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Anand Kumar Ashodhiya
पोता जब से खबर पता चली कि पुत्रवधु "पेट" से है, परिवार जन, परिचित, बन्धु सब ख़ुशी से हरषाने लगे पहलौठी का है, देख लियो पोता ही होगा रोज रोज सब यही गीत गाने लगे हम भी सबकी देखम देख, जब भी बहू पैर छूती तो आशीर्वाद के रूप में "पुत्रवती भवः" अलापने लगे मातृ शिशु रक्षा हेतु सरकारी संरक्षण प्राप्त योजना के तहत हर महीने बहू के स्वास्थ्य की जांच दिनों दिन कराने लगे माता और शिशु हृष्ट पुष्ट रहें, इसी ख्याल से बहू की लिलौनी कर करके, उसे पौष्टिक आहार खिलाने लगे डॉक्टर की सलाह से निर्धारित अवधि और मात्रा में मल्टी विटामिन, मिनरल और न्यूट्रिशन खिलाने लगे बहू का बढ़ता वजन और चेहरे की चमक देखकर पोता होगा, पोता होगा, सब ऐसा अनुमान लगाने लगे तीन से छह और छह से नौ महीने का अंतराल घटकर बहुप्रतीक्षित दिन, घंटे, मिनट और सेकंड गिनवाने लगे आखिर वो घड़ी भी आ गई, डिलीवरी के दिन सब पोते की चाह में हस्पताल के इर्द गिर्द मंडराने लगे सबकी आशाओं को धता बताकर, कन्या ने जन्म लिया आशाओं पर तुषारापात हुआ तो सब मुँह बनाने लगे मेरी धर्मपत्नी खुश कि दादी बन गई, पुत्र खुश कि पिता बन गया, हम सबसे खुश कि इस कन्यारत्न के आने से हम दादा कहलाने लगे जच्चा बच्चा को देखने वार्ड में गया तो पुत्रवधू ने शिकायत की पापा आप तो रोज आशीर्वाद में कहते थे कि "पुत्रवती भवः" अब पोती देख कर भी इतराने लगे मैंने हँस कर कहा, मैं तो फिर कह रहा हूँ कि हे जगत जननी! पोता दे! ये सुनकर सब खिलखिलाकर हँसने लगे आनन्द कुमार आशोधि ©Anand Kumar Ashodhiya पोता #पोता
CK JOHNY
दादा पोते का पहला दोस्त होता है और पोता दादा का आखिरी दोस्त होता है। दादा-पोता
Kailash Bora
एक बूढ़ा व्यक्ति अपने पोते को स्कूल से घर लाता है और वो देखता है की उसका लड़का और बहु जानवर के गोंसाला की सफाई कर रहे होते.. बूढ़े व्यक्ति ने पूछा - बेटा! क्या दुबारा जानवर पालने की सोच रहे हो? लड़के ने जवाब नहीं दिया तो बहु ने एक दम से बोला - नही ससुर जी! ये तुम्हारे लिए कर रहे है क्योंकि आज से तुम यहां रहोगे.. तो पोता अपने दादा की तरफ देखता है और अपने दादा की उंगली पकड़ लेता है.....next ©Kailash Bora #बूढ़ा व्यक्ति और पोता#
Lucky Sanjay Goyal
दर्द वो जो बातें की, महज़ इक इत्तेफाक थी। दो शब्द प्यार के, फिर वही नफरत की आग थी। बेशक़ कुछ नादान गलती की, की आई रिश्ते में दरार थी। अपनी बातों से छल लिया मुझे, कि मासूमियत की हार थी। हर लम्हा जिसने तुझे चाहा, उसे तूने दी आँसूओ की सौगात थी। मैंने तेरे लिए सब किया, फिर भी तेरे लिए पराई थी। तेरी हर गलती की मैंने माफ़ उसमें भी तुझे रुसवाई थी। #Dwell_in_possibility दर्द में दर्द