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Sonal Panwar

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yogesh atmaram ambawale

सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों आज आपण हा अलंकार बघणार आहोत. व्याजस्तुती:- बाह्यतः स्तुती आणि आतून निंदा अथवा ह्याच्या उलट असे वर्णन.  उदा: ह #Collab #YourQuoteAndMine #yqtaai #व्याजस्तुतीअलंकार

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सुंदर तू माझ्या दिलाची राणी,
कुठलेही हट्ट पुरवून घेते इतकी शहाणी.
शब्द हे लावून घेऊ नको मनी,
हुशार ह्या  अर्थानेच लिहिलं शहाणी. सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों
आज आपण हा अलंकार बघणार आहोत.
व्याजस्तुती:- बाह्यतः स्तुती आणि आतून निंदा अथवा ह्याच्या उलट असे वर्णन.
 उदा:
ह

Pooja Gupta

अब आ,आ भी जा गीत कोई मिलन की छेड़ें तोड़ रश्मों की जंजीरों को इश्क की गहराई में डूबें वो मुस्कान अर्धचंद्र-सी मुखड़ा पूर्णिमा-सा, निशा के सु #Quotes

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**कुछ पल सपनों के साथ**
अब आ,आ भी जा 
गीत कोई मिलन की छेड़ें
तोड़ रश्मों की जंजीरों को
इश्क की गहराई में डूबें
वो मुस्कान अर्धचंद्र-सी 
मुखड़ा पूर्णिमा-सा, 
निशा के सुर से सजी
सुबहों की रागिनी
सा रे ग म पा ध नि सा
बह चले धुन पर मुरली की, 
सरगम की दरिया में
अलंकृत मेघ से धरती करें
चुन कर तारे लायें
परियों के देश से
गुलाबी सपने ,जवां नींद
वफ़ा-ए-मदमीत की 
घूँघट वो धवल-सी
अब किसी कश्मकश में न फँसें
सिलवटें गवाह हो जज्बातों के
ना इन्तहां लो शिद्दत की......!! अब आ,आ भी जा 
गीत कोई मिलन की छेड़ें
तोड़ रश्मों की जंजीरों को
इश्क की गहराई में डूबें
वो मुस्कान अर्धचंद्र-सी 
मुखड़ा पूर्णिमा-सा, 
निशा के सु

मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

अच्छा लगता था जब वो मुझसे मिलती थी थोड़ा सा मुस्कुराती थी निगाहे झुका कुछ लजाती थी कभी दिल खोल खिलखिलाती थी मेरे घुंगरू बालों को संवारत

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Love  अच्छा लगता था जब वो मुझसे मिलती थी थोड़ा सा मुस्कुराती थी 
निगाहे झुका कुछ लजाती थी कभी दिल खोल खिलखिलाती थी 
मेरे घुंगरू बालों को संवारती थी सच अच्छा लगता था 
जब वो छिप कर मुझसे मिलती थी लेट होने पर नाराज़गी 
ना जाने देने की ज़िद उसके अकारण समय काटने वाली बहस 
उसकी वो बंदिशो पर झुँझलाहट बहुत सुकून मिलता था 
जब भी वो मुझसे मिलती थी मेरी हथेलियों पर उसका वो बोसा
मेरी उँगलियो को हौले से काटना मेरे काँधे पर सर रख घंटो निहारना 
दिन भर की शिकायतों का पिटारा मुझ पर निकालना 
बहुत याद आता है वो सब सुर्ख़ लबों का वो लरजना 
मेरे हाथो पे वो अर्धचंद्र निशाँ छोड़ना फिर शरमा कर मुँह ढाँपना 
तेरा वो मुड़ मुड़ कर देखना नज़रों से ओझिल होने तक 
एकटक निहारना सच तेरी क़सम बहुत अच्छा लगता था 
वो सब जो तू करती थी वो सब जो तूने किया 
ओ निराकार निर्मोही ना करना निराश मिलना दोबारा उस पार 
फिर शुरू करना है वो सफ़र उस पार से इस पार अच्छा लगता था 
जब वो मुझसे मिलती थी 
थोड़ा सा मुस्कुराती थी 
निगाहे झुका कुछ लजाती थी 
कभी दिल खोल खिलखिलाती थी 
मेरे घुंगरू बालों को संवारत

Vikas Sharma Shivaaya'

नवरात्र के तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है। इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा क #समाज

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नवरात्र के तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है। इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है। इनका वाहन सिंह है और दस हाथ हैं। इनके चार हाथों में कमल फूल, धनुष, जप माला और तीर है। पांचवा हाथ अभय मुद्रा में रहता है। वहीं, चार हाथों में त्रिशूल, गदा, कमंडल और तलवार है। पांचवा हाथ वरद मुद्रा में रहता है। मान्यता है कि भक्तों के लिए माता का यह स्वरू बेहद कल्याणकारी है। 

मां चंद्रघंटा के मंत्र:

पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥

ध्यान मंत्र:
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्धकृत शेखरम्।
सिंहारूढा चंद्रघंटा यशस्वनीम्॥
मणिपुर स्थितां तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
खंग, गदा, त्रिशूल,चापशर,पदम कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥

🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

नवरात्रि के चौथे दिन मां के चौथे स्वरूप माता कूष्मांडा की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता कूष्मांडा ने ही ब्रहांड की रचना की थी। इन्हें सृष्टि की आदि- स्वरूप, आदिशक्ति माना जाता है। मां कूष्मांडा सूर्यमंडल के भीतर के लोक में निवास करती हैं। मां के शरीर की कांति भी सूर्य के समान ही है और इनका तेज और प्रकाश से सभी दिशाएं प्रकाशित हो रही हैं। मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं। मां को अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है। इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। आठवें हाथ में जपमाला है। मां सिंह का सवारी करती हैं।

देवी कूष्मांडा मंत्र- 
या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्‍मांडा रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
ध्यान मंत्र:
वन्दे वांछित कामर्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्.
सिंहरूढाअष्टभुजा कुष्माण्डायशस्वनीम्॥
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च.
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
– दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्.
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
– जगन्माता जगतकत्री जगदाधार रूपणीम्.
चराचरेश्वरी कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' नवरात्र के तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है। इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा क

Vikas Sharma Shivaaya'

🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल #समाज

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🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩
 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें...,
  

📖✒️जीवन की पाठशाला 📙

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

      मां दुर्गा का  स्वरूप:           

माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है-नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है- इस दिन साधक का मन 'मणिपूर' चक्र में प्रविष्ट होता है...,

बीज मंत्र :
‘ऐं श्रीं शक्तयै नम:’

लोकवेद के अनुसार माँ चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं, दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियाँ सुनाई देती हैं- ये क्षण साधक के लिए अत्यंत सावधान रहने के होते हैं...,

मंत्र:
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

माँ का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है, इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है-इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है-इनके दस हाथ हैं- इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं- इनका वाहन सिंह है, इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है...,

श्लोक:
पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता | प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता ||

Affirmations:

61.मेरी आय निरंतर बढ रही है...,
62.मेरे  पास अनंत संभावनाएं हैं.. ,
63.मै स्वयं को वतॅमान में पूणॅतया प्रेम करता हूं.. ,
64.मै अपने आंतरिक शिशु को प्रेम से गले लगाता हूं...,
65.मै प्रतिदिन कुछ नया सीखता हूं.. ,

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' 🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩
 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें...,
  

📖✒️जीवन की पाठशाला 📙

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल
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