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suman singh rajpoot
"भटकना" और "भटकाना" अज्ञानता के कारण इंसान भटकता है। इसके विपरीत ज्ञानी होकर दूसरों की बातों में आकर शक, या आरोपी किसी को मानना, भटकाना कहलाता है। भटकाने वाला व्यक्ति शातिर होता है। हमेशा सही को गलत दिखता है। क्योंकि "ज्ञानी" का ध्यान ग़लत करने वाले पर नहीं जाय। "ज्ञानी" बार बार सही चीजों की जाँच करता रहे। ग़लत चीज़ जॉच से अछूता रह जाय। आवेदक क्यों ना मूर्ख हो दोनों पक्षों का वकील ज्ञानी होता है लेकिन जज साहब फैसला सिर्फ सुनकर नहीं सबूत के आधार पर देते हैं। घर, समाज या कोई ऑफिस हो यदि जिम्मेदारी स्वयं पर हो तो "जज साहब" की भूमिका याद रखें। ©suman singh rajpoot #suman
suman singh rajpoot
धार्मिक है इंसान पर पसंद सुदामा जैसा मित्र नहीं। श्रवण की गुण गाथा करता है इंसान माता - पिता की सेवा नहीं। राम नाम लेने बाद शबरी जैसों का ख्याल नहीं। दूसरों से ज़्यादा स्वयं को ठग रहा इंसान। पूजा शिव का कर, कुबेर बन रहा इंसान। शिव जैसे वेश-भूषा को कहां पसंद कर रहा इंसान। जहाँ मानवता नहीं वहाँ "मैं" भी नहीं यही तो कह रहा भगवान। आपकी मित्रता भी उसी से होगी जिसका भाव हो आपके समान। ©suman singh rajpoot #suman
suman singh rajpoot
सुनसान रास्ते में घंटों से घेरे हुए आंधी, तूफ़ान, बारिश में कोई झोपडी का मिलना और आंधी, तूफ़ान, बारिश बंद तक ठहराना। जिंदगी में ऐसा दोस्त, रिश्तेदार या अजनबी सही जो आपकी परेशानी सिर्फ सुने मात्र हल करे ना करे कहीं बयां करें। तो तूफ़ान में मिलने वाली झोपड़ी परेशानी को सुनने वाले अजनबी काबिले तारीफ होता है। ©suman singh rajpoot #suman
suman singh rajpoot
हितैषी का भी लोग , अहित कर निकल जाता है। क्योंकि अब इंसान पैरों से नहीं , दिमाग़ से चलता है। दुनियां आज भी वही है । जो कल थी , आगे भी वही रहेगी । दुनियां बदले ना बदले, बदलने वाले जुवान से दिमाग़ बदलते हैं। इंसान ख़ुद पे हक़ नहीं जाता पाता, इतना व्यस्त है जो हक़ीक़त है । एक अंजान विश्वास पर लूट जाता है इंसान क्या फ़ुर्सत है। ©suman singh rajpoot #suman
suman singh rajpoot
White पुरुषार्थ कहता कि आंख के सामने होने वाले गलत का विरोध करो। कायरता कहता है अपने साथ गलत होने पर भी चुप रहो। ये कायरता एक एक दिन मान, सम्मान और प्रतिष्ठा को कलंकित करता है। समय पर जिसने भी गलत का विरोध नहीं किया। बाद में उसे पछताना पड़ा है। युग कोई हो गलत का विरोध करने पर ही आजादी मिलती है। यदि स्वयं को स्वतंत्र रखना है तो गलत लोगों से दूर रहना होगा। "गणतंत्र दिवस" की हार्दिक बधाई ©suman singh rajpoot #suman
suman singh rajpoot
White निराशा आपके बुद्धि को खा जाती है, खुशी बुद्धि को निखारती है। जो किसी के साथ गलत नहीं करता है। दुनियां के लाख चाहने से भी उसके साथ गलत नहीं होता है। सही चीज़ों की हिफाजत खुद प्रकृति करती है। बस धैर्य की जरूरत होती है। ©suman singh rajpoot #suman
arbin mutum
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset kridagi hwrkhibno nungcba ©arbin mutum #lyrics
suman singh rajpoot
Unsplash समय का सदुपयोग दुरूपयोग में बदल जाता है। जब इंसान में ग़लत चीजों की लत लग जाती है। ग़लत चीज़ ही नहीं, ग़लत इंसान भी बर्बादी का कारण बन जाता है। एक समय समझाने के बाद भी जब इंसान नहीं समझता है, तो घर के एक एक व्यक्ति उसका बहिष्कार कर देता है। जिसका जिम्मेदार खुद वह होता है। हर इंसान को पता है जो चीज़ नुकसान पहुंचाये उसे दूर रखो या उससे दूर रहो। ©suman singh rajpoot #suman