Find the Latest Status about भुल्लू दर्जी का बिरहा भोजपुरी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, भुल्लू दर्जी का बिरहा भोजपुरी.
Mihir Choudhary
तुमने तो हँस के पूछा था बोलो न कितना प्रेम है बोलो कैसे मैं बतलाता बोलो ना कैसे समझता जब अहसास समंदर होता है तो शब्द नही फिर मिलते हैं उन बेहिसाब से चाहत को कैसे कैसे मैं बतलाता बोलो न कैसे दिखलाता बोलो न कैसे समझता तब भी हिसाब का कच्चा था अब भी हिसाब का कच्चा हूँ जो था वो ना मेरे बस का था अब तो जो हालात हुए उनसे तो मैं अब बेबस हूं अब अंदर -अंदर सब जलता है लावा जैसा सा कुछ पलता है धीमे धीमे कुछ रिसता है कुछ टूट-टूट के पीसता है नस-नस मैं जैसे कुछ खौलता है धड़कन बिजली सा दौड़ता है अब बेहिसाब ये यादे है बस बेहिसाब ये चाहत है बोलो क्या वो प्रेम ही था बोलो न क्या ये प्रेम ही है मिहिर... बिरहा
शुभ'म
अरे हे लईकी !! शहर की छोरी, हमहु हईं लईका गाँव क गोरखपुरी, बोलिहा हमसे जनी अंग्रेजी, हमहु बोलीला जबरे भोजपुरी, नजर उठा क न देखहिया कब्बो, काहें किं आँख हम फोडी ला, ई हमार आदत ना, ह सबसे बड़ा कमजोरी.... बच के रहिया ऐ मैडम गोरी, हमरे नजर मे त औरत देवी है, लेकिन जब औरत हद से बाहर होले, त हम छोड़ी ला न थोड़ी, तुहके तुहार एटिट्यूड पंसद बा, त हमके हमार ई मजबूरी, अउर सुना "तुहके तुहरे दिल्ली बम्बई पे पंसद बा, त हमके हमरे गोरखपुर पे घमण्ड बा...." -Sp"रूपचन्द्र" गोरखपुर का भोजपुरी एटीट्यूड....
Anuj Ray
" बिरहा की रातें" न धुंआ न कहीं ,आग जला करती है, बिरहा की रातें यूं ही ,खामोश जला करती हैं जलता है बदन आग की लपटों में,दो बूंद की उम्मीद लिये, बेबसी हाथ मला करती है। फागुन का महीना हो, या घनी सावनी रातें, पिया मिलन की आस में, यूं ही ख़ला करती हैं। ©Anuj Ray #बिरहा की रातें