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Ghanshyam Ratre
गुजर रहे हैं दिन गुजर रहें हैं महिने अब आने वाले हैं नया साल। कभी खुशीयों में कभी गम से गुजर रहे जिंदगी के हाल- चाल।। ©Ghanshyam Ratre वक्त
वक्त
read moreआधुनिक कवयित्री
White वक्त अपना हैं, पर वक्त पर कोई अपना नहीं होता। तो फिर इसे क्यों बरबाद करते हैं, जिंदगी एक बार ही मिलती हैं। चलो इसे अपने नाम करते हैं। ©आधुनिक कवयित्री वक्त अपना......
वक्त अपना......
read moreVk srivastav
White गुजरते वक्त की तरहा गुजरना चाहो तो जाओ शजर के टूटे पत्तों सा बिखरना चाहो तो जाओ मैं तो हूं रात सिर्फ़ आराम ही दे पाऊंगा रोशनी वालों की तरहा निखरना चाहो तो जाओ ©Vk srivastav गुजरते वक्त की तरहा #शायरी #Trending #viral #SAD #vksrivastav
गुजरते वक्त की तरहा #शायरी #Trending #viral #SAD #vksrivastav
read moreDalip Kumar 'Deep'
White Shayer tera ©Dalip Kumar 'Deep' खूबसूरत दो लाइन शायरी अच्छा लगता है 😊✍🏿💕
खूबसूरत दो लाइन शायरी अच्छा लगता है 😊✍🏿💕
read moreAditya Bharti
White मेरी हाथों की लकीर मेरी आंखों का तारा मेरी किस्मत का सितारा इन सब का है एक हे इशारा की अब वक्त को बदलने का वक्त आ गया है ©Aditya Bharti #Sad_Status बुरे वक्त को बदलने की हिम्मत रखने वाले के लिए शायरी
#Sad_Status बुरे वक्त को बदलने की हिम्मत रखने वाले के लिए शायरी
read moreDr. H(s)uman , Homoeopath
White एक वक़्त था जब मैं उससे वक़्त मांगा करती थी अब वक़्त ये है कि वो मुझे वक़्त दे भी दे तो वो एहसास ही नहीं है # वक्त वक्त की बात है । ©Dr. H(s)uman , Homoeopath #वक्त
Dalip Kumar 'Deep'
White Shayer tera ©Dalip Kumar 'Deep' 'दर्द भरी शायरी' अच्छा लगता हैं वक़्त से पहले सोचना 😊💕💕
'दर्द भरी शायरी' अच्छा लगता हैं वक़्त से पहले सोचना 😊💕💕
read moreRiyanka Alok Madeshiya
White ये वक्त जो..... ---------------- ये वक्त जो गुजर रहा है,,, हाथों से रेत की तरह फिसल रहा है, कसती हूँ ;मुट्ठी को जितना- उतनी तेजी से निकल रहा है, मन होकर विकल मेरा उससे ये याचना कर रहा है कि- थोड़ा- सा थम जाओ ना ;इतनी भी क्या जल्दी है! शेष तो अभी कहाँ,,,! कृत्यों की कतार अभी बहुत ही लम्बी है,,,! जीवन- पथ की ये सड़क अभी तो बहुत ही कच्ची है। खुश होना है; खुश करना है, जीवन के उद्देश्यों को पूरा करना है, मानव की इस आकाशगंगा का सूरज मुझको बना है। चलो! तुम थमो नहीं, लेकिन रफ्तार धीमी तो कर सकते हो,,, कार्यों को सिद्ध करने में सहयोग तो कर सकते हो। हौसले में तो है; कमी नहीं , चल भी रही हूंँ तेज ;लेकिन अपनों से थोड़ी सी अपनेपन की प्रतीक्षा है। आएगा वह दिन भी जब तुम- स्वयं को मुझमें पा कर इतराओगें, खुश हो जाओगे जब तुम; मेरे नाम से भी पुकारे जाओगे। थोड़ा- सा थम जाओ ना ;इतनी भी क्या जल्दी है! शेष तो अभी कहाँ,,,! कृत्यों की कतार अभी बहुत ही लम्बी है....! रियंका आलोक मदेशिया ©Riyanka Alok Madeshiya #वक्त