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New स्वानुभव चंद्रिका Quotes, Status, Photo, Video

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Awnish bhatt

चंद्रिका #कविता

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चन्द्रिका के चेहरे पे
ये अलकों की घटा पहरे देते हैं 
जब यू शरद के चाँद
जब सुधावर्षन करते हो 
इस प्रेम रस को अंजुली लेकर पीते है। चंद्रिका

Pranjali Dande

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नितिन "निहाल"

मां सरस्वती को समर्पित मेरी यह अति लघु काव्यांजलि...

©नितिन "निहाल" #नितिन_निहाल
#कविता
#स्वानुभव
#हिंदी

Preeti Karn

दृष्टिगोचर हो रहा
प्राची की प्राचीर पर
उभरती सिंदूरी आभा से
अभिसिंचित  सुसज्जित मुखरित
विंहसते  मधुर  स्वपन सम
आकाश कुसुम
हो रहा निरंतर निर्माण कोई।
सुखद मन के द्वार पर  प्रतीक्षित
आंगतुक लिए मृदुल मुस्कान कोई।
असंख्य मन के तारों में
बजता अहर्निश समर्पण गान कोई।
आबद्ध कर की प्रार्थना में आवाहित
सृष्टि का कल्याण कोई।
अनियंत्रित काल की इस भीड़ में
दृष्टिगत हो रही पहचान कोई।।
                 प्रीति

 #प्रातःकिरण #स्वानुभव 
#सूर्योदय #ऊर्जा #सकारात्मक 
#yqdidi#yqhindi#yqhindiquotes

Abeer Saifi

बेहिस- जिसे एहसास न हो, मुख़ालिफ़- विपरीत, चंद्रिका- चांदनी मख़्सूस - खास, विशेष Collab on this picture. Image: clicked by me #lehernigh #Night #Moon #yqdidi #yqtales #yqbhaijan #YourQuoteAndMine #yqaestheticthoughts

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यूँ कहते तो हैं लोग के मैं बेहिस हूँ बहोत,
मुख़ालिफ़ के चंद्रिका मेहसूस करता हूँ اا

शिक़वा तो ये भी के करता बातें नहीं 'अबीर' , 
करता तो हूँ हीं मगर मख़्सूस करता हूँ اا
 बेहिस- जिसे एहसास न हो, मुख़ालिफ़- विपरीत, चंद्रिका-  चांदनी मख़्सूस - खास, विशेष
Collab on this picture. 
Image: clicked by me

#leher#nigh

Abeer Saifi

बेहिस- जिसे एहसास न हो, मुख़ालिफ़- विपरीत, चंद्रिका- चांदनी मख़्सूस - खास, विशेष Collab on this picture. Image: clicked by me #lehernigh #Night #Moon #yqdidi #yqtales #yqbhaijan #YourQuoteAndMine #yqaestheticthoughts

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यूँ कहते तो हैं लोग के मैं बेहिस हूँ बहोत,
मुख़ालिफ़ के चंद्रिका मेहसूस करता हूँ اا

शिक़वा तो ये भी के करता बातें नहीं 'अबीर' , 
करता तो हूँ हीं मगर मख़्सूस करता हूँ اا
 बेहिस- जिसे एहसास न हो, मुख़ालिफ़- विपरीत, चंद्रिका-  चांदनी मख़्सूस - खास, विशेष
Collab on this picture. 
Image: clicked by me

#leher#nigh

नितिन कुमार 'हरित'

कभी शुभ्र तुम, कभी यामिनी, कभी उग्र तुम, कभी दामिनी। तुम चंद्रिका, तुम चंचला, तुम चंडिका, तुम स्वामिनी ।। कभी मुग्ध तुम, कभी क्रुद्ध तुम, क #nojotophoto

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 कभी शुभ्र तुम, कभी यामिनी,
कभी उग्र तुम, कभी दामिनी।
तुम चंद्रिका, तुम चंचला,
तुम चंडिका, तुम स्वामिनी ।।

कभी मुग्ध तुम, कभी क्रुद्ध तुम,
क

yogesh atmaram ambawale

शुभ संध्या मित्रहो वाय क्यु टिम कडुन माझ्या सर्वं लेखक मित्र आणि मैत्रिणींना जागतिक काव्य दिनाच्या हार्दिक शुभेच्छा. आताचा विषय आहे माझी कवि #Collab #YourQuoteAndMine #yqtaai #माझीकविता #माझीकविता1

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माझी कविता मी अशी लिहितो,
लिहिताना प्रत्येकाच्या मनाचा विचार करतो.
वाचतात जे त्यांना ती आपली वाटते,
माझ्या कवितेत बहुतेकांस स्वतःचे भाव दिसते.
माझी कविता मी अशी लिहितो,
स्वतःचे अनुभव लिहितो कधी,
तर कधी कुणाच्या मनातले लिहितो.
प्रेमावर लिहिलेली कविता प्रत्येकास स्वतःची वाटते,
तर विरहाची लिहिताच स्वानुभव लिहिले असेच सर्वांना वाटते. शुभ संध्या मित्रहो
वाय क्यु टिम कडुन माझ्या सर्वं लेखक मित्र आणि मैत्रिणींना जागतिक काव्य दिनाच्या हार्दिक शुभेच्छा.
आताचा विषय आहे
माझी कवि

AK__Alfaaz..

मन की मृगतृष्णा यही है कि वह वर्तमान की छोड़कर ,,सदा भविष्य की चिंता मे ही डूबा रहता है.., वृक्षों के झुरमुट में.. सोती सुनहरी.. सिंदूरी शाम #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqhindi #yqquotes #yqthoughts #yqdiary

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वृक्षों के झुरमुट में..,
सोती सुनहरी..,
सिंदूरी शाम..,
बहती शीतल पुरवईया..,
कलरव करते पक्षी..,
लौटते अपने धाम..,
नित् नव..,
सौंदर्य लिप्त..,
प्रकृति का यह..,
अनुपम संध्या प्रणाम..,
अगले दिवस की आस में..,
पुनि-पुनि ढ़लती..,
चंचल चंद्रिका का..,
यह सुंदरतम्..,
अद्भुत रात्रि विश्राम..,
कोयल की..,
कूक को तरसे..,
मन भरमाय जीवन..,
जीवन को तरसे..,
सोच यही मन..,
केवल करवट बदले..,
नवीन श्रृजन..,
अरूणोदय होगा फिर..,
रात्रि भयी है यह..,
नही जीवन का..,
कोई पूर्ण विराम..,
कल..,


 मन की मृगतृष्णा यही है कि वह वर्तमान की छोड़कर ,,सदा भविष्य की चिंता मे ही डूबा रहता है..,

वृक्षों के झुरमुट में..
सोती सुनहरी..
सिंदूरी शाम

स्मृति.... Monika

#Hindi #inspirational poem # "सूर्य की उदारता "read in कैप्शन हे सूर्य तुम सम कौन दानी, तिस

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