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#maxicandragon

बकरे बंधे थे बाडे में ओर फूल लगे फिछवाडे में चलते बोरे झांक रहे थे जब हम होते थे अखाड़े में गलती हुई जो पूछ लिया क्या भरा है अंदर बोरों म #CTL #Sadharanmanushya #पर्दानशीन

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When I see your eyes बकरे बंधे थे बाडे में ओर फूल लगे फिछवाडे में 
चलते बोरे झांक रहे थे जब हम होते थे अखाड़े में 

गलती हुई जो पूछ लिया क्या भरा है अंदर बोरों में 
देख नमीं टपकते आंसू अंतर क्या बकरे, ढोरों में 

दबक सिसक के ओढ के जाने तिरपाल कैसे वो चलती है 
वो सौपकर औलाद अपनी फौजियों को देखा करती है

हो मजबूर तुम है मजबूर हम मजहब ही मजबूरी है
राह अब दिखती नहीं, सामने कुआं पीछे खाई गहरी है

#पर्दानशीन
#Sadharanmanushya

©#maxicandragon 
  बकरे बंधे थे बाडे में ओर फूल लगे फिछवाडे में 
चलते बोरे झांक रहे थे जब हम होते थे अखाड़े में 

गलती हुई जो पूछ लिया क्या भरा है अंदर बोरों म

#maxicandragon

बकरे बंधे थे बाडे में ओर फूल लगे फिछवाडे में चलते बोरे झांक रहे थे जब हम होते थे अखाड़े में गलती हुई जो पूछ लिया क्या भरा है अंदर बोरों म #CTL #Sadharanmanushya #पर्दानशीन

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When I see your eyes बकरे बंधे थे बाडे में ओर फूल लगे फिछवाडे में 
चलते बोरे झांक रहे थे जब हम होते थे अखाड़े में 

गलती हुई जो पूछ लिया क्या भरा है अंदर बोरों में 
देख नमीं टपकते आंसू अंतर क्या बकरे, ढोरों में 

दबक सिसक के ओढ के जाने तिरपाल कैसे वो चलती है 
वो सौपकर औलाद अपनी फौजियों को देखा करती है

हो मजबूर तुम है मजबूर हम मजहब ही मजबूरी है
राह अब दिखती नहीं, सामने कुआं पीछे खाई गहरी है

#पर्दानशीन
#Sadharanmanushya

©#maxicandragon 
  बकरे बंधे थे बाडे में ओर फूल लगे फिछवाडे में 
चलते बोरे झांक रहे थे जब हम होते थे अखाड़े में 

गलती हुई जो पूछ लिया क्या भरा है अंदर बोरों म

#maxicandragon

बकरे बंधे थे बाडे में ओर फूल लगे फिछवाडे में चलते बोरे झांक रहे थे जब हम होते थे अखाड़े में गलती हुई जो पूछ लिया क्या भरा है अंदर बोरों म #CTL #Sadharanmanushya #पर्दानशीन

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चलते बोरे झांक रहे थे जब हम होते थे अखाड़े में 

गलती हुई जो पूछ लिया क्या भरा है अंदर बोरों में 
देख नमीं टपकते आंसू अंतर क्या बकरे, ढोरों में 

दबक सिसक के ओढ के जाने तिरपाल कैसे वो चलती है 
वो सौपकर औलाद अपनी फौजियों को देखा करती है

हो मजबूर तुम है मजबूर हम मजहब ही मजबूरी है
राह अब दिखती नहीं, सामने कुआं पीछे खाई गहरी है

#पर्दानशीन
#Sadharanmanushya

©#maxicandragon बकरे बंधे थे बाडे में ओर फूल लगे फिछवाडे में 
चलते बोरे झांक रहे थे जब हम होते थे अखाड़े में 

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