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Eron (Neha Sharma)
India quotes बाल कविता सैनिक ●●●●● वो कैसे जिता होगा अकेले कैसे रहता होगा क्या डर नही किसी बात का क्या है वो आम इंसान सा माँ जरा बतला दे मुझे राज जरा जतला दे मुझे। बड़ी कश्मकश में हूँ आज। ये बात जरा समझा दे मुझे। मेरे लाल वो सीमा माँ है। सेवा में उनकी जहाँ हैं। जो जीते हैं बस माँ के लिये। उनके सीने में डर कहाँ हैं। अच्छा माँ अब मै निडर बनूँगा देश की सेवा बड़े होकर करूँगा मुझे भी तू बंदूक दिलाना मैं भी पापा जैसा बनूँगा। इतना कह माँ की अँखियाँ भर आयी। बेटे को बड़ा लाड़ जताई। लाल मेरे पहले खूब पढ़ना फिर सीमा पर जाकर लड़ना। मैं तुझे तैयार करूँगी। देश के लिये मजबूत करूँगी। पिता की फ़ोटो अब महक रही थी। धूपबत्ती से चहक रही थी।- नेहा शर्मा #NojotoQuote बाल कविता
खामोशी और दस्तक
फल जामुन देखो काली काली, लगी हुई है डाली डाली। डाल पकड़कर इसे हिलायें, जामुन गिरती टप टप टप । बीनो भाई झटपट झटपट, चलो चलें नदी किनारे । धो धोकर अब खायें प्यारे।। ©खामोशी और दस्तक बाल कविता
Jamil Khan
बालकविता- वफ़ादार हैं हाथी... वो बच्चों के हैं साथी ऊँचे कद के हैं हाथी छप्पन की उम्र से ही पकड़के चलते लाठी। जब सड़क पे चलते हैं हजारों कुत्ते भौंकते हैं फिर वो उलटकर नहीं किसी को पीछे देखते हैं बच्चों के तो होते हैं वो सबसे ख़ूबसूरत साथी। वो तालाब में नहाते हैं बच्चों को भी हर्षाते हैं अपनी पीठ पे बैठाकर जंगल की सैर कराते हैं प्रायः बच्चे बोला करते सबसे वफ़ादार हैं हाथी। मो- ज़मील अंधराठाढ़ी, मधुबनी (बिहार) मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित बालकविता। ©Jamil Khan बाल कविता.... #Trees
Harlal Mahato
जंगल में आया शेर। देखकर सब ने लिया मुह फेर। एक था बंदर जो दहाड़ से न भागे। साहस कर आया शेर के आगे। वाह रे हिम्मत तेरे आया जो पास मेरे आज तु मरेगा जरुर है जो आस मेरे तु क्या मारेगा मुझे। तु तो जानवर मामूली है। योद्धा बड़े हार माने मुझसे। तो तु किस खेत की मूली है। सुनकर शेर को गुस्सा आया पकड़ने बंदर के पास गया बंदर तो बंदर निकला झटपट पैड़ पर चढ़ गया शेर पकड़ न पाया बंदर। बन गया वह लाचार छूछूंदर। ताकते रहे मुह सर उठाके। शांत हुआ क्रोध उसके अंदर। ©Harlal Mahato #बाल कविता #Nojoto
R.b. Sharma
बिल्ली मौसी रोज हमारे घर चुपके से आती हैं। और दुधांड़ी के ढक्कन को पंजों से सरकाती हैं।।1 अम्मा घर के कामों में जब जाकर के लग जाती हैं। गरम-गरम वे दूध न पीतीं ठंडा चट कर जाती हैं। मछली,मुर्गा,ढूध-मलाई उनको खूब लुभाती है।।2 देख के उनकी भोली सूरत डरता छोटा भैया है अम्मा दौड़ो,अम्मा दौड़ो घर में घुसी बिलैया है।। डंडा लेकर अम्मा झपटे एक मार ना पाती हैं।।3 परेशान होके अम्मा ने बाँधा ऊंचा सींका है। फिर भी कोशिश करती रहतीं ढूंढें नया तरीका हैं। कई दिनों से देखा उनकी दाल नहीं गल पाती है।।4 ना जाने क्यों कुत्ते उनके जन्म-जन्म के बैरी हैं छत-छप्पर,दीवालें लांघे नयन मिलन की देरी है डर के मारे पागल सारे भूल पैंतरे जाती हैं।। बिल्ली मौसी (बाल कविता)