️
read moreRicha Dhar
White किसी ने मुझसे कहा था.....✍🏼✍🏼✍🏼 रिश्ते की बुनियाद मजबूत होनी चाहिए रिश्ते_सच्चाई की नींव पर खड़ी होनी चाहिये। नहीं पता था कि रिश्ते झूठ से चलते हैं सच्चाई सिर्फ़ दिखावा होना चाहिए झूठ की गठरी बांधे कंधे पर लिये घूम रही है दुनियां नहीं पता था कि सच्चाई को झूठ के वस्त्र पहनाने चाहिए दिखावा झूठ का सर्वोत्तम गुण है आजकल ये अभिनय अब सबको सीख जाना चाहिए दुःख कितना भी मिले जीवन में,आँसूं भर आये आँखों में पीकर एक एक कतरा,सिर्फ़ मुस्कुराना चाहिए ©Richa Dhar #love_shayari किसी ने मुझसे कहा था
#love_shayari किसी ने मुझसे कहा था
read moreUttam Bajpai
लव शायरी हिंदी मेंतरस गए थोड़ी सी वफा के लिए, किसी से प्यार ना करेंगे खुदा के लिए जब भी लगती है इश्क की अदालत हम ही चुने जाते हैं सजा के
read moreRAVI PRAKASH
White सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना सीख लो मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है ©RAVI PRAKASH #love_shayari सच कहा था किसी ने
#love_shayari सच कहा था किसी ने
read moreRahul Varsatiy Parmar
सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar #foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
read moreF M POETRY
White दर-ब-दर ठोंकरें खाएंगे तेरे प्यार में हम.. हमने सोचा भी न था तूने बताया भी न था.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #हमने सोचा भी न था...
#हमने सोचा भी न था...
read moreRimjhim
White किसी भी पुरुष के लिए शायद..... खुबसूरत औरत इतनी मायने नहीं रखती, जितनी उसकी पसंदीदा औरत रखती है!! ©Rimjhim किसी भी पुरुष के लिए 🥀💕🧿
किसी भी पुरुष के लिए 🥀💕🧿
read moreneelu
White फायदा क्या है उन बातों का जो हम.... जो हम कहने के लिए भी नहीं कहते हैं ©neelu #life_quotes जो #हम #कहने के लिए #भी #नहीं #कहते हैं